अरवल में अनियंत्रित स्विफ्ट डिज़ायर कार नहर में गिरी, एक युवक लापता, रेस्क्यू जारी Bihar Dsp Suspend: धनकुबेर DSP को नीतीश सरकार ने किया सस्पेंड...SVU ने आय से 1 Cr रू अधिक अर्जित करने के आरोप में दर्ज किया है केस Bihar News: नीतीश सरकार ने शांभवी चौधरी समेत तीन नेताओं की बढ़ाई सुरक्षा, कांग्रेस अध्यक्ष को भी 'वाई' श्रेणी की सिक्योरिटी G.D. Goenka School Purnia : पूर्णिया के जीडी गोयनका विद्यालय ने रचा इतिहास, बच्चों ने जीते 94 पदक पटना पुलिस ने महाकाल गैंग का किया सफाया, भारी मात्रा में हथियार और कारतूस बरामद Patna Traffic Alert: पटना में बढ़ेंगी दिक्कतें: मीठापुर-सिपारा एलिवेटेड रोड पर इस दिन तक बंद रहेगा आवागमन बिहार में खनन क्षेत्र की संभावनाओं पर उच्चस्तरीय बैठक, रोजगार और राजस्व पर फोकस Sayara Blockbuster Effect : ब्लॉकबस्टर ‘सैयारा’ ने बदली अनीत पड्डा की किस्मत, अब दिखेंगी YRF की अगली फिल्म में पूर्णिया नगर निगम की उपेक्षा से इलाके के लोग नाराज, बीच सड़क पर ही करने लगे धान की रोपनी Amrit Bharat Train: त्योहारी सीजन में यात्रियों को बड़ी राहत, रेलवे चलाएगा शेखपुरा से दिल्ली तक विशेष अमृत भारत ट्रेन
23-Mar-2023 12:41 PM
By Ganesh Samrat
PATNA: बिहार में जमीनों के दाखिल खारिज में सुस्ती और भ्रष्टाचार का मामला आज विधानसभा में उठा। बीजेपी विधायक अरुण शंकर प्रसाद ने दाखिल ख़ारिज की सुस्ती से जुडा मामला उठाते हुए सदन को बताया कि जिस हिसाब से दाखिल खारिज के लिए आवेदन आ रहे हैं उस मुकाबले में मामलों का निपटारा नहीं किया जा रहा है। इसपर विभागीय मंत्री आलोक मेहता ने सरकार का जवाब सदन में रखा और कहा कि भ्रष्टाचार के मामले पहले से कम हुए हैं और अगर किसी विधायक के पास पुख्ता प्रमाण है तो वे उलब्ध कराएं, स्पॉट ससपेंशन कराया जाएगा।
दरअसल, बीजेपी ने सदन में आज दाखिल खारिज की सुस्त रफ्तार और उसमें व्याप्त भ्रष्टाचार का मामला उठाया। बीजेपी विधायक अरुण शंकर प्रसाद ने कहा कि ऑनलाइन माध्यम से 99 लाख से अधिक दाखिल खारिज के आवेदन आए उसमें से 36 लाख से अधिक आवेदनों को खारिज कर दिया गया। जो लोग इसके लिए पैसे नहीं दे रहे हैं उनका आवेदन खारिज कर दिया जा रहा है और जो दाखिल खारिज कराने के एवज में पैसे दे रहे हैं उनका आसानी से हो जा रहा है। अभी भी करीब 10 लाख मामले लंबित हैं। उन्होंने पूछा कि क्या सरकार हर अंचल में राजस्व कर्मचारी को दाखिल खारिज का पूर्ण अनुमति दिया जाएगा।
बीजेपी विधायक के सवाल का जवाब देते हुए भूमि राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने सदन को बताया कि सरकार ने अंचल अधिकारी और राजस्व अधिकारी ऑड इवेन की तर्ज पर दाखिल ख़ारिज का अधिकार दिया गया। इसके बाद जो मामले लंबित थे उनका तेजी से निष्पादन किया गया, अब काफी कम ऐसे मामले लंबित रह गए हैं। सरकार ने फर्स्ट कम-फर्स्ट सर्व का सिस्टम लागू किया है। राज्य में अब पीक एंड चूज के दर्ज पर कोई दाखिल खारिज नहीं किया जाएगा। मंत्री चुनौती देते हुए कहा क अगर बीजेपी के पास कोई साक्ष्य है तो वे सरकार को उपलब्ध कराएं, स्पॉट ससपेंशन किया जाएगा।
मंत्री के इस बयान पर बीजेपी विधायक ने कहा कि जयनगर के अधिकारी एक म्युटेशन पर दस लाख रूपए ले रहे है। इसपर मंत्री ने कहा कि अफवाहों के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं किया जा सकता है। भ्रष्टाचार के मामले में 18 सीओ को निलंबित किया जा चुका है। इस पर नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि चढ़ावा नहीं चढ़ाने वाले का म्युटेशन कैंसिल हो जाता है। मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि पहले भी समय सीमा निर्धारित थी लेकिन कभी समय सीमा पर काम नहीं हुआ अब हो रहा है। अब तीन महीने में पेंडिंग काम खत्म करने का निर्देश दिया गया है। इसपर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मंत्री हवाबाजी का बयान दे रहे हैं। उन्होंने सरकार से विशेष कमिटी बनाने की मांगह की।