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Bihar Assembly Election 2025 : भूमिहार नेता के लिए तेजस्वी ने खेला बड़ा दांव, बदल दिया पुराने नेता का सीट;अब इस जगह से हुंकार भरेंगे सुदय यादव

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में तेजस्वी यादव ने जहानाबाद और कुर्था सीटों पर नए उम्मीदवारों का ऐलान किया। सुदय यादव कुर्था से चुनाव लड़ेंगे।

 Bihar Assembly Election 2025 : भूमिहार नेता के लिए तेजस्वी ने खेला बड़ा दांव, बदल दिया पुराने नेता का सीट;अब इस जगह से हुंकार भरेंगे सुदय यादव

19-Oct-2025 08:08 AM

By First Bihar

 Bihar Assembly Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों के नजदीक आते ही राज्य की सियासत में लगातार नए समीकरण बनते दिख रहे हैं। इस बार राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और उसके नेता तेजस्वी यादव का रुख पहले से काफी अलग नजर आ रहा है। पिछले चुनावों में अक्सर जातीय राजनीति के आधार पर अपने चुनावी रणनीति तय करने वाली आरजेडी अब खुद को “ए टू ज़ेड पार्टी” के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है। यही वजह है कि तेजस्वी यादव इस बार सीटिंग विधायकों के साथ भी नए समीकरण बना रहे हैं और कुछ सीटों को जातीय दृष्टिकोण से देखते हुए बदलने का निर्णय लिया है।


ऐसा ही एक उदाहरण जहानाबाद से सामने आया है। जहानाबाद में तेजस्वी यादव ने अपने पुराने सीटिंग विधायक को हटाकर नए उम्मीदवार को मैदान में उतारा। इस सीट पर अब जेडीयू से राजद में आए राहुल शर्मा को उम्मीदवार बनाया गया है। राहुल शर्मा भूमिहार समाज से आते हैं और जहानाबाद क्षेत्र को भूमिहार बहुल इलाका माना जाता है। यह रणनीति साफ तौर पर जातीय समीकरण और स्थानीय जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।


इस बदलाव के बाद जहानाबाद के पूर्व सीटिंग विधायक सुदय यादव को अब पास के अरवल जिले के कुर्था विधानसभा क्षेत्र से RJD का उम्मीदवार बनाया गया है। सुदय यादव राजद के बड़े नेता के रूप में जाने जाते हैं और उनका राजनीतिक प्रभाव जहानाबाद के अलावा अरवल क्षेत्र में भी काफी है। कुर्था से चुनाव लड़ने का अवसर मिलने के बाद सुदय यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भावुक संदेश साझा किया और पार्टी नेतृत्व का धन्यवाद किया।


सुदय यादव ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि यह पल उनके लिए अत्यंत भावुक और गौरवपूर्ण है। उन्होंने कहा कि उन्हें उनकी जन्म भूमि (पूर्व में जहानाबाद) के बजाय अब अरवल जिले के 215-कुर्था विधानसभा क्षेत्र से राजद महागठबंधन का अधिकृत उम्मीदवार बनाया गया है। इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के शीर्ष नेतृत्व का हृदय से आभार व्यक्त किया और कुर्था विधानसभा की जनता से विनम्र निवेदन किया कि उन्हें भारी मतों से विजयश्री का आशीर्वाद दें और जनता की सेवा का अवसर प्रदान करें।


सुदय यादव ने अपने संदेश में अपने पिता, पूर्व कुर्था विधायक मुन्द्रिका सिंह यादव की शिक्षाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उनके पिता हमेशा कहते थे कि जनता का सुख-दुःख ही सेवा का एकमात्र उद्देश्य होना चाहिए। सुदय यादव ने यह भी जोड़ा कि उनका संस्कार और जनता का विश्वास उनकी सबसे बड़ी ताकत है।


राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह बदलाव RJD की रणनीति का हिस्सा है, जिसमें पार्टी अब केवल जातीय समीकरणों तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि विभिन्न समाजों और वर्गों तक अपनी पहुँच बनाने की कोशिश कर रही है। जहानाबाद में भूमिहार नेता को उम्मीदवार बनाना और कुर्था से सुदय यादव को मैदान में उतारना इस बात का संकेत है कि तेजस्वी यादव हर सीट पर स्थानीय और जातीय समीकरणों का गहराई से अध्ययन कर रहे हैं।


राजद का यह कदम आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की स्थिति को मजबूत करने के लिए अहम माना जा रहा है। सुदय यादव की लोकप्रियता और बाहुबली छवि कुर्था में पार्टी के लिए फायदा पहुंचा सकती है। वहीं, जहानाबाद में भूमिहार नेता के रूप में राहुल शर्मा की एंट्री भी तेजस्वी यादव की नई सोच को दर्शाती है कि पार्टी अब स्थानीय जरूरतों और जातीय संतुलन के आधार पर अपने उम्मीदवारों का चयन कर रही है।


विश्लेषकों का मानना है कि इस रणनीति से RJD को दोनों सीटों पर बेहतर प्रदर्शन करने का अवसर मिल सकता है। कुर्था और जहानाबाद, दोनों ही सीटें राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती हैं और यहाँ चुनावी परिणाम पार्टी की स्थिति तय करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। साथ ही, सुदय यादव की भावनाओं और उनके संदेश में स्पष्ट है कि वे जनता की सेवा को ही अपना प्राथमिक उद्देश्य मानते हैं। उन्होंने कुर्था की जनता से अपील की है कि उन्हें उनके विश्वास और समर्थन के माध्यम से मौका दें ताकि वे विधानसभा में अपने क्षेत्र और जनता के विकास के लिए काम कर सकें।


बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में तेजस्वी यादव की यह रणनीति, जिसमें पुराने और नए नेताओं को सीटों के हिसाब से व्यवस्थित किया गया है, राज्य की सियासत में नए रंग भरने वाली है। अब देखना यह होगा कि कुर्था और जहानाबाद की जनता इस रणनीति को किस नजर से देखती है और चुनाव परिणाम किस प्रकार राज्य की राजनीतिक दिशा को प्रभावित करते हैं।