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14-Jan-2022 09:16 PM
PATNA: बिहार में जेडीयू औऱ बीजेपी के बीच छिड़ा घमासान दिलचस्प होता जा रहा है. जेडीयू ने अपने सबसे जूनियर प्रवक्ता को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल को सार्वजनिक तौर पर जलील करने के लिए छोड़ दिया है. जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक झा ने फिर से सोशल मीडिया पर संजय जायसवाल की जमकर फजीहत की है. बिहार में बीजेपी की दुर्दशा दिलचस्प होती जा रही है. जिसके भरोसे नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने हैं उसी पार्टी को जी भर के जलील किया जा रहा है.
जेडीयू प्रवक्ता का फिर से हमला
जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने एक बार फिर से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल पर सीधा हमला बोला है. सोशल मीडिया पर जारी अपने बयान में अभिषेक झा ने संजय जायसवाल को प्रवचन नहीं देने की सलाह दी है. अभिषेक झा ने कहा है कि संजय जायसवाल ने 12 जनवरी को एनडीए को कमजोर करने वाला बयान दिया था. उसके बाद आज फिर उन्होंने विरोधाभाषी बयान दिया है. दोनों बयानों को पढ़ने के बाद से ही स्पष्ट हो जाता है कि संजय जायसवाल का राजनीतिक चरित्र क्या है.
जेडीयू प्रवक्ता ने संजय जायसवाल से पूछा है कि क्या उनका जो राजनीतिक आचरण है वही उनकी पार्टी का आचरण है. शराबबंदी के खिलाफ जो संजय जायसवाल बोलते हैं क्या वही उनके पार्टी का स्टैंड है. संजय जायसवाल ने आज जो बयान दिया है उससे ये साफ होता है कि वे सफाई देने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उनकी कलई खुल गयी है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल आज ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने जेडीयू प्रवक्ता के बयान पर आपत्ति जताते हुए लंबा चौड़ा बयान जारी किया था. दो दिन पहले जेडीयू प्रवक्ता ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पर सवाल उठाया था. 12 जनवरी को ट्विटर पर अभिषेक झा ने संजय जायसवाल से पूछा था कि उन्होंने एनडीए गठबंधन की सरकार के खिलाफ कितने बयान दिये हैं, उसकी संख्या याद है. जेडीयू के प्रवक्ता ने कहा था कि संजय जायसवाल अपने क्षेत्र में जहरीली शराब से मौत के बाद पीडित परिवारों से क्यों मिलने गये थे. ऐसा करके उन्होंने एनडीए सरकार की नीति के खिलाफ में काम किया या पक्ष में. इसके बाद संजय जायसवाल भडके.
संजय जायसवाल का लंबा जवाब
जेडीयू प्रवक्ता के आरोपों के बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सोशल मीडिया के जरिये लंबा चौडा जवाब दिया. जायसवाल ने लिखा कि उनकी प्रवृत्ति नहीं है कि अपने ऊपर किए गए व्यक्तिगत आरोपों का जवाब दें.
आज मुझे पता चला कि जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा उनके लोकसभा क्षेत्र में जहरीली शराब के कारण हुए मृत्यु के बाद वहां जाने पर उनसे जवाब मांग रहे हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि जदयू के प्रवक्ता का मुझसे सवाल करना बताता है कि यह सवाल जदयू के द्वारा है क्योंकि प्रवक्ता दल की बातें रखता है अपनी व्यक्तिगत नहीं .
संजय जायसवाल ने लिखा है कि वे जहरीली शराब से हुई मौतों के परिवारजनों के घर गये थे और अगर भविष्य में भी कभी उनके लोकसभा क्षेत्र में इस तरह की दुर्घटना घटेगी तो वे हर हालत मंए जायेंगे औऱ आर्थिक मदद भी करेंगे. अगर कोई व्यक्ति जहरीली शराब से मरता है तो उसने निश्चित तौर पर अपराध किया है पर इससे प्रशासनिक विफलता के दाग को बचाया नहीं जा सकता और जब वे इस शासन के एक घटक का अध्यक्ष हैं तो यह उनकी भी विफलता है. वे उन गरीबों से इंसानियत के नाते मिलने गये थे. उन सभी परिवारों को अंतिम क्रियाकर्म में थोड़ी सी मदद करने का काम उन्होंने किया है क्योंकि गुनाहगार मरने वाले थे ना कि उनके परिवारजन.
नीतीश के शराबबंदी कानून पर बीजेपी का सीधा हमला
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि वे मीडिया के सामने कह चुके हैं कि शराबबंदी कानून की पुनः समीक्षा होनी चाहिए. हालांकि वे 100% शराबबंदी का समर्थक हैं और मानता हैं कि शराब बहुत बड़ा सामाजिक अपराध है जो पूरे परिवार को बर्बाद कर देता है.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि शराबबंदी होनी चाहिये लेकिन इसके साथ ही वे यह भी मानता हैं कि जिस श्रेणी का अपराध हो सजा उसी श्रेणी की होनी चाहिए. दिल्ली से कोई परिवार दार्जिलिंग छुट्टियां मनाने जा रहा है और उसके गाड़ी में बिहार में एक बोतल शराब पकड़ी गई और उस परिवार की गाड़ी नीलाम हो जाती है. संजय जायसवाल ने कहा कि ऐसी कम से कम 5 घटनाएं वे व्यक्तिगत तौर पर जानते हैं. 10 वर्ष के जेल का प्रावधान केवल उन पुलिस अधिकारियों के लिए होना चाहिए जिन्होंने इतने अच्छे सामाजिक सोच को नुकसान पहुंचाया है.
मीडिया से बाहर निकलिये हकीकत पता चल जायेगा
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने अपनी सहयोगी पार्टी जेडीयू के नेताओं को कहा है कि अगर उन्हें ये बात समझ में नहीं आ रही है तो मीडिया की दुनिया से बाहर जाकर अपने पंचायत के किसी भी आम व्यक्ति से संपर्क कर लें. उनको शराबबंदी और पुलिस की भूमिका अच्छे से समझ में आ जाएगी.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष का जवाब देने उतरना बडा संकेत दे रहा है. वैसे जेडीयू के प्रवक्ता अगर बीजेपी पर हमला बोल रहे थे तो स्पष्ट था कि वे उपर के निर्देश पर ऐसा कर रहे हैं. बीजेपी ने बहुत दिनों तक खामोशी साधे रखा. लेकिन अब बीजेपी नेताओं के जवाब आने लगे हैं. उसके बाद जेडीयू ने फिर से हमला बोला है. जाहिर है मामला गंभीर होता जा रहा है औऱ आगे आने वाले दिनों में सियासत नयी करवट ले सकती है.