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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 25 Nov 2025 04:09:26 PM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार के कोसी क्षेत्र में अब फिर से किसानों के पुराने दिन लौटने वाले हैं। बिहार कृषि विभाग ने अब गन्ना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर सब्सिडी योजना शुरू की है। गन्ना हार्वेस्टर, शुगरकेन कटर प्लांटर, लैंड लेवलर, कल्टीवेटर, रिंग पिट डिगर, ट्रेंच ओपनर, सिंगल बड कटर, पावर वीडर और विद्युत/हैंड ऑपरेटेड जूसर मशीन पर 50% से 60% तक अनुदान मिलेगा। इससे खेती भी आसान होगी और किसान गन्ने का जूस निकालकर सीधे बाजार में बेचकर दोगुनी कमाई भी कर सकेंगे।
सहरसा जिले के कहरा, सत्तर कटैया, सुपौल, मधेपुरा और आसपास के इलाकों में पहले बड़े स्तर पर गन्ने की खेती होती थी, लेकिन मजदूरी महंगी होने और मेहनत के अनुपात में दाम कम मिलने से किसान दूसरे फसल की ओर मुड़ गए थे। अब सरकार इस योजना से फिर से गन्ने की खेती को पुनर्जीवित करना चाहती है। जूस निकालने की मशीन पर सब्सिडी से गांव में ही छोटे-छोटे जूस सेंटर खुल सकेंगे, जिससे बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार मिलेगा। विभाग का लक्ष्य अगले तीन साल में कोसी में गन्ने का रकबा को दोगुना करना है।
इसके लिए आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन होगा। किसान DBT कृषि पोर्टल dbtagriculture.bihar.gov.in या नजदीकी वसुधा केंद्र/साइबर कैफे से फॉर्म भर सकते हैं। जरूरी दस्तावेज में शामिल हैं आधार कार्ड, बैंक पासबुक, खाता-खेसरा/एलपीसी, जाति प्रमाण पत्र (आरक्षित वर्ग के लिए) इत्यादि। आवेदन के बाद कृषि समन्वयक मौके पर सत्यापन करेंगे और सब्सिडी सीधे उनके खाते में जाएगी। पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर लाभ मिलेगा, इसलिए जल्दी आवेदन करें।
यह योजना गन्ने की खेती को बचाने के लिए तो है ही पर साथ में किसानों की आय को दोगुनी करने की दिशा में भी क्रांतिकारी कदम है। विभाग के अधिकारी ने बताया है कि 2026 तक कोसी फिर से बिहार का शक्कर बाउल बन जाएगा। जो किसान पहले गन्ने से मुंह मोड़ चुके थे, अब वापस लौटेंगे। मिठास की यह वापसी बिहार के ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी काफी मजबूत करेगी।