BETTIAH: दो युवकों को पेड़ से बांधकर पीटा गया, बैटरी चोरी का आरोप, वीडियो वायरल Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा दिल्ली दंगों का आरोपी शरजील इमाम, कोर्ट से मांगी अंतरिम जमानत Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा दिल्ली दंगों का आरोपी शरजील इमाम, कोर्ट से मांगी अंतरिम जमानत इंटैक हेरिटेज क्विज़ में पूर्णिया चैप्टर और विद्या विहार के छात्रों ने रचा इतिहास, जीता पहला स्थान Bihar Election 2025: पूर्व IPS शिवदीप लांडे इस सीट से लड़ेंगे बिहार विधानसभा का चुनाव, NR कटवाने के बाद खुद किया एलान Bihar Election 2025: पूर्व IPS शिवदीप लांडे इस सीट से लड़ेंगे बिहार विधानसभा का चुनाव, NR कटवाने के बाद खुद किया एलान Bhojpur News: वर्मा फाउंडेशन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स ने रचा नया इतिहास, 124 विद्यार्थियों का CHO के पद पर हुआ चयन Bhojpur News: वर्मा फाउंडेशन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स ने रचा नया इतिहास, 124 विद्यार्थियों का CHO के पद पर हुआ चयन IRCTC घोटाले को लेकर रोहित सिंह ने लालू परिवार पर बोला बड़ा हमला, कहा– ‘तेजस्वी की हार राघोपुर से तय’ Bihar News: बिहार से दिल्ली जा रही एक्सप्रेस ट्रेन की AC बोगी में उठा धुआं, रेल यात्रियों में मचा हड़कंप; ऐसे टला बड़ा हादसा
04-Jan-2024 01:07 PM
By First Bihar
PATNA : बिहार की शिक्षा व्यवस्था को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। सूबे में कभी योग्य टीचर की कमी बताई जाती है तो कभी संसाधन में खामी बता लोग अपना पल्ला खींचना शुरू कर दते हैं। हालांकि, इन दिनों बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में काफी हद तक काम हो रहा है। वृहत पैमाने पर नए शिक्षकों की बहाली हो रही है और साथ ही लापरवाही पर एक्शन भी लिए जा रहे हैं। इन सबके बीच जो शख्स सबसे अधिक चर्चा है वो है शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक। इनको जब से शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी मिली है तबसे ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं। ऐसे में अब इनसे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक बड़ी मांग कर दी है।
जीतन राम मांझी ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से मांग करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- वैसे तो केके पाठक साहब शिक्षा के दिशा में अद्वितीय काम कर रहें हैं पर यदि वह एक काम और कर दें तो शिक्षा के क्षेत्र में एतिहासिक सुधार हो जाएगा। मुख्य सचिव का बच्चा हो या चपरासी का, विधायक का बच्चा हो या मंत्री का, सरकार से वेतन उठाने वालों के बच्चे सरकारी स्कूल में ही पढ़ेंगे।
जानकारी हो कि, जीतन राम मांझी बखूबी जानते हैं कि अगर ऐसा हुआ तो वाकई में बिहार की शिक्षा व्यवस्था की कायापलट होते देर नहीं लगेगी। लेकिन उन्हें ये भी पता है कि वो जो मांग कर रहे हैं, वो शायद ही संभव हो पाए। क्योंकि 'अपने घर' से शुरुआत करने की परंपरा हिंदी पट्टी के राज्यों में बड़ी कम ही पाई जाती है।
आपको बताते चलें कि, करीब साल भर पहले यही मांग बिहार के सरकारी अस्पतालों को लेकर की गई थी कि सरकारी कर्मचारी और अफसरों अपना इलाज सरकारी अस्पतालों में ही कराएं। ये मांग उठी और हवा में उड़ गई। एक सच्चाई ये भी है कि बिहार के ज्यादातर अफसरों, मंत्रियों और विधायकों के बच्चे पटना के नामी गिरामी प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं।