ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: कांग्रेस उम्मीदवार ऋषि मिश्रा समेत 20 लोगों के खिलाफ केस दर्ज, इस मामले में हुआ एक्शन Bihar Election 2025: कांग्रेस उम्मीदवार ऋषि मिश्रा समेत 20 लोगों के खिलाफ केस दर्ज, इस मामले में हुआ एक्शन ‘2% वाला डिप्टी सीएम, 13% वाला सीएम, 18% वाला दरी बिछावन मंत्री’ मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम फेस घोषित करने पर भड़की ओवैसी का पार्टी ‘2% वाला डिप्टी सीएम, 13% वाला सीएम, 18% वाला दरी बिछावन मंत्री’ मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम फेस घोषित करने पर भड़की ओवैसी का पार्टी Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जिला प्रशासन सख्त, गयाजी में 17 अपराधी थाना बदर; 114 को मिला CCA नोटिस Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जिला प्रशासन सख्त, गयाजी में 17 अपराधी थाना बदर; 114 को मिला CCA नोटिस Bihar News: बिहार के इस स्टेशन पर रेलवे की बड़ी पहल, छठ पर्व पर यात्रियों को मिल रही विशेष सुविधा Bihar Election 2025: जेपी नड्डा का लालू यादव पर बड़ा हमला, चुनावी सभा में शहाबुद्दीन और जंगलराज का भी किया जिक्र Bihar Election 2025: जेपी नड्डा का लालू यादव पर बड़ा हमला, चुनावी सभा में शहाबुद्दीन और जंगलराज का भी किया जिक्र Bhojpur News: समाजसेवी अजय कुमार सिंह ने बहनों संग मनाया भाई दूज का पावन पर्व, सभी का जताया आभार

Bihar News: रंगदारी और मारपीट के आरोप मामले में थानाध्यक्ष निलंबित, एसडीपीओ की जांच रिपोर्ट के आधार हुई कार्रवाई

Bihar News: रंगदारी और मारपीट करना थानाध्यक्ष को पड़ा भारी, एसडीपीओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर हुए सस्पेंड, कई सहयोगियों पर भी गिर सकती है गाज।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 22 May 2025 10:05:58 AM IST

 Bihar News

थानाध्यक्ष अमरज्योति और पीड़ित - फ़ोटो रिपोर्टर

Bihar News: बिहार के सहरसा जिले से खबर आ रही है कि एसपी हिमांशु ने बैजनाथपुर थानाध्यक्ष अमरज्योति को निलंबित कर लाइन हाजिर कर दिया है। थानाध्यक्ष पर जबरदस्ती रंगदारी, मारपीट और अवैध रूप से रुपये वसूलने का आरोप लगा था। इस मामले की शिकायत पीड़ित ने एसपी से की थी, जिसके बाद सदर एसडीपीओ आलोक कुमार को जांच सौंपी गई। एसडीपीओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।


मधेपुरा जिले के परमानंदपुर पथराहा निवासी अविनाश कुमार ने एसपी को आवेदन देकर अपनी आपबीती बताई थी। अविनाश ने बताया कि वह पटना में रहकर बीपीएससी की तैयारी करता है। बीते 3 मई को वह राज्यरानी ट्रेन से पटना से सहरसा अपने घर आ रहा था। शाम करीब 5:15 बजे सहरसा रेलवे स्टेशन पहुंचा और मधेपुरा जाने के लिए टिकट लिया। प्लेटफॉर्म नंबर 3 पर मधेपुरा की ट्रेन का इंतजार कर रहा था, तभी अचानक 5-6 अज्ञात लोग उसके पास आए और उसे पकड़कर प्लेटफॉर्म नंबर 4 की ओर ले गए। इस दौरान उसका मोबाइल भी छीन लिया गया।


अविनाश ने बताया कि उसने कहा कि उसकी ट्रेन छूट जाएगी और पूछा कि उसे कहां ले जाया जा रहा है। लेकिन उन लोगों ने दबाव बनाकर पूछा कि उसके पास कितने पैसे हैं। डर के मारे वह कुछ समझ नहीं पाया और इसी बीच उसकी मधेपुरा जाने वाली ट्रेन छूट गई। इसके बाद उन लोगों ने उसे पैदल स्टेशन से बाहर ले गए। प्रशांत मोड़ से थोड़ा आगे पहुंचकर सभी ने ठंडा-पानी पीना शुरू किया।


इसी दौरान एक व्यक्ति ने फोन करके एक स्कॉर्पियो गाड़ी मंगवाई, जिसके अंदर पुलिस का बोर्ड लगा था। तब अविनाश को लगा कि ये लोग पुलिसकर्मी हो सकते हैं। उसने एक व्यक्ति से पूछा कि वे कौन हैं और किस थाने से हैं। उस व्यक्ति ने अपना नाम मुकेश पासवान बताया और कहा कि उनके साथ बैजनाथपुर थानाध्यक्ष अमरज्योति और एक रूपेश सहित अन्य लोग हैं।


अविनाश ने थानाध्यक्ष से पूछा कि उसे क्यों पकड़ा गया है, वह तो पटना में पढ़ाई करता है। इस पर उन्होंने कहा कि गाड़ी में बैठो, थाने पर बताएंगे कि तुम क्या करते हो। इसके बाद उसे जबरदस्ती गाड़ी में बैठाया गया। गाड़ी में मुकेश पासवान, रूपेश और अन्य लोग भी थे। गाड़ी बैजनाथपुर की ओर चल पड़ी।


अविनाश को लगभग तीन घंटे तक गाड़ी में बैठाकर बैजनाथपुर चौक से आगे मुसहनियां, पथराहा की ओर ले जाया गया। इस दौरान गाड़ी में उसे गाली-गलौज और प्रताड़ना का शिकार बनाया गया। उसे धमकी दी गई कि अगर एक लाख रुपये नहीं दिए तो उसके बैग में कफ सिरप और पाउडर डालकर जेल भेज दिया जाएगा।


इसके बाद उसे थाने लाया गया और एक कमरे में बंद कर दिया गया। एक घंटे बाद उसे बाहर निकालकर बेरहमी से मारपीट की गई और परिजनों से एक लाख रुपये मंगवाने के लिए दबाव डाला गया। अविनाश ने अपने परिजनों से संपर्क किया। परिजनों के पहुंचने पर थानाध्यक्ष ने बताया कि यह मामला डीआईयू का है और कुछ रुपये डीआईयू सिपाही को भी देने होंगे।


इसके बाद अविनाश के पिता ने मेडिकल कॉलेज के पास 29 हजार रुपये नकद दिए और उनके पिता के दोस्त मो. सद्दाम ने दिए गए दो फोन नंबरों पर 50 हजार रुपये का भुगतान किया। इसके बाद अविनाश को छोड़ा गया, लेकिन उसका मोबाइल फोन वापस नहीं किया गया। इस घटना के बाद अविनाश ने एसपी से शिकायत की, जिसके आधार पर जांच के बाद थानाध्यक्ष अमरज्योति को निलंबित कर दिया गया।


रितेश हनी की रिपोर्ट