बक्सर में विश्वामित्र सेना के कार्यक्रम में बोले राजकुमार चौबे, कहा..बाहरी उम्मीदवारों को चुनाव में खदेड़कर भगाया जाएगा

इस आयोजन के माध्यम से विश्वामित्र सेना ने बक्सर की धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक एकता को मजबूत करने का संदेश दिया और संकल्प लिया कि बक्सर को उसकी गौरवशाली पहचान पुनः दिलाई जाएगी।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 05 Oct 2025 07:43:39 PM IST

बिहार

‘सनातन सभा सह-संस्कृति कार्यक्रम’ - फ़ोटो सोशल मीडिया

BUXAR: बक्सर के दलसागर खेल मैदान में विश्वामित्र सेना द्वारा ‘सनातन सभा सह-संस्कृति कार्यक्रम’ का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर हजारों की संख्या में बक्सरवासियों ने एकजुट होकर सनातन धर्म की आवाज बुलंद की और उपेक्षित बक्सर को उसकी प्राचीन पहचान वापस दिलाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक श्री राजकुमार चौबे स्वयं उपस्थित रहे।


जनसभा को संबोधित करते हुए श्री चौबे ने कहा कि बक्सर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है, किंतु दुर्भाग्यवश इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण नहीं किया गया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वर्षों से  सत्तासीन लोगों ने बक्सर को केवल लूटने और कमजोर करने का काम किया। हमारा बक्सर बिहार का सबसे विकसित जिला बन सकता था, लेकिन किसी ने इसके विकास पर ध्यान नहीं दिया। अब 2025 के चुनाव में बक्सर से बाहरी उम्मीदवारों को यहां से खदेड़कर भगाया जाएगा।


उन्होंने आगे कहा कि बक्सर का इतिहास सतयुग और त्रेतायुग से जुड़ा है, फिर भी यह आज उपेक्षा का शिकार है। इस विषय पर मैंने स्वयं प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। आज सरकार विकास कार्य करने के लिए मजबूर हुई है क्योंकि विश्वामित्र सेना ने अपनी आवाज इतनी बुलंद कर दी है कि अब सरकार को सुनना पड़ रहा है। श्री राजकुमार चौबे ने क्षेत्र की समस्याओं पर चिंता जताते हुए कहा, आज बक्सर में न रोजगार है, न शिक्षा की स्थिति संतोषजनक है। युवा पलायन के लिए मजबूर हैं। 


यदि बक्सर को उसकी पहचान मिल जाए तो यहां के बच्चों को घर छोड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी। विश्वामित्र सेना बक्सर के सर्वांगीण विकास और उसकी ऐतिहासिक गरिमा को पुनः स्थापित करने की दिशा में संघर्षरत है। अंत में उन्होंने कहा कि आज का यह भव्य आयोजन इसलिए किया गया है क्योंकि वर्तमान सरकार का कार्यकाल समाप्ति की ओर है। 24 नवम्बर के बाद नई सरकार बनेगी, लेकिन सवाल यह है कि इस सरकार ने बक्सर को आखिर क्या दिया? यहां मंदिरों की भूमि तक पर अतिक्रमण हो चुका है, और विकास ठप है। वामन अवतार जैसे धर्मरक्षक आज जेल में हैं और सरकार ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया — यही सबसे बड़ा दुर्भाग्य है। इस कार्यक्रम के माध्यम से विश्वामित्र सेना ने बक्सर की धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक एकता को मजबूत करने का संदेश दिया और संकल्प लिया कि बक्सर को फिर से उसकी गौरवशाली पहचान दिलाई जाएगी।