ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: वंदे भारत एक्सप्रेस अब बिहार से हावड़ा तक, 6 घंटे में पूरा होगा सफर Tourist Place In Bihar: बिहार को मिला अपना ‘लक्ष्मण झूला’, राज्य का पहला केबल सस्पेंशन ब्रिज तैयार Burdwan Bus Accident: पश्चिम बंगाल के बर्दवान में भीषण सड़क हादसा, बिहार के 10 तीर्थयात्रियों की मौत; दर्जनों घायल Bihar News: पोखर से बरामद हुआ शिक्षक का शव, विवाद के बाद से थे लापता ₹1 लाख करोड़ की रोजगार योजना आज से लागू, लाल किले से PM MODI का बड़ा ऐलान गांधी मैदान से CM नीतीश ने की कई बड़ी घोषणाएं...नौकरी के लिए परीक्षा देने वालों के लिए खुशखबरी, परदेश से घर आने वालों के लिए बड़ी घोषणा, और भी बहुत कुछ जानें... Asia Cup 2025: भारत के स्टार ओपनर को चयनकर्ताओं का झटका, बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद नहीं मिलेगी टीम में जगह Bihar News: गांधी मैदान से CM नीतीश का ऐलान- बताई अपनी प्राथमिकता, पूर्व की सरकार पर भी साधा निशाना Bihar Weather: 15 अगस्त को बिहार के इन जिलों में होगी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजपुर के बड़हरा में भोजन वितरण और सामुदायिक किचन का पांचवां दिन

सरकारी स्कूल में किया ये काम तो हो जाएगा बड़ा बदलाव ! के के पाठक से मांझी ने कर डाली बड़ी डिमांड, कहा ... विधायक के बच्चे भी यहां करें पढाई

सरकारी स्कूल में किया ये काम तो हो जाएगा बड़ा बदलाव ! के के पाठक से मांझी ने कर डाली बड़ी डिमांड, कहा ... विधायक के बच्चे भी यहां करें पढाई

04-Jan-2024 01:07 PM

By First Bihar

PATNA : बिहार की शिक्षा व्यवस्था को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। सूबे में कभी योग्य टीचर की कमी बताई जाती है तो कभी संसाधन में खामी बता लोग अपना पल्ला खींचना शुरू कर दते हैं। हालांकि, इन दिनों बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में काफी हद तक काम हो रहा है। वृहत पैमाने पर नए शिक्षकों की बहाली हो रही है और साथ ही लापरवाही पर एक्शन भी लिए जा रहे हैं। इन सबके बीच जो शख्स सबसे अधिक चर्चा है वो है शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक। इनको जब से  शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी मिली है तबसे  ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं। ऐसे में अब इनसे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक बड़ी मांग कर दी है। 


जीतन राम मांझी ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से मांग करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- वैसे तो केके पाठक साहब शिक्षा के दिशा में अद्वितीय काम कर रहें हैं पर यदि वह एक काम और कर दें तो शिक्षा के क्षेत्र में एतिहासिक सुधार हो जाएगा। मुख्य सचिव का बच्चा हो या चपरासी का, विधायक का बच्चा हो या मंत्री का, सरकार से वेतन उठाने वालों के बच्चे सरकारी स्कूल में ही पढ़ेंगे।


जानकारी हो कि, जीतन राम मांझी बखूबी जानते हैं कि अगर ऐसा हुआ तो वाकई में बिहार की शिक्षा व्यवस्था की कायापलट होते देर नहीं लगेगी। लेकिन उन्हें ये भी पता है कि वो जो मांग कर रहे हैं, वो शायद ही संभव हो पाए। क्योंकि 'अपने घर' से शुरुआत करने की परंपरा हिंदी पट्टी के राज्यों में बड़ी कम ही पाई जाती है।


आपको बताते चलें कि, करीब साल भर पहले यही मांग बिहार के सरकारी अस्पतालों को लेकर की गई थी कि सरकारी कर्मचारी और अफसरों अपना इलाज सरकारी अस्पतालों में ही कराएं। ये मांग उठी और हवा में उड़ गई। एक सच्चाई ये भी है कि बिहार के ज्यादातर अफसरों, मंत्रियों और विधायकों के बच्चे पटना के नामी गिरामी प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं।