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17-Oct-2025 03:09 PM
By First Bihar
Patna High Court : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले दानापुर से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक रीतलाल यादव को पटना हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल पाई है। अदालत ने उनकी औपबंधिक (अस्थायी) जमानत याचिका पर सुनवाई को टाल दिया है। न्यायमूर्ति अरुण कुमार झा की एकलपीठ ने इस मामले में राज्य सरकार को जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। अब इस मामले की सुनवाई दीपावली और छठ पूजा की छुट्टियों के बाद 30 अक्टूबर को होगी। तब तक रीतलाल यादव को जेल में ही रहना होगा।
गौरतलब है कि बाहुबली छवि वाले विधायक रीतलाल यादव फिलहाल रंगदारी और जबरन वसूली के एक मामले में भागलपुर जेल में बंद हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक बिल्डर से रंगदारी मांगी और धमकी दी थी। इसी मामले में उन्होंने अप्रैल महीने में स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पण किया था। पहले उन्हें पटना के बेऊर जेल में रखा गया था, लेकिन सुरक्षा कारणों से बाद में उन्हें भागलपुर जेल स्थानांतरित कर दिया गया।
इस बीच, विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद राजद ने रीतलाल यादव को दोबारा दानापुर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है। नामांकन की अंतिम तिथि से पहले उन्होंने पुलिस हिरासत में ही नामांकन पर्चा दाखिल किया था। इसके बाद उन्हें दोबारा भागलपुर जेल भेज दिया गया।
रीतलाल यादव ने हाईकोर्ट में यह याचिका दाखिल कर चार सप्ताह की औपबंधिक जमानत मांगी थी, ताकि वे अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर सकें। उनकी ओर से वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने अदालत में तर्क दिया कि यह एक विशेष परिस्थिति का मामला है, क्योंकि उनके मुवक्किल को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है और दानापुर सीट पर 6 नवंबर को मतदान होना है।
वर्मा ने कहा कि चुनाव प्रचार की अवधि बेहद सीमित है, इसलिए अदालत से अनुरोध किया गया कि विधायक को कुछ समय के लिए जमानत पर रिहा किया जाए ताकि वे अपने मतदाताओं के बीच जा सकें।
वहीं, राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पी.के. शाही ने इस याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि विधायक की ओर से दायर अर्जी सुनवाई के योग्य नहीं है। सरकार की ओर से दलील दी गई कि आवेदक को जमानत के लिए सक्षम अदालत में जाना चाहिए था, न कि सीधे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए था। इसके अलावा महाधिवक्ता ने यह भी कहा कि विधायक ने अपने आवेदन में अपने आपराधिक इतिहास की पूरी जानकारी नहीं दी है, जो गंभीर त्रुटि है।
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद राज्य सरकार से जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और सुनवाई 30 अक्टूबर तक स्थगित कर दी। इसका मतलब यह है कि रीतलाल यादव दीपावली और छठ पर्व तक जेल में ही रहेंगे।
दानापुर विधानसभा क्षेत्र में रीतलाल यादव का खास प्रभाव माना जाता है। वे पहले भी इसी सीट से राजद के टिकट पर विधायक रह चुके हैं और इलाके में बाहुबली नेता के रूप में जाने जाते हैं। उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, लेकिन राजनीतिक धरातल पर उनकी पकड़ अब भी मजबूत मानी जाती है।
राजद ने उन पर लगे आरोपों के बावजूद उन्हें एक बार फिर से प्रत्याशी बनाकर यह संकेत दिया है कि पार्टी उनके प्रभाव क्षेत्र का लाभ उठाना चाहती है। अब सबकी निगाहें 30 अक्टूबर की सुनवाई पर टिकी हैं, जब यह तय होगा कि रीतलाल यादव को चुनाव प्रचार के लिए अस्थायी जमानत मिलती है या नहीं।