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                            05-Feb-2020 08:45 PM
DELHI: इस वक्त की बड़ी खबर दिल्ली से आ रही है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्भया कांड के दोषी अक्षय ठाकुर की दया याचिका को खारिज कर दिया है. इससे पहले मुकेश और विनय की दया याचिका को भी राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं. जबकि पवन ने यह याचिका अभी नहीं दाखिल की है. अक्षय की दया याचिका एक फरवरी को दाखिल हुई, जिसे राष्ट्रपति ने आज खारिज कर दिया है.
हाईकोर्ट ने आज कहा कि निर्भया के चारों दोषियों को एक साथ फांसी दी जी सकती है, अलग-अलग नहीं. इस फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है. केंद्र सरकार के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से ये भी कहा था कि निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के दोषी कानून के तहत मिली सजा के अमल में विलंब करने की सुनियोजित चाल चल रहे हैं. किसी एक दोषी की याचिका लंबित होने पर बाकी 3 दोषियों को फांसी से राहत नहीं दी जा सकती. जिसपर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि चारों आरोपियों को अलग-अलग फांसी नहीं दी जा सकती है.
निर्भया कांड के दोषियों में से एक अक्षय ठाकुर बिहार के औरंगाबाद जिले का रहने वाला है. अक्षय के एक करतूत ने उसके पूरा परिवार को बर्बादी के कगार पर ला दिया था. दिल्ली में काम करने वाले इसके भाईयों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा. अक्षय शादीशुदा है और इसका एक बच्चा भी है.