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BIHAR ELECTION : हार से खुला NDA का खाता ! चिराग पासवान की नेता और भोजपुरी एक्ट्रेस सीमा सिंह का नामांकन रद्द, जानिए क्या रही वजह

BIHAR ELECTION : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए नामांकन प्रक्रिया के दौरान मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र में बड़ा राजनीतिक हादसा हुआ है। चुनावी मैदान में उतरने वाले चार प्रमुख उम्मीदवारों के नामांकन पत्र रद्द कर दिए गए हैं। इनमें लोजपा (रामविलास) की उम्म

BIHAR ELECTION : हार से खुला NDA का खाता ! चिराग पासवान की नेता और भोजपुरी एक्ट्रेस सीमा सिंह का नामांकन रद्द, जानिए क्या रही वजह

18-Oct-2025 03:32 PM

By First Bihar

BIHAR ELECTION : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र में नामांकन प्रक्रिया के दौरान राजनीतिक गतिविधियों ने नया मोड़ ले लिया है। इस क्षेत्र की राजनीति में सबसे चर्चित और लोकप्रिय चेहरा, लोजपा (रामविलास) की उम्मीदवार सीमा सिंह, इस बार अचानक अपने चुनावी सफर से बाहर हो गई हैं। निर्वाचन पदाधिकारी ने उनके नामांकन पत्र सहित कुल चार उम्मीदवारों के नामांकन रद्द कर दिए। बाकी तीन उम्मीदवारों में निर्दलीय उम्मीदवार अल्ताफ आलम राजू, बसपा के आदित्य कुमार और निर्दलीय विशाल कुमार शामिल हैं।


सीमा सिंह के नामांकन पत्र के साथ संलग्न आवश्यक दस्तावेजों और प्रमाण पत्रों में कुछ तकनीकी त्रुटियां पाई गईं, जिन्हें समय रहते सुधारना संभव नहीं हो पाया। सूत्रों के अनुसार, इनके नामांकन पत्र में प्रमाण पत्र और आवश्यक दस्तावेजों की मान्यता नहीं हो पाने के कारण उनका नामांकन रद्द किया गया। इस फैसले ने मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक तस्वीर बदल दी है, क्योंकि सीमा सिंह  मजबूत जनसमर्थन रखने वाली उम्मीदवार मानी जा रही हैं।


राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सीमा सिंह का चुनाव से बाहर होना इस क्षेत्र में मतदाताओं के रुझानों को प्रभावित कर सकता है। उनके समर्थक और स्थानीय जनता अब चुनावी रणनीतियों और अन्य उम्मीदवारों के प्रति नजर बदल सकते हैं। इससे अन्य पार्टियों और उम्मीदवारों को अप्रत्याशित लाभ मिलने की संभावना भी बढ़ गई है। मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र, जहां हर बार चुनाव नज़दीकी मुकाबले में तय होते हैं, अब एक नए राजनीतिक परिदृश्य का सामना कर रहा है।


स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच इस खबर का असर स्पष्ट तौर पर देखा जा रहा है। लोजपा (रामविलास) के स्थानीय नेता इस फैसले को बड़ा झटका मान रहे हैं और उच्च स्तर पर इस मुद्दे पर विचार कर रहे हैं। वहीं, सीमा सिंह के समर्थक भी इस निर्णय से नाराज हैं और निर्वाचन पदाधिकारी से पुनर्विचार की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि तकनीकी त्रुटियों के कारण किसी लोकप्रिय उम्मीदवार को चुनाव से बाहर करना राजनीतिक रूप से सही नहीं है।


इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि चुनावी प्रक्रिया में दस्तावेज़ और तकनीकी मानदंडों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। भले ही उम्मीदवार का जनसमर्थन मजबूत हो, लेकिन कागजात और प्रमाण पत्रों में छोटी-छोटी खामियों के कारण भी नामांकन रद्द किया जा सकता है। मढ़ौरा क्षेत्र के मतदाता अब इस बदलती राजनीतिक स्थिति को देखते हुए अपनी रणनीति बदल सकते हैं और चुनावी परिणाम पर इसका गहरा प्रभाव पड़ सकता है।


इस प्रकार, सीमा सिंह का नामांकन रद्द होना मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में एक बड़ा झटका साबित हुआ है। उनके बाहर होने से क्षेत्रीय राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं और अन्य उम्मीदवारों के लिए अवसर पैदा हो गया है। आगामी चुनावों में मढ़ौरा की जनता के रुझान और चुनावी परिणाम इस घटना के बाद और अधिक अनिश्चित और रोमांचक बन गए हैं।