ब्रेकिंग न्यूज़

Patna News: देशभक्ति और नवाचार के रंग में रंगा ISM पटना, स्वतंत्रता दिवस पर फहराया गया तिरंगा Bihar News: वंदे भारत एक्सप्रेस अब बिहार से हावड़ा तक, 6 घंटे में पूरा होगा सफर Tourist Place In Bihar: बिहार को मिला अपना ‘लक्ष्मण झूला’, राज्य का पहला केबल सस्पेंशन ब्रिज तैयार Burdwan Bus Accident: पश्चिम बंगाल के बर्दवान में भीषण सड़क हादसा, बिहार के 10 तीर्थयात्रियों की मौत; दर्जनों घायल Bihar News: पोखर से बरामद हुआ शिक्षक का शव, विवाद के बाद से थे लापता ₹1 लाख करोड़ की रोजगार योजना आज से लागू, लाल किले से PM MODI का बड़ा ऐलान गांधी मैदान से CM नीतीश ने की कई बड़ी घोषणाएं...नौकरी के लिए परीक्षा देने वालों के लिए खुशखबरी, परदेश से घर आने वालों के लिए बड़ी घोषणा, और भी बहुत कुछ जानें... Asia Cup 2025: भारत के स्टार ओपनर को चयनकर्ताओं का झटका, बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद नहीं मिलेगी टीम में जगह Bihar News: गांधी मैदान से CM नीतीश का ऐलान- बताई अपनी प्राथमिकता, पूर्व की सरकार पर भी साधा निशाना Bihar Weather: 15 अगस्त को बिहार के इन जिलों में होगी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

‘वार्ड-पंचायत स्तर पर जातीय सर्वे के विस्तृत आंकड़े जारी करे नीतीश सरकार’ सुशील मोदी की मांग

‘वार्ड-पंचायत स्तर पर जातीय सर्वे के विस्तृत आंकड़े जारी करे नीतीश सरकार’ सुशील मोदी की मांग

03-Jan-2024 07:27 PM

By First Bihar

PATNA: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए बिहार सरकार को पंचायत और वार्ड के अनुसार जातीय सर्वे के विस्तृत आंकड़े शीघ्र जारी करने चाहिए। 


सुशील मोदी मोदी ने कहा है कि भाजपा के सरकार में रहते जातीय सर्वे कराने का निर्णय हुआ था और सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद पार्टी ने पंचायत और वार्ड के आधार पर आंकड़े जारी करने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट का आदेश हमारी मांग के अनुकूल है। राज्य सरकार ने जातीय सर्वे के सिर्फ राज्य स्तरीय आंकड़े जारी कर कई तथ्यों को छिपाने की कोशिश की। अधिकतर जातियों ने अपनी आबादी कम दर्ज करने की शिकायत की। कुछ जातियों की गणना न करने के भी आरोप लगे।


उन्होंने कहा कि पंचायत और वार्ड स्तर पर जातीय आंकड़े जारी होने से तथ्यों को भौतिक रूप से जांच कर संतुष्ट होना या उन्हें विधिवत चुनौती देना आसान होगा। सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक सहित 17 बिंदुओं पर सर्वे कराये गए थे,जबकि सरकार ने केवल 7-8 बिंदुओं पर रिपोर्ट जारी की।


सुशील मोदी ने कहा कि सर्वे रिपोर्ट से पता नहीं चलता कि कितनी जातियां भूमिहीन हैं और किसके पास कितनी जमीन है? जो लोग जातीय सर्वे कराने का श्रेय लूटने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कर विस्तृत रिपोर्ट जारी करानी चाहिए ताकि सभी जातियों का संदेह दूर हो।