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19-Oct-2025 11:09 AM
By First Bihar
Bihar News : बिहार के नवादा जिले में शनिवार सुबह एक पुलिस जवान का शव उसके किराए के मकान में फंदे से लटका हुआ पाया गया। मृतक की पहचान औरंगाबाद जिले के हसपुरा थाना क्षेत्र निवासी अमित कुमार के रूप में हुई है। अमित कुमार 2021 बैच के सिपाही थे और नवादा जिले में तैनात थे। घटना नरेंद्र नगर सेक्टर-ए स्थित उनके किराए के मकान में हुई।
मिली जानकारी के अनुसार, घटनास्थल से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है। सुसाइड नोट में अमित ने अपने उपर किए जा रहे मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का जिक्र किया है। उन्होंने दो अधिकारियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें एक पुलिस लाइन के प्रशिक्षण प्रभारी इंस्पेक्टर मनोज सिन्हा भी शामिल हैं, जिन्हें सस्पेंड कर दिया गया है।
सुसाइड नोट में अमित ने लिखा कि छुट्टी मिलने के बावजूद उन्हें जाने नहीं दिया जा रहा था। उनका आरोप था कि छुट्टी पिछले एक सप्ताह से मंजूर थी, लेकिन अधिकारी उन्हें कई दिनों से परेशान कर रहे थे। अमित ने कहा कि उनसे निजी काम कराए जाते थे और उन्हें लगातार मानसिक दबाव में रखा गया। उनके साथी सिपाहियों ने भी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना और जातिवाद के आरोप लगाए हैं। अन्य सिपाहियों का कहना है कि अमित लगातार छुट्टी के लिए आग्रह कर रहे थे, लेकिन अधिकारियों द्वारा उन्हें टाला जा रहा था, जिसके कारण वे मानसिक रूप से अत्यंत परेशान थे।
घटना की जानकारी मिलते ही नवादा एसपी अभिनव धीमान, सदर एसडीपीओ हुलास कुमार, नगर थाना अध्यक्ष अविनाश कुमार, सर्किल इंस्पेक्टर और हिसुआ थाने की पुलिस टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। इसके अलावा मगध रेंज के पुलिस महानिरीक्षक क्षत्रनील सिंह ने भी खुद जाकर मुआयना किया और हर बिंदु पर घटनास्थल का निरीक्षण किया।
एसपी अभिनव धीमान ने घटनास्थल का मुआयना करने के बाद बताया कि आत्महत्या के कारणों की गहन जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि अमित कुमार की हाल ही में शादी हुई थी और उनकी कुछ निजी समस्याएं भी थीं, जो मानसिक तनाव का कारण बन सकती हैं। एसपी ने आश्वासन दिया कि यदि जांच में किसी अधिकारी को दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
घटना ने जिले की पुलिस व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अधिकारियों द्वारा जवानों पर अत्यधिक दबाव और मानसिक प्रताड़ना के आरोप गंभीर माने जा रहे हैं। सोशल मीडिया और स्थानीय लोगों के बीच भी यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। पुलिस कर्मचारियों और नागरिकों ने इस घटना को दुखद और चिंताजनक बताया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, पुलिस कर्मियों पर काम के दौरान लगातार दबाव और व्यक्तिगत समस्याओं का मिश्रण मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। इस घटना ने यह भी उजागर किया है कि जवानों की छुट्टियों और व्यक्तिगत समय के मामले में पारदर्शिता और संवेदनशीलता की आवश्यकता है।
सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपों के मद्देनजर इंस्पेक्टर मनोज सिन्हा को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
स्थानीय लोग और सिपाही इस मामले को गंभीरता से देख रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि जवानों के मानसिक स्वास्थ्य और कार्य परिस्थितियों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस मामले में जांच प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए हैं।
अमित कुमार की आत्महत्या ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि पुलिस बल में मानसिक स्वास्थ्य और कर्मचारियों की भलाई के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। नवादा पुलिस ने इस मामले में लोगों से संयम रखने और अफवाहों से बचने की अपील की है।
इस दुखद घटना ने जिले में शोक और चिंता की लहर दौड़ा दी है। मृतक के परिवार और साथियों को पुलिस प्रशासन द्वारा हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया गया है। जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि क्या इस घटना में अधिकारियों की भूमिका रही और किन परिस्थितियों ने अमित कुमार को इस चरम कदम की ओर धकेला।
इस बीच, नवादा पुलिस अधीक्षक मामले की जांच में पूरी गंभीरता और निष्पक्षता से जुटे हुए हैं। यह घटना सिर्फ एक जवान की व्यक्तिगत त्रासदी नहीं बल्कि पूरे पुलिस बल की कार्य प्रणाली और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर चेतावनी के रूप में देखी जा रही है।