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18-Dec-2020 02:24 PM
DELHI: कृषि आंदोलन के बीच में आज पीएम नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के रायसेन के किसान सम्मेलन को संबोधन कर रहे हैं. इस दौरान कृषि बिल का विरोध करने वाले नेताओं पर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा किसानों के नाम पर कांंग्रेस के नेता दिखाने के लिए आंसू बहा रहे हैं. कृषि कानून रातोंरात नहीं आया है.
किसानों को दिया धोखा
पीएम मोदी ने कहा कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के किसानों के पता है कि किस तरह से किसानों का कर्ज माफ करने के नाम पर किसानों को धोखा दिया गया है. यह मुझसे अधिक इन राज्यों के किसान जान रहे हैं.पीएम मोदी ने कहा कि बीते दिनों से देश में किसानों के लिए जो नए कानून बने, उनकी बहुत चर्चा है. ये कृषि सुधार कानून रातों-रात नहीं आए. पिछले 20-22 साल से हर सरकार ने इस पर व्यापक चर्चा की है. कम-अधिक सभी संगठनों ने इन पर विमर्श किया है. सचमुच में तो देश के किसानों को उन लोगों से जवाब मांगना चाहिए जो पहले अपने घोषणापत्रों में इन सुधारों की बात लिखते रहे, किसानों के वोट बटोरते रहे, लेकिन किया कुछ नहीं. सिर्फ इन मांगों को टालते रहे और देश का किसान, इंतजार ही करता रहा.
कांग्रेस को तकलीफ
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे लगता है कि उनको पीड़ा इस बात से नहीं है कि कृषि कानूनों में सुधार क्यों हुआ. उनको तकलीफ इस बात से है कि जो काम हम कहते थे लेकिन कर नहीं पाते थे, वो मोदी ने कैसे किया, मोदी ने क्यों किया. अचानक भ्रम और झूठ का जाल बिछाकर अपनी राजनीतिक जमीन जोतने के खेल खेले जा रहे हैं. किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर वार किए जा रहे हैं.
कर्ज माफी के नाम पर हुई गिरफ्तारी
पीएम मोदी ने कहा कि किसानों की बातें करने वाले लोग कितने निर्दयी हैं इसका बहुत बड़ा सबूत है स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट. ये लोग स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को 8 साल तक दबाकर बैठे रहे. जबकि किसानों के लिए समर्पित हमारी सरकार किसानों को अन्नदाता मानती है. हमने फाइलों के ढेर में फेंक दी गई स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट बाहर निकाला और उसकी सिफारिशें लागू कीं, किसानों को लागत का डेढ़ गुना MSP दिया. हमारे देश में किसानों के साथ धोखाधड़ी का बहुत ही बड़ा उदाहरण है, कांग्रेस सरकारों द्वारा की गई कर्जमाफी. जब 2 साल पहले मध्य प्रदेश में चुनाव होने वाले थे तो 10 दिन के भीतर कर्जमाफी का वादा किया गया था। कितने किसानों का कर्ज माफ हुआ? किसान सोचता था कि अब तो पूरा कर्ज माफ होगा और बदले में उसे मिलता था बैंकों का नोटिस और गिरफ्तारी का वारंट. कर्जमाफी का सबसे बड़ा लाभ किसे मिलता था? इन लोगों के करीबियों को.