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01-Sep-2022 05:54 PM
PATNA: बिहार के पूर्व मंत्री कार्तिकेय कुमार की जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। दानापुर कोर्ट ने अपहरण के मामले पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। बता दें कि इससे पहले 2015 और 2017 में भी उनकी जमानत याचिका रद्द हुई थी। कार्तिकेय कुमार की बेल रिजेक्ट होने के बाद बीजेपी नेता सुशील मोदी ने चौबीस घंटे के भीतर कार्तिकेय की गिरफ्तारी की मांग सरकार से की है। कहा कि नीतीश कुमार के लिए यह बड़ी चुनौती होगी।
राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि जिन लोगों ने कानून को अपने हाथों में लिया उन्हें कानून मंत्री बना दिया गया। कितनी अजब बात है और यह सब लालू के दवाब में नीतीश कुमार ने किया है। कार्तिकेय को 25 दिनों तक मंत्री बनाए रखा गया। क्या नीतीश कुमार को पता नहीं था कि उनके खिलाफ वारंट जारी है। वो वारंटी थे तो कैसे राजभवन जाकर मंत्री पद की शपथ ले ली।
उन्होंने कहा कि जब हमने कार्तिकेय के मंत्री बनने पर सवाल किया तब राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद ने कहा था कि सुशील मोदी झूठा है झूठ बोल रहा है और कार्तिकेय सिंह निर्दोष है। जब वे निर्दोष थे तब कोर्ट ने कैसे उनकी बेल रिजेक्ट कर दी। यह सब बिहार की जनता देख रही है। अब देखना होगा कि कार्तिकेय की गिरफ्तारी हो पाती है या नहीं।
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश देश के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने की बात करते हैं। बिहार के अंदर अपराधियों बाहूबलियों का बोल बाला है क्या ऐसे लोगों के भरोसे आप बिहार को छोड़ेंगे। क्या आप बिहार के लोगों को भरोसा दिला पाएंगे। नीतीश सरकार से सुशील मोदी ने अगले चौबीस घंटे के भीतर कार्तिकेय की गिरफ्तारी की मांग की है। कहा कि यह नीतीश कुमार के लिए बड़ी चुनौती होगी।
बता दें, कार्तिकेय कुमार के वकील जनार्दन राय ने अपनी बात रखने का समय मांगा था। इस पर जज ने उन्हें शाम तक अपनी बात रखने को कहा था। शाम 4. 30 बजे कोर्ट ने फैसला सुनाया है। दरअसल, पूर्व मंत्री कार्तिकेय कुमार की आज दानापुर कोर्ट में पेशी थी, लेकिन वे पेश नहीं हो सके थे। कार्तिकेय कुमार के वकील कोर्ट में बात रखी। पूर्व मंत्री कार्तिकेय सिंह की जमानत याचिका को दानापुर कोर्ट ने खारिज कर दिया है। लोक अभियोजक मोहम्मद कलाम अंसारी ने बताया कि कई बिंदुओं पर बहस के बाद कोर्ट ने कार्तिकेय कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
बता दें कि 2014 में राजीव रंजन को अगवा कर लिया गया था। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्तिकेय सिंह के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया है। इसको लेकर आज दानापुर कोर्ट में सुनवाई हो रही थी। पूर्व विधि मंत्री कार्तिकेय सिंह की जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अब कार्तिकेय सिंह को जेल भेजने की तैयारी की जा रही है।
गौरतलब है कि कार्तिक कुमार उर्फ कार्तिकेय सिंह नीतीश कैबिनेट में आरजेडी कोटे से कानून मंत्री बनाए गए। कार्तिकेय बाहुबली नेता और पूर्व विधायक अनंत सिंह के बेहद करीबी माने जाते हैं। कार्तिक कुमार को कार्तिक मास्टर के नाम से भी लोग जानते हैं। पटना के बिहटा में 2014 में एक अपहरण का मामला दर्ज हुआ। जिसमें अनंत सिंह और कार्तिकेय आरोपी हैं। जिस दिन उन्हें राजभवन में मंत्री पद की शपथ लेनी थी उसी दिन कोर्ट में भी सरेंडर करना था।
इसे बीजेपी ने मुद्दा बनाया और सरकार को घेरने का काम किया। इसे लेकर बीजेपी आए दिन हमला बोल रही थी। सरकार पर बन रहे दवाब के बाद कानून मंत्री से हटाकर कार्तिक कुमार गन्ना उद्योग मंत्री का पद की जिम्मेदारी दी गयी। मुख्यमंत्री ने उनका विभाग ही बदल दिया। लेकिन विभाग बदले जाने के कुछ घंटे बाद ही कार्तिक कुमार ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। कार्तिक के इस्तीफे के बाद राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता को गन्ना उद्योग विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। कार्तिक के विवादों में आने के बाद ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनका विभाग बदल दिया था।