Bihar Crime News: बिहार में मेडिकल फिटनेस के नाम पर घूस लेते चार सिपाही अरेस्ट, 3.5 लाख कैश बरामद Bihar Crime News: बिहार में मेडिकल फिटनेस के नाम पर घूस लेते चार सिपाही अरेस्ट, 3.5 लाख कैश बरामद Vastu Shastra: घर में होगी पैसों की बरसात, अपनाएं ये वास्तु टिप्स; दूर होगी हर परेशानी दागी मेयर पुत्र 'शिशिर' के आतंक का अंत ! PMC कमिश्रर ने चेताया- निगम से सफाई अभियान जारी रहेगा, बम-बंदूक-बाउंसर से विचारों को दबा नहीं सकते Bihar Crime News: बिहार में पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने बोला हमला, छापेमारी के दौरान दो शराब तस्करों की मौत के बाद भड़का आक्रोश Bihar Crime News: बिहार में पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने बोला हमला, छापेमारी के दौरान दो शराब तस्करों की मौत के बाद भड़का आक्रोश Bihar Crime News: खगड़िया में किशोर की निर्मम हत्या, मुंह में गोली मार निर्वस्त्र लाश बगीचे में फेंकी Bihar Rain Alert: बिहार के 8 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी, अगले 3 घंटे बरतें विशेष सावधानी Bihar Politics: लालू प्रसाद ने क्यों दिया था ‘भूरा बाल साफ करों’ का नारा? नित्यानंद राय ने बताई असली बात Bihar Politics: लालू प्रसाद ने क्यों दिया था ‘भूरा बाल साफ करों’ का नारा? नित्यानंद राय ने बताई असली बात
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 18 Jun 2025 07:23:34 AM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही अभियान बसेरा-दो योजना के तहत गरीबों और भूमिहीन परिवारों को घर बनाने के लिए जमीन देने की प्रक्रिया में कई अधिकारियों द्वारा मनमानी किए जाने का गंभीर मामला सामने आया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि सैकड़ों योग्य परिवारों को अयोग्य करार देकर योजना से वंचित कर दिया गया।
इस योजना के तहत राज्य सरकार पात्र भूमिहीन परिवारों को 5 डिसमिल तक की जमीन देने का प्रावधान करती है। अब तक 1.25 लाख से अधिक परिवारों का सर्वेक्षण किया गया, लेकिन उनमें से लगभग 52 प्रतिशत परिवारों को "नॉट फिट फॉर लैंड अलॉटमेंट" यानी ज़मीन के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया।
जब इतनी बड़ी संख्या में परिवारों को अयोग्य करार दिया गया, तो विभाग को संदेह हुआ कि स्थानीय अधिकारियों द्वारा जान-बूझकर गरीबों के साथ भेदभाव किया गया है। विभाग के सचिव जय सिंह ने हाल ही में अपर समाहर्ताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर योजना की समीक्षा की। इसमें यह तथ्य सामने आया कि अब तक सिर्फ 48,000 परिवारों को ही जमीन मिल पाई है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि कई क्षेत्रों में मुसहर, दलित और महादलित समुदायों के परिवारों को भी अयोग्य बता दिया गया। इन परिवारों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति बेहद कमजोर है, फिर भी उन्हें लाभ से वंचित किया गया।
विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि गैर-राजस्व संवर्गीय पर्यवेक्षकों की टीम बनाकर "नॉट फिट" घोषित किए गए आवेदकों की दोबारा ऑनलाइन जांच की जाए। यह प्रक्रिया मोबाइल एप्लिकेशन "अभियान बसेरा" के जरिए की जा रही है, जिसमें "रि-वेरिफाई रिजेक्टेड अप्लीकेंट" नामक प्रपत्र में रिपोर्ट दर्ज करनी है।
अब तक जिन जिलों से रिपोर्ट मिली है, उनमें स्पष्ट हुआ है कि कई प्रखंडों में अंचलाधिकारी और राजस्व अधिकारी नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों से स्पष्टीकरण (शोकॉज नोटिस) मांगा जा रहा है। अब तक विभाग आधा दर्जन से अधिक कर्मियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई कर चुका है। अंतिम जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी अधिकारियों के खिलाफ निलंबन, विभागीय कार्यवाही और यहां तक कि एफआईआर दर्ज करने जैसे सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।
भूमिहीन किसान संघ के नेता रामकिशोर पासवान का कहना है कि यह बेहद शर्मनाक है कि जिन्हें सबसे ज्यादा ज़रूरत है, उन्हें ही सरकार की योजना से बाहर कर दिया गया है। दोषी अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए ताकि ऐसी अनियमितताएं दोबारा न हों। बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना "अभियान बसेरा-दो" गरीबों के जीवन में बदलाव लाने की दिशा में एक मजबूत कदम है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर हो रही मनमानी और पक्षपात इस उद्देश्य को बाधित कर रही है। विभाग की सख्ती और पारदर्शिता की दिशा में उठाए गए कदमों से उम्मीद है कि न्याय मिलेगा और योग्य लाभुकों को उनका हक जरूर मिलेगा।