Cyber Fraud: बिहार में साइबर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 10 लाख ईमेल आईडी व पासवर्ड के साथ विदेशी दस्तावेज बरामद

Cyber Fraud: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के तुरकौलिया थाना क्षेत्र अंतर्गत टिकैता गांव में एक अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। इस गिरोह का संचालन हाईटेक उपकरणों और फर्जी दस्तावेजों के जरिए किया जा रहा था।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 03 Sep 2025 09:19:33 AM IST

Cyber Fraud

साइबर ठगी - फ़ोटो GOOGLE

Cyber Fraud: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के तुरकौलिया थाना क्षेत्र अंतर्गत टिकैता गांव में एक अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। इस गिरोह का संचालन हाईटेक उपकरणों और फर्जी दस्तावेजों के जरिए किया जा रहा था। साइबर पुलिस की टीम ने सोमवार देर रात छापेमारी कर इस पूरे नेटवर्क को उजागर किया है। कार्रवाई के दौरान भारी मात्रा में संदिग्ध दस्तावेज, डिवाइसेज़ और विदेशी नागरिकों से जुड़े प्रमाण भी जब्त किए गए हैं।


साइबर पुलिस ने मौके से यूक्रेन के एक नागरिक का एजुकेशन सर्टिफिकेट और मैक्सिको के एक नागरिक का ड्राइविंग लाइसेंस (DL) बरामद किया है। इसके साथ ही दो नेपाली नागरिकों के दस्तावेज भी मिले हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह गिरोह अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के साथ जुड़ा हुआ था।


छापेमारी के दौरान इस पूरे रैकेट का सरगना परवेज आलम, जो कि टिकैता गांव का निवासी है, मौके से फरार हो गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस गिरोह का संचालन परवेज आलम और नेपाल के रवि यादव मिलकर कर रहे थे। इन दोनों के खिलाफ कई राज्यों में साइबर फ्रॉड की शिकायतें दर्ज हैं।


मंगलवार को साइबर डीएसपी ने प्रेस कांफ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह गिरोह ऑनलाइन गेमिंग एप्स और विदेशी कैसीनो के जरिए ठगी के पैसों को वैध बना रहा था। पुलिस ने मौके से लगभग 10 लाख जीमेल आईडी और पासवर्ड भी बरामद किए हैं, जिनका इस्तेमाल साइबर अपराध में किया जा रहा था।


जब्त सामग्री की सूची में 28 एंड्रॉइड स्मार्टफोन, 2 कीपैड मोबाइल, 7 मॉनिटर, 7 सीपीयू, 5 यूपीएस, 10 मदरबोर्ड कवर, 35 मोबाइल कवर, 182 स्मार्ट बैंक कार्ड, 32 एटीएम कार्ड, 3 पेन ड्राइव, 2 सिम कार्ड, 1 फिंगरप्रिंट स्कैनर, 1 पासपोर्ट, 11 पासबुक, 16 चेकबुक, 2 नेपाली चेकबुक, 3 डायरी, 1 वाई-फाई राउटर, 5 आरसी (वाहन कागजात), एक स्कॉर्पियो वाहन शामिल है। इन सभी उपकरणों और दस्तावेजों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।


बरामद ईमेल डेटा के आधार पर साइबर पुलिस संबंधित ईमेल सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों से जानकारी ले रही है ताकि ठगी की गई राशि और ठगी के तरीके का पूरा डिजिटल ट्रैक निकाला जा सके।