Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा पर पटना में लगा भीषण जाम, श्रद्धालुओं की भीड़ से ठप हुई राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था Bihar Election 2025 : लालू यादव ने मंत्री बनाने का प्रलोभन देकर नीतीश सरकार गिराने में मांगी थी मदद, तब BJP विधायक ने RJD सुप्रीमों का ऑडियो कर दिया था वायरल; अब पत्ता साफ़ हुआ तो तेजस्वी से मिला लिया हाथ Mirzapur Train Accident: कार्तिक पूर्णिमा पर बड़ा हादसा, ट्रेन की चपेट में आने से आधा दर्जन श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत Mirzapur Train Accident: कार्तिक पूर्णिमा पर बड़ा हादसा, ट्रेन की चपेट में आने से आधा दर्जन श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत Bihar Election 2025: वोटिंग के दिन बदला रहेगा पटना का ट्रैफिक प्लान, इन रास्तों में जाने पर रोक Bihar Assembly Election 2025 : पहले चरण में 6 नवंबर को 121 सीटों पर मतदान, 3.75 करोड़ मतदाता करेंगे वोटिंग; जानिए इन सवालों का जवाब Bihar News: नीतीश कुमार को फिर से CM बनाने के लिए मंत्री अशोक चौधरी और JDU महासचिव रंजीत झा पहुंचे बाबा दरबार...रूद्राभिषेक कर मांगा जीत का आशीर्वाद Bihar Election 2025: विधानसभा चुनाव में पहली बार वोटिंग करेंगे इतने GEN-Z, चुनावी नतीजे पर क्या पड़ेगा असर? Bihar News: बिहार में बाल सुधार गृह से एक दर्जन बच्चे फरार, गार्ड पर हमला कर दीवार फांदकर भागे; अबतक पांच पकड़े गए Bihar News: बिहार में बाल सुधार गृह से एक दर्जन बच्चे फरार, गार्ड पर हमला कर दीवार फांदकर भागे; अबतक पांच पकड़े गए
08-Mar-2022 05:27 PM
DELHI: बिहार में शराबबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई टल गयी है. मामले की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से शराबबंदी को लेकर तीखे सवाल पूछे थे. नीतीश सरकार को 8 मार्च तक उन सवालों का जवाब देना था जिस पर कोर्ट सुनवाई करती. लेकिन बिहार सरकार ने जवाब देने के लिए और समय मांगा है. जिसके बाद आज होने वाली मामले की सुनवाई को टाल दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक बिहार सरकार ने कोर्ट से आग्रह किया है कि उसे जवाब देने के लिए 3 हफ्ते का और समय दिया जाये. इसके बाद कोर्ट ने मामले पर सुनवाई को 3 हफ्ते के लिए टाल दिया है. इस बीच बिहार सरकार कोर्ट के समक्ष अपना लिखित जवाब दाखिल कर देगी.
गौरतलब है कि बिहार में शराबबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तीखे सवाल उठाये थे. सुप्रीम कोर्ट शराबबंदी के कारण बिहार में बेतहाशा मुकदमों से नाराज है. पिछले महीने कोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा था कि उसने ये कानून लागू करने से पहले क्या यह देखा था कि इतने मुकदमों का बोझ झेलने के लिए अदालती ढांचा तैयार है या नहीं. अगर सरकार ने इस तरह का कोई अध्ययन किया था तो शराबबंदी के मामलों की सुनवाई के लिए कोर्ट और जजों की संख्या बढ़ाने को लेकर कौन से कदम उठाये गये.
गौरतलब है कि बिहार के शराबबंदी कानून को लेकर सुधीर कुमार यादव उर्फ सुधीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजय किशन कौल और एम एम सुंदरेश की बेंच कर रही है. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि बिहार में शराबबंदी के मामले बड़ी तादाद में उनके पास भी आ रहे हैं.
बिहार की निचली अदालतों में शराबबंदी से जुड़े मुकदमों की काफी बड़ी संख्या है. हालत तो ये है कि पटना हाई कोर्ट के 16 जजों को इस कानून से जुड़े जमानत के मामले सुनने पड़े हैं. कोर्ट अगर आरोपियों को ज़मानत देने से मना करती है तो इससे जेलों में भी भीड़ बढ़ेगी. मौजूदा परिस्थितियों में ये जानना जरूरी हो जाता है कि शराबबंदी कानून लागू करते समय क्या बिहार सरकार ने कोई अध्ययन किया था. क्या सरकार ने ये देखा था कि मौजूदा न्यायिक ढांचा इसके लिए तैयार है या नहीं.