1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Wed, 18 Jun 2025 06:56:30 PM IST
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Bihar News: बिहार के अंचल अधिकारियों पर नकेल कसने की कोशिश जारी है. हालांकि सरकार के तमाम प्रयास अब तक विफल साबित हुए हैं. विभागीय कार्यवाही में मामूली सजा दी जाती है. वैसे अंचल अधिकारी आगे भी अपने पद पर ही बने रह जाते हैं. मंगलवार को राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने बिहार राजस्व सेवा के अधिकारियों/ अंचलाधिकारियों पर गठित आरोप, परिवाद से संबंधित लंबित वादों की समीक्षा बैठककी. बैठक में विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, सचिव जय सिंह, सचिव गोपाल मीणा भी उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान लम्बित वादों की अद्यतन स्थिति की गहन समीक्षा की गई। मंत्री संजय सरावगी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऐसे वादों का निष्पादन प्राथमिकता के आधार पर किया जाए, ताकि गलत करने वालों को सजा मिले और निर्दोष को न्याय। इससे प्रशासनिक पारदर्शिता बनी रहेगी तथा अधिकारियों की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी। उन्होंने यह भी कहा कि लम्बित मामलों के निपटारे में ढिलाई किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगी। उन्होंने जिलों से प्राप्त होने वाले प्रतिवेदन की गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने पर बल दिया। साथ ही कहा कि ऐसे अधिकारी जिनपर गंभीर प्रकृति के आरोप लगे हों, उनपर त्वरित कार्यवाई सुनिश्चित की जाये।
अपर मुख्य सचिव ने मंत्री को लम्बित वादों की अद्यतन स्थिति से अवगत कराते हुये कहा कि सभी मामलों की लगातार समीक्षा कर पुराने मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा सुनिश्चित कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अंचल अधिकारी/राजस्व अधिकारी पर कार्रवाई के कुल 544 मामलों का निपटारा किया गया है। इसमें 248 को लघु दंड, 92 को वृहद दंड, 89 की पेंशन कटौती और 135 पर चेतावनी की कार्रवाई की गई। इनमें से 234 मामलों का निष्पादन वर्ष 2024-2025 में किया गया है।
राजस्व मंत्री ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि विभागीय निगरानी प्रणाली को और मजबूत कर निष्पादन प्रक्रिया को गति दी जाये और यह सुनिश्चित किया जाये कि लंबित वाद जल्द से जल्द सुलझाए जाएं। मंत्री सरावगी ने ऐसे आवेदन जो मुख्यालय में आते हैं उनके निष्पादन के संबंध में चर्चा की। उन्होंने कहा कि लोग उम्मीदों के साथ विभाग में आकर अपना आवेदन देते हैं, हमें उनका यह विश्वास बनाये रखना है। इसके लिये ऐसी व्यवस्था बनायी जाये कि इन आवेदनों की समुचित जांच के पश्चात त्वरित निष्पादन सुनिश्चित किया जाये। निष्पादन के क्रम में आवेदनों के अद्यतन स्थिति की जानकारी भी संबंधित अधिकारियों को रहे। ऐसी व्यवस्था का निर्माण किया जाये। समीक्षा बैठक में चकबंदी निदेशक राकेश कुमार, संयुक्त सचिव अनिल कुमार पांडेय, विशेष कार्य पदाधिकारी मणिभूषण किशोर समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।