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11-Dec-2019 08:32 PM
PATNA : कांग्रेस के दवाब में आयी शिवसेना के पलटी मारने के बावजूद नागरिकता संशोधन बिल राज्यसभा से आसानी से पारित हो गया है. गृह मंत्री अमित शाह के मैनेजमेंट के आगे विपक्ष का सारा विरोध धरा का धरा रह गया. राज्यसभा में बहुमत न होने के बावजूद सरकार ने बडे आराम से अपने विधेयक को पारित करा लिया. बिल पारित होने से पहले इसमें संशोधन के तमाम प्रस्ताव भी गिर गये. विपक्षी सांसदों ने कई दफे वोटिंग करायी लेकिन हर बार सरकार भारी वोटों से जीती. राज्यसभा में बिल के समर्थन में 125 वोट मिले, वहीं विपक्ष में सिर्फ 105 वोट पड़े.
शिवसेना ने पलटी मारी लेकिन सरकार ने कर दिया था मैनेजमेंट
राज्यसभा में कुल सांसदों की मौजूदा संख्या 240 है. ऐसे में सरकार को बहुमत के लिए 121 वोट चाहिये था. बीजेपी के पास अपने सांसदों की संख्या सिर्फ 83 है. लिहाजा सरकार को बिल पास कराने के लिए 38 और सांसदों का साथ चाहिये था. लेकिन लोकसभा में इस बिल का समर्थन करने वाली शिवसेना ने राज्यसभा में पलटी मार ली. शिवसेना के तीन राज्यसभा सांसदों ने वोटिंग का बहिष्कार कर दिया. कल ही ये खबर आयी थी कि कांग्रेस ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर शिवसेना के स्टैंड पर कड़ी नाराजगी जतायी है. इसके बाद शिवसेना ने स्टैंड बदला. हालांकि सरकार ने जरूरी समर्थन जुटा लिया.
बहुमत का जुगाड़
भाजपा ने बहुमत का जुगाड़ कर लिया था. AIDMK के 11, BJD के 7 और JDU के 3 सदस्य, अकाली दल के 3, लोजपा के एक सांसद पहले से ही सरकार के पक्ष में थे. सरकार को 4 नॉमिनेटेड सदस्यों का भी समर्थन मिला. सरकार ने इसके अलावा 12 और राज्यसभा सांसदों का समर्थन पक्का कर लिया था. शिवसेना के 3 सांसदों के बहिष्कार के बावजूद सरकार ने 124 वोटों का जुगाड़ कर लिया.
राज्यसभा में शाह जमकर बरसे
इससे पहले बिल पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि यह बिल किसी की नागरिकता नहीं छीन रहा है. वे किसी को नागरिकता दे रहे हैं, तो भारत के मुसलमानों को क्या आपत्ति होगी. भारत में मुस्लिमों को सम्मान मिला है, उनकी नागरिकता पर कोई असर नहीं पड़ना है. अमित शाह ने कांग्रेस से कहा, “मेहरबानी करके राजनीति करिए, लेकिन ऐसा करके देश में भेद नहीं खड़ा करना चाहिए. ये संवेदनशील मामले होते हैं और ये जो आग लगती है अपने ही घर को जलाती है.”
अमित शाह ने कहा कि धर्म के आधार पर देश का विभाजन न हुआ होता, तो बिल लाने की जरूरत नहीं पड़ती. बिल से पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिमों को भारत की नागरिकता मिलेगी. यह झूठ फैलाया जा रहा है कि बिल मुस्लिमों के खिलाफ है.