ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बिहार के इन जिलों में इंडस्ट्रियल हब का निर्माण, रोजगार की आने वाली है बाढ़.. Bihar News: बिहार के इन जिलों में एयरपोर्ट का निर्माण, गया हवाई अड्डे को बनाया जाएगा इस मामले में खास.. ISM पटना में व्याख्यान का आयोजन: इसके माध्यम से युवाओं को मिला लैंगिक संवेदनशीलता का संदेश Bihar Cabinet Meeting: नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला...इस विभाग में 459 लिपिक की होगी बहाली..इन आंदोलनकारियों की पेंशन राशि में भारी वृद्धि अररिया में लूट की कोशिश नाकाम: एक्सीडेंट में घायल हुए दो बदमाश, ग्रामीणों ने हथियार के साथ पकड़ा Bihar Education News: 1st Bihar की खबर का बड़ा असर, भ्रष्टाचार में लिप्त A.E. की सेवा होगी समाप्त.. शिक्षा विभाग को भेजा गया प्रस्ताव, करप्शन की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी Patna News: पटना में स्वतंत्रता दिवस पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, ड्रोन से होगी निगरानी Patna News: पटना में गंदगी फैलाने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई, इस दिन से अभियान शुरू Janmashtami 2025: जन्माष्टमी पर क्यों तोड़ी जाती है दही हांडी? जानिए... इस परंपरा का इतिहास और महत्व Bihar News: बिहार में मिला इतने हजार करोड़ का खनिज, खजाने की ई-नीलामी की तैयारी में जुटी केंद्र सरकार

बिहार : दर्द से तड़पती रही गर्भवती महिला, ना एंबुलेंस दी, ना डॉक्टरों ने सुना

बिहार : दर्द से तड़पती रही गर्भवती महिला, ना एंबुलेंस दी, ना डॉक्टरों ने सुना

19-Dec-2021 10:13 AM

KATIHAR : एक विचलित करने वाली एक घटना कटिहार से सामने आ रही है. सरकारी अस्पताल में गर्भवती महिला तड़पती रही. महिला को प्रसव कराने के लिए उनके परिजनों ने कोढ़ा प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र किसी तरह ले गए. लेकिन पीड़िता का अल्ट्रासाउंड करवाने के बाद न तो प्रसव कराया और न ही उसे अन्य जगह जाने के लिए एम्बुलेंस भी मुहैया नही कराया.


बता दें सिसिया गाँव की रंजू देवी नाम की महिला को प्रसव कराने के लिए उनके परिजनों ने किसी तरह हॉस्पिटल लाया. जहां दर्द से कहराती पीड़िता हॉस्पिटल परिसर में ही जमीन पर अपने परिजन के सहारे बैठी रही और छटपटाती रही. अस्पताल कर्मी ने पहले बाहर से पीड़िता का अल्ट्रासाउंड करवाया फिर आशा के साथ मिलकर उसे किसी निजी अस्पताल में जाने के लिए कह दिया. पीड़िता को जरूरत था इलाज का, अस्पताल प्रशासन ने पीड़िता को न तो प्रसव कराया और न ही उसे अन्य जगह जाने के लिए एम्बुलेंस भी मुहैया नही कराया.


 ऐसे में परिजन के सहारे और दर्द से कहराती पीड़ित महिला जमीन पर बैठ गई. जहां देर हो जाने के बाद परिजन उसे किसी तरह अपने बाइक पर अपने साथ पीछे बैठाकर ले जाना चाहा. पर उसकी स्थिति बैठकर जाने लायक नहीं थी. वहीं लेकिन जच्चा - बच्चा का जान बचाना भी जरूरी था. परिजन किसी तरह उसे अपने साथ लेकर दूसरे जगह इलाज के लिए ले गया. बिहार में स्वास्थ्य विभाग के इस सिस्टम को देख कर सचमुच सूबे के सरकार का दावा खोखला साबित होता है.