KVS Admission 2025: केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन की तिथि बढ़ी, अब इस दिन तक कर सकते हैं आवेदन Janta curfew ;जनता कर्फ्यू की कहानी: जब पूरे देश में गूंज उठी ताली और थाली की आवाज Delhi politics: AAP का प्रदर्शन: महिला समृद्धि योजना लागू नहीं करने पर भाजपा के खिलाफ विरोध Meerut Murder: साहिल रोजाना पीता था शराब, होटल में बताया – "मुस्कान मेरी पत्नी" Viral Video: पटना में दहशत...बिल्डर ने भूमि पूजन के दौरान हथियारों से की अंधाधुंध फायरिंग, दबंगई का खुला प्रदर्शन Pancahyat Byelection: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले होंगे पंचायत उपचुनाव, वोटर लिस्ट का कार्य शुरू Cricket News : “बेशर्मी की हद है”: टी-20 विश्वकप में इस पाकिस्तानी प्लेयर ने बिना पैसे दिए ख़रीदे महंगे बैट, अब नहीं उठा रहा दुकानदार के फोन Bollywood Untold : जब एक स्टार किड ने उड़ाया था हर्षवर्धन राणे का मजाक, आज भी उस घटना को याद कर हो जाते हैं मायूस Rera Bihar: रेरा का चला चाबुक....पांच बिल्डरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, घर-लक्ष्मी बिल्डकॉन व अन्य की संपत्ति होगी जब्त Life Style: हमारी सेहत के लिए मटका या फ्रिज किसका पानी है फायदेमंद? जानिए..
21-Mar-2025 02:37 PM
KK Pathak : बिहार के परेशान शिक्षकों को अब फिर से केके पाठक याद आने लगे हैं, जी हां.. वही केके पाठक जो कभी इन शिक्षकों के लिए अत्याचार करने वाले और प्रताड़ना करने वाले एक अधिकारी थे, आज वे इनकी नजरों में मसीहा बन गए हैं. शिक्षकों का कहना है कि केके पाठक के कार्यकाल में उन्हें समय पर सैलरी मिल जाया करती थी, लेकिन हालात अब बदल चुके हैं.
अब आलम यह है कि यह लापरवाह विभाग तीन-तीन महीने की सैलरी लटकाकर बैठी है, इससे शिक्षक अब परेशान हो उठे हैं और आंदोलन तक करने की धमकी दे रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि उनका अपने परिवार तक को चलाना मुश्किल हो रहा है. आखिर ऐसे में भला उनके पास और विकल्प ही क्या बचता है. ये टीचर अब केके पाठक को याद कर पश्चाताप के आंसू बहा रहे हैं.
बता दें कि पीड़ित शिक्षकों ने यह तक कहा है कि उन्होंने कई उच्च अधिकारियों के पास शिकायत की लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ, ऐसे में अब इन्होने अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर 31 मार्च तक बकाया वेतनों का भुगतान नहीं किया जाता है तो सभी शिक्षक 1 अप्रैल से जिला शिक्षक कार्यालय के सामने धरना तथा अनशन पर बैठ जाएँगे.
बताते चलें कि ऐसे शिक्षकों का अब अपने बच्चों की फीस तक भर पाना मुश्किल हो गया है, पहले इन्हें महीने के ख़त्म होते ही समय पर वेतन भुगतान कर दिया जाता था. लेकिन अब पिछले 78 दिनों से ये सभी अपनी मेहनत की कमाई पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, फिर भी कोई नतीजा नहीं निकल रहा है. देखना होगा कि अब कितने दिनों में आखिर इन शिक्षकों की इस समस्या का निदान किया जाता है.