बिहार के सिपाही प्रशिक्षण केंद्रों में जीविका दीदी बनाएंगी भोजन, 21 हजार से अधिक जवानों को एक साथ ट्रेनिंग शुरू

बिहार पुलिस के 21,391 नए सिपाहियों को पहली बार एक साथ ट्रेनिंग दी जा रही है। जिनकी भोजन की व्यवस्था की जिम्मेवारी जीविका दीदियों को सौंपी गयी है। एडीजी (प्रशिक्षण ) ने बताया कि प्रशिक्षण में 1500 ट्रेनर की तैनाती की गयी है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 06 Aug 2025 06:44:34 PM IST

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जीविका दीदियों को मिली बड़ी जिम्मेवारी - फ़ोटो GOOGLE

PATNA: बिहार पुलिस में नवनियुक्त 21 हजार 391 सिपाहियों को एक साथ प्रशिक्षण देने की शुरुआत इस वर्ष 21 जुलाई से की गई है। पहली बार इतनी बड़ी संख्या में सिपाहियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। इनके सभी प्रशिक्षण केंद्रों में भोजन की समुचित व्यवस्था जीविका दीदियों को सौंपी गई है। इसे लेकर जीविका के साथ एमओयू (समझौता पत्र) पर हस्ताक्षर किया गया है। 


यह जानकारी अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) (प्रशिक्षण) संजय कुमार सिंह ने दी। वह बुधवार को पुलिस मुख्यालय के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पहली बार इतनी बड़ी संख्या में सिपाहियों को इकट्ठे 9 महीने का बेसिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें 10 हजार 207 पुरुष, 11 हजार 176 महिला और 8 ट्रांसजेंडर शामिल हैं। 8 ट्रांसजेंडरों में 5 महिला और 3 पुरुष ट्रांसजेंडर शामिल हैं।


एडीजी ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में सिपाहियों को ट्रेनिंग देने के लिए खासतौर से 1500 ट्रेनरों को इस काम में लगाया गया है। इन सभी ट्रेनरों को महंगाई भत्ता 20 फीसदी करने की तैयारी है। इसका प्रस्ताव चला गया है। अभी छठवें वेतन आयोग के आधार पर यह भत्ता दिया जाता है। उन्होंने कहा कि सभी बीएसएपी (बिहार स्पेशल सशस्त्र पुलिस) के बटालियन, नाथनगर समेत अन्य ट्रेनिंग केंद्रों, जिला पुलिस बल के केंद्रों के अलावा सीआरपीएफ एवं एसएसबी के ट्रेनिंग केंद्रों में भी पुलिस जवानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बाढ़ स्थिति सीआरपीएफ के ट्रेनिंग केंद्र में महिला सिपाहियों की ट्रेनिंग चल रही है। इनकी ट्रेनिंग थोड़ी अलग और अधिक सशक्त है। 


उन्होंने कहा कि इस बार सिपाहियों को इंडोर प्रशिक्षण देने के लिए नया कंपेडियम तैयार किया गया है। इसमें 70 फीसदी बदलाव करते हुए नया बीएनएसएस कानून के सभी जरूरी प्रावधानों को जोड़ा गया है। इसके अलावा छापेमारी, हथकड़ी, अपराधियों को गिरफ्तार करने के तरीके समेत अन्य सभी जरूरी बातों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। नई चुनौती और परिक्षेत्र के मुताबिक तैयार इस नए सिलेबस में सभी जरूरी बातों को समाहित किया गया है। ताकि सिपाहियों को सभी जरूरी पहलुओं के बारे में जानकारी हो सके।