Dularchand Yadav Murder : टाल में कहां से आया रेलवे का पत्थर होगी जांच, मोकामा में बोले ललन सिंह -अनंत सिंह को साजिश के तहत फंसाया गया Bihar Election 2025: भागलपुर में नीतीश कुमार का बड़ा बयान, कहा- “पहले की सरकार फालतू थी, अब हर घर में रोशनी और सुरक्षा” Dularchand Yadav murder : दुलारचंद की हत्या से पहले कुर्ता खोलते हुए वीडियो आया सामने,सोशल मीडिया पर वायरल इस सबूत से होगा दूध का दूध और पानी का पानी Bihar Crime News: हॉस्टल में नौंवी के छात्र का शव फंदे से लटकता मिला, इलाके में सनसनी bike accident : जमुई में अज्ञात वाहन ने बाइक सवार तीन युवकों को टक्कर मारी, दो की मौत; एक घायल Bihar Election 2025: ‘तीन बंदर आए हैं, पप्पू, टप्पू और अप्पू’ सीएम योगी आदित्यनाथ का महागठबंधन पर तंज Bihar Election 2025: ‘तीन बंदर आए हैं, पप्पू, टप्पू और अप्पू’ सीएम योगी आदित्यनाथ का महागठबंधन पर तंज Indian Rupee Weak: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले धराशायी हुआ रुपया, जानिए गिरावट की बड़ी वजह ED Action: अनिल अंबानी के खिलाफ ED की बड़ी कार्रवाई, रिलायंस ग्रुप की 3,084 करोड़ से अधिक की संपत्तियां अटैच ED Action: अनिल अंबानी के खिलाफ ED की बड़ी कार्रवाई, रिलायंस ग्रुप की 3,084 करोड़ से अधिक की संपत्तियां अटैच
1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Fri, 21 Mar 2025 03:47:36 PM IST
- फ़ोटो Google
Bihar News: नीतीश सरकार ने चार जजों को जबरन रिटायर कर दिया है. इनमें से दो न्यायाधीश विभिन्न आरोपों सस्पेंड थे. इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है. पटना उच्च न्यायालय के महानिबंधक ने इस संबंध में 5 फरवरी 2025 को राज्य सरकार से अनुशंसा किया था. इस आलोक में सरकार ने चारों न्यायाधीशों को अनिवार्य सेवानिवृत कर दिया है.
इन जजों को किया गया जबरन रिटायर
जिन न्यायिक पदाधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है, उनमें सुपौल के निलंबित प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र कुमार, भोजपुर के प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय त्रिलोकी दुबे, सारण के अपर सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार-1(निलंबित) हैं. वहीं पूर्वी चंपारण के जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश अवधेश कुमार शामिल हैं.
तीन महीने का वेतन-भत्ता देकर किया गया अनिवार्य सेवानिवृत
चार न्यायिक पदाधिकारी को 3 महीने का वेतन और अन्य भत्ते का अग्रिम भुगतान कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है. दो न्यायिक प्राधिकारी धर्मेंद्र कुमार जायसवाल एवं अरुण कुमार-1 जो निलंबित हैं, का निलंबन आदेश अनिवार्य सेवा निवृत्ति की तिथि से स्वतः समाप्त हो जाएगा.