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                            27-Apr-2024 01:04 PM
By First Bihar
DESK : अपहरण मामले में एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट जौनपुर से सुनाई गई सात साल की सजा के खिलाफ दाखिल पूर्व सांसद धनजंय सिंह की अपील पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए उन्हें जमानत तो दे दी लेकिन सजा पर रोक नहीं लगाई है। ऐसे में पूर्व सांसद की मुश्किलें अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हो पाई है।
दरअसल, धनंजय सिंह को जौनपुर की स्पेशल कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उन्होंने कोर्ट इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में पिछले महीने याचिका दाखिल की थी। इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने 25 अप्रैल को अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था। अब शनिवार को कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए उन्हें जमानत दे दी है। लेकिन, हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे क्योंकि कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक नहीं लगाई है। इस मामले में हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाया है।
मालूम हो कि,जौनपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण में पूर्व सांसद व एक अन्य को सात साल की सजा सुनाई है। इस फैसले के खिलाफ दायर आपराधिक पुनरीक्षण अपील में सजा निरस्त करने की मांग की गई है। पूर्व सांसद का कहना था कि अपील निस्तारण तक सजा का आदेश स्थगित रखने के साथ उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए।
आपको बताते चलें कि, धनंजय सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान धनंजय के वकीलों ने कहा था कि उनका मुवक्किल सियासी साजिश का शिकार हुआ है। इससे पहले उन्हें शनिवार की सुबह जौनपुर जेल से बरेली जेल शिफ्ट किया जा रहा था. बता दें कि जौनपुर सीट से इस बार बीएसपी के टिकट पर धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी चुनाव लड़ रही हैं। जबकि सपा से बाबू सिंह कुशवाहा और बीजेपी ने कृपाशंकर सिंह चुनाव लड़ रहे हैं।