ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बिहार में अवैध बालू खनन पर सख्त कार्रवाई, मद्य निषेध विभाग की मदद से होगी निगरानी Bihar Medical College : बिहार के सभी 38 जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने का ऐलान, सम्राट चौधरी ने 3 साल में पूरा करने की समय सीमा बताई Bihar News: दीघा-एम्स एलिवेटेड रोड से बेली रोड कनेक्शन, नए वैकल्पिक मार्ग से ट्रैफिक घटेगा दबाव Bihar Cabinet Meeting : बिहार कैबिनेट बैठक आज, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में नौकरी, रोजगार और कौशल विकास पर बड़े फैसले होने की संभावना Cancelled Trains: रेलवे ने रद्द की इन रूट्स पर चलने वाली कई ट्रेनें, सफर प्लान करने से पहले यहाँ देखें लिस्ट Sarkari Naukri: बिहार के युवाओं के पास सरकारी नौकरी पाने का बढ़िया अवसर, वेतन ₹1,12,400 तक.. RJD MLA Chandrashekhar : राजद विधायक प्रो. चंद्रशेखर पर रंगदारी का गंभीर आरोप, सदर थाना में केस दर्ज Bihar News: अनाज दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी, RJD उपाध्यक्ष प्रदीप देव गिरफ्तार LIC Recruitment: भारतीय जीवन बीमा निगम में नौकरी पाने का मिल रहा मौका, CTC ₹19 लाख तक Tejashwi Prasad Yadav : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आप्त सचिव बदले, खान एवं भू-तत्व विभाग में भी अहम प्रशासनिक नियुक्तियां

अररिया जैसा ही सहरसा में भी बना दिया गया खेत में पुल, 15 साल बाद भी बनकर नहीं हुआ तैयार

अररिया जैसा ही सहरसा में भी बना दिया गया खेत में पुल, 15 साल बाद भी बनकर नहीं हुआ तैयार

20-Aug-2024 08:21 PM

By RITESH HUNNY

SAHARSA: सहरसा के सत्तरकटैया प्रखंड क्षेत्र के लालगंज गांव जाने के लिए 15 साल पूर्व तत्कालीन भाजपा विधायक स्व.संजीव झा के मद से बीच खेत में एक पुल बना दिया गया लेकिन दो विधानसभा महिषी और कहरा विधानसभा के सीमा पर पुल बनने के बाद दोनों विधानसभा के किसी भी जनप्रतिनिधि ने संपर्क पथ बनाने की दिशा में काम करना तो दूर लाखों की लागत से बने पुल को देखना तक मुनासिब नहीं समझा।


दरअसल जिले के महिषी और कहरा विधानसभा के सीमा पर स्थित लालगंज गांव को सहरसा सुपौल मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए खेत में ही पुल का निर्माण कर दिया गया। लेकिन दोनो तरफ पहुंच पथ का निर्माण ही नहीं हुआ। जिसके कारण ये पुल लोगो के लिए व्यर्थ साबित हो रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि तत्कालीन भाजपा विधायक स्व संजीव झा के कार्यकाल (2005-2010) के अंतिम काल में इस पुल का निर्माण उनके विधायक योजना से हुआ था। जिसमे पहुंच पथ भी बनना था। सहरसा सुपौल मुख्य मार्ग से पुल तक सड़क के लिए मिट्टी भी गिरा था। लेकिन कुछ दिन बाद चुनाव हुआ और वह चुनाव हार गए। जिसके बाद कुछ नहीं हुआ। पुल व्यर्थ साबित हो रहा है। 


लोगो ने बताया कि पुल के पश्चिम भाग के बाद दूसरे विधानसभा महिषी में आता है। उधर भी सड़क का निर्माण नहीं हुआ है। जिसके कारण आधा किलोमीटर की दूरी के बदले गांव के लोगों को दो से तीन किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ता है। दो विधानसभा और दो पंचायत के बीच फसा यह सड़क और पुल जंगल में तब्दील हो गया है। जबकि लालगंज का यह मुख्य सड़क है। स्थानीय उमाकांत पाठक, सतनजीव पाठक, शोभाकांत पाठक, मनोज कुमार ने बताया कि यह गांव का मुख्य सड़क था। बीते दस साल से जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण सड़क का यह हाल है। दो विधानसभा के बीच पड़ने के कारण दोनो विधायक भी नजर देना उचित नहीं समझते है तो दो पंचायत रहूआ और लालगंज पंचायत के बीच पड़ने के कारण भी कोई पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधि भी इस दिशा में कोई पहल नहीं करते हैं। 


स्थानीय लोगों ने कहा कि विधायक, सांसद से निर्माण के लिए गुहार लगाते लगाते थक गए हैं। वही लालगंज पंचायत के वार्ड 13 के वार्ड सदस्य प्रमोद पाठक कहते हैं कि तत्कालीन विधायक स्व संजीव झा के कार्यकाल समाप्त होने के बाद इस सड़क और पुल को अपने खुद के अस्तित्व पर छोड़ दिया गया है। वही दो पंचायत जिसमे लगभग डेढ़ सौ गज रहुआ पंचायत जो कि कहरा प्रखंड में आता है और बाकी लालगंज पंचायत जो कि सत्तरकट्टैया प्रखंड में आता है। दोनो पंचायत के भी आपसी सामंजस्य नहीं होने के कारण यह पुल सड़क के बिना बेकार साबित हो रहा है।