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18-Mar-2023 06:17 PM
By VISHWAJIT ANAND
PURNIA: सीमांचल के दो दिनों के दौरे पर पहुंचे ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानि AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में कदम रखने के साथ ही नीतीश कुमार औऱ तेजस्वी यादव की नींद उड़ा दी है। लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू करने आये ओवैसी के लिए सीमांचल में मुसलमानों की भारी भीड़ उमड़ी। मुसलमानों की सभाओं में ओवैसी ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को खुले तौर पर ललकारा और उस पर जिस तरीके से तालियां बजी, उससे आगे आने वाले दिनों का अंदाजा मिल गया। ओवैसी बिहार के सीमांचल की पांच लोकसभा सीटों पर बड़ी पार्टियों के सारे गणित को बिगाड़ने को तैयार हैं।
जो राजद से बिक गये वे गद्दार हैं
लंबे अर्से बाद असदुद्दीन ओवैसी बिहार के सीमांचल में पहुंचे हैं. ये वही इलाका है जिसमें 2020 के विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी के पांच विधायक जीते थे. पूर्णिया के बायसी में मुसलमानों की सभा में ओवैसी ने कहा-तेजस्वी की पार्टी ने दौलत के दम पर हमारे विधायकों को खरीद लिया. जो हमें छोड़ भाग गये, उन्होंने अपना इमान बेच दिया, अपना जमीर बेच दिया. उन्होंने अपने सियासी आकाओं के सामने गर्दन झुका दिये. लेकिन दौलत के दम पर वे विधायक खरीद सकते हैं, लोगों को नहीं. लोग तो हमारे ही साथ हैं. ओवैसी की इस बात पर देर तक तालियां बजती रही।
कुर्मी-कुशवाहा से आगे नहीं सोंच सकते नीतीश
वैसे असदुद्दीन ओवैसी ने सबसे तीखा हमला बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर किया. ओवैसी बोले-नीतीश कुमार कहते हैं कि हमारी पार्टी मुसलमानों की पार्टी है. लेकिन नीतीश कुमार की हैसियत उतनी भी नहीं है. नीतीश कुमार कुर्मी और कुशवाहा से आगे की सोंच ही नहीं सकते. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि नीतीश सबसे बडे धोखेबाज हैं. उन्होंने मुसलमानों को सबसे ज्यादा धोखा दिया है. इतिहास इस बात को याद रखेगा कि नीतीश कुमार ने बिहार में बीजेपी को मजबूत किया. खास बात ये थी कि ओवैसी नीतीश कुमार पर जितना तीखा हमला बोल रहे थे, उनकी सभा में मौजूद मुसलमानों की भीड उतनी ही ज्यादा तालियां बजा रही थी।
पांच सीटों पर बड़ा उलटफेर करेंगे ओवैसी
फर्स्ट बिहार ने AIMIM के एक नेता से बात की तो उनका कहना था कि ये लगभग फाइनल है कि हमारी पार्टी लोकसभा के अगले चुनाव में बिहार की पांच सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. उसमें से चार सीटें सीमांचल की होंगी. किशनगंज से AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष औऱ विधायक अख्तरूल इमान का चुनाव लड़ना तय है. इसके अलावा पूर्णिया, कटिहार, अररिया जैसी सीटों पर भी उम्मीदवार तलाशे जा रहे हैं. सीमांचल के अलावा ओवैसी की पार्टी दरभंगा, मधुबनी और पूर्वी चंपारण जैसे लोकसभा सीट से भी अपना उम्मीदवार उतार सकती है. इन सीटों पर मुसलमान वोटरों की अच्छी खासी तादाद है।
ओवैसी की पार्टी के नेताओं ने कहा कि सीमांचल के अलावा बिहार के दूसरे हिस्सों में भी हमारी पकड़ है, इसका साफ संकेत मिल चुका है. कुछ महीने पहले गोपालगंज विधानसभा सीट पर उप चुनाव हुए थे. नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने अपनी सारी ताकत झोंक दी थी इसके बावजूद AIMIM के उम्मीदवार को गोपालगंज में 12 हजार वोट मिले. जबकि उप चुनाव में दो तरफा गोलबंदी होती है. गोपालगंज में मिले वोट ने ओवैसी की पार्टी के मनोबल को काफी बढ़ाया है।
उधर ओवैसी को लेकर बिहार में सत्तारूढ़ नीतीश औऱ तेजस्वी की बेचैनी जगजाहिर है. पिछले महीने जब पूर्णिया में महागठबंधन ने अपनी पहली साझा रैली की तो उसमें बीजेपी से ज्यादा ओवैसी पर ही निशाना साधा गया था. दरअसल नीतीश, तेजस्वी और कांग्रेस तीनों ये बात समझते हैं कि ओवैसी सिर्फ सीमांचल ही नहीं बल्कि बिहार की कई दूसरी सीटों पर भी उनका खेल बिगाड़ सकते हैं. लिहाजा वे लगातार ओवैसी को भाजपा का एजेंट करार देते आ रहे हैं. लेकिन शनिवार को जिस तरीके से ओवैसी की सभाओं में भीड़ उमड़ी उसने कुछ अलग ही संकेत दे दिया है।