गया में महिला की इलाज के दौरान मौत, गुस्साए परिजनों ने किया जमकर हंगामा, डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप Bihar News: बरसात से पहले गड्ढा मुक्त होंगी ग्रामीण सड़कें , बिहार सरकार ने शुरू की बड़ी तैयारी Bihar News: बरसात से पहले गड्ढा मुक्त होंगी ग्रामीण सड़कें , बिहार सरकार ने शुरू की बड़ी तैयारी India Pakistan Ceasefire: युद्ध विराम पर मुकेश सहनी ने PAK को दी सलाह, कहा..अब पाकिस्तान को आतंकवादियों के सफाए की लड़ाई लड़नी चाहिए Bihar Education News: बिहार के 95 प्रतिशत छात्रों के पास पढ़ने के लिए किताबें मौजूद, सरकार ने जारी किया आंकड़ा; पोशाक के लिए राशि जारी Bihar Education News: बिहार के 95 प्रतिशत छात्रों के पास पढ़ने के लिए किताबें मौजूद, सरकार ने जारी किया आंकड़ा; पोशाक के लिए राशि जारी 'मोटका' कहने पर 2 युवकों को मारी गोली, 20 किलोमीटर तक कार को किया ओवरटेक Monsoon 2025 Update: केरल में समय से पहले होगी मानसून की एंट्री, जान लीजिए.. कब से बरसेंगे बदरा Monsoon 2025 Update: केरल में समय से पहले होगी मानसून की एंट्री, जान लीजिए.. कब से बरसेंगे बदरा Success Story: NEET परीक्षा पास कर MBBS में लिया दाखिला, 12 घंटे ड्यूटी के साथ शुरू की UPSC तैयारी; दूसरी कोशिश में ही बन गई IAS
25-Aug-2021 11:42 AM
PATNA : मोदी सरकार ने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन की लॉन्चिंग क्या की कि देश में सियासत गरम हो गई. सरकार ने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन के जरिए 6 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य तय किया है. इसके लिए सरकारी संपत्तियों को लीज पर देने की तैयारी है. सरकार ने प्राइवेट सेक्टर को सरकारी कंपनियों और संपत्तियों को देने का जो फैसला किया है, उसके खिलाफ विपक्ष गोलबंद होने लगा है. कांग्रेस ने इस पाइप लाइन की लॉन्चिंग के साथ मोर्चा खोल दिया है. जबकि एनडीए के अंदर कई सहयोगी दल ऐसे हैं, जिन्होंने इस मसले पर अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं.
निजीकरण को लेकर मोदी सरकार ने जो फैसला किया, उसके ऊपर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. नीतीश कुमार पिछले दिनों दिल्ली में थे. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिहार के प्रतिनिधिमंडल के साथ जातीय जनगणना के मसले पर मुलाकात की थी. इसके बाद नीतीश मंगलवार को पटना वापस आ गए.
पटना पहुंचने पर जब नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन के जरिए निजीकरण को लेकर सवाल किया गया. तो नीतीश कुमार ने यह कहते हुए सवाल का जवाब देने से इंकार कर दिया कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. एक तरफ जहां देश में निजीकरण के फैसले पर जमकर सियासत हो रही है. वहीं नीतीश कुमार ने इस मसले पर जानकारी नहीं होने का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया. जानकार इसे नीतीश की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं.
सियासी जानकारों की नजर में नीतीश कुमार फिलहाल निजीकरण के फैसले पर अपने पत्ते नहीं खोलना चाहते हैं. केंद्र सरकार में जनता दल यूनाइटेड अब शामिल है. लिहाजा नीतीश से इस मसले पर बहुत सोच समझकर कुछ कहना चाहते हैं. संभव है कि नीतीश भी देखना चाहते हो कि निजीकरण को लेकर सरकार ने जो फैसला किया है. उसका विरोध केवल राजनीतिक स्तर पर होता है या फिर देश में विरोध और आंदोलन के एक नए दौर की शुरुआत भी हो जाती है.
केंद्र सरकार ने की स्थिति इस फैसले के बाद क्या रहेगी शायद नीतीश के भी समझना चाहते हो. ऐसे में नीतीश कुमार नेशनल मोनेटाइजेशन पाइप लाइन की लॉन्चिंग पर फिलहाल जल्दबाजी में कोई प्रतिक्रिया नहीं देना चाहते. जातीय जनगणना से लेकर जनसंख्या नियंत्रण कानून जैसे मसले पर नीतीश से पहले ही मोदी सरकार से अलग राय रखते हैं.
अब अगर निजी करण में के पैसे पर नीतीश ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. तो यह आशंका जताई जा रही है कि आने वाले वक्त में निज करण को लेकर एनडीए में एक नया बखेड़ा शुरू हो सकता है. अगर निजीकरण के फैसले का विरोध केवल राजनीतिक तौर पर ही सीमित रहता है तो शायद नीतीश मोदी सरकार के फैसले का खुलकर समर्थन भी कर दे. नीतीश का रुख चाहे जो भी हो लेकिन फिलहाल वह इतनी जल्दी अपने पत्ते नहीं खोलेंगे.