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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 25 Apr 2025 08:39:00 AM IST
ईडब्लूएस वर्ग को कम आरक्षण देने के मामले में बीपीएससी और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। - फ़ोटो Google
Bihar News : बिहार में बीपीएससी द्वारा शिक्षक बहाली में ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण घटाकर 917 पदों तक सीमित करने के मामले में पटना हाई कोर्ट ने बीपीएससी और राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 23 जून को होगी।
कोर्ट में यह बताया गया कि बिहार के स्कूलों में शिक्षक भर्ती के लिए बीपीएससी ने पिछले साल विज्ञापन संख्या 22/2024 जारी किया था, जिसमें ईडब्लूएस के लिए आरक्षित 10 प्रतिशत आरक्षण को घटाकर केवल 917 पदों पर सीमित कर दिया गया। पहले 21,771 पदों पर भर्ती होने वाली थी, जिसमें ईडब्लूएस के लिए लगभग 2000 पद आरक्षित थे।
बाद में, अदालत द्वारा 2023 के 65 प्रतिशत आरक्षण कानून को असंवैधानिक करार देने के बाद पदों की संख्या घटाकर 19,842 कर दी गई और ईडब्लूएस को केवल 917 सीटें आरक्षित की गईं। अर्जी में यह भी कहा गया कि महिलाओं को ऊर्ध्व (ऊपर की श्रेणी में) आरक्षण दिया गया, जबकि संविधान के अनुसार उन्हें क्षैतिज (समान श्रेणियों में) आरक्षण मिलना चाहिए।
ईडब्ल्यूएस (Economically Weaker Sections) आरक्षण भारत सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10% आरक्षण देने की एक पहल है। यह आरक्षण उन परिवारों को प्रदान किया जाता है जिनकी वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम होती है और जो पिछड़ी जातियों, अनुसूचित जातियों या जनजातियों में शामिल नहीं होते।
यह कदम 2019 में संविधान के 103वें संशोधन के तहत लिया गया था, ताकि समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को समान अवसर मिल सके। ईडब्ल्यूएस आरक्षण का उद्देश्य इस वर्ग को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में प्रवेश के अवसर प्रदान करना है, जिससे वे समाज में बेहतर स्थान प्राप्त कर सकें।