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07-Jan-2024 10:19 AM
By First Bihar
PATNA : कॉलेजों में पढ़ाई को लेकर राज्य सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है। अब सूबे के कॉलेजों में एक क्लास 50 मिनट का नहीं बल्कि पुरे एक घंटे यानी 60 मिनट का होगा। हर शिक्षक के लिए पांच घंटे एकेडमिक एक्टिविटी अनिवार्य कर दिया गया है। नई शिक्षा नीति के तहत कॉलेजों में यह निर्णय लिया गया है। यह निर्देश राज्य सरकार के उच्च शिक्षा सलाहकार एनके अग्रवाल ने दिया है।
उन्होंने कहा कि, प्रत्येक शिक्षक कम से कम पांच घंटे यानी 5 कक्षा लेंगे। प्रत्येक दिन यह पांच घंटे उनकी एकेडमिक एक्टिविटी रहनी है। शिक्षक ग्रुप बनाकर पांच बच्चे हैं तो भी कक्षा लेंगे। वोकेशनल के साथ ट्रेडिशनल भी कक्षाएं सही ढंग से होनी चाहिए। नयी शिक्षा नीति के तहत कई नए विषय जोड़े गए हैं। अगर कोई कक्षा नहीं है तो मोटिवेशनल कक्षा लेंगे। लेकिन, उन्हें किसी की हाल में बच्चे को कॉलज से जोड़ कर रखना होगा।
वहीं, मुख्य सलाहकार ने कहा कि कॉलेज में पठन-पाठन की व्यवस्था अच्छी हो जिसको लेकर कॉलेज में शिक्षकों की कमी को जल्द दूर करने की बात कही है। मालूम हो कि, इससे पहले भी बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में अब प्राइवेट एजेंसियां हाई क्वालिटी रिसोर्स (वक्ता) उपलब्ध कराएंगी। इसके लिए शिक्षा सचिव बैद्यनाथ यादव ने सभी कुलपतियों को लेटर भेजा है। शिक्षा विभाग ने इसके लिए चार एजेंसियां तय की है। खाली सीटों पर ही बहाली की जाएगी। ये व्यवस्था दो वर्षों के लिए लागू की जाएगी। शिक्षा विभाग ने कहा है कि कॉलेजों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए ये कदम उठाया जा रहा है।
आपको बताते चलें कि, शिक्षा विभाग के मुताबिक कॉलेज के प्रिंसिपल इन एजेंसियों से करार कर सकते हैं। इसमें साफ-साफ कहा गया है कि कॉलेज के प्राचार्य एजेसियों से करार करने में सक्षम होंगे। वो खुद से चारों में से किसी एक एजेंसी से करार कर सकेंगे। एजेंसियों को विश्वविद्यालय के नियम के अनुसार काम करना होगा। टेंडर में तय सभी शर्तों के अनुसार ही काम किया जाएगा।