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Bihar Election 2025: कुछ ने मैदान छोड़ा, तो कुछ ने बढ़ाई सियासी गर्मी; पहले चरण के अखाड़े में 121 सीटों पर इतने उम्मीदवार आजमाएंगे अपनी किस्मत

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल पूरी तरह बज चुका है। पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन वापसी की समय सीमा समाप्त होने के बाद अब मैदान सज चुका है। राज्य के 18 जिलों की 121 सीटों पर कुल 1314 उम्मीदवार अब चुनावी अखाड़े में हैं।

Bihar Election 2025

22-Oct-2025 07:13 AM

By First Bihar

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल पूरी तरह बज चुका है। पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन वापसी की समय सीमा समाप्त होने के बाद अब मैदान सज चुका है। राज्य के 18 जिलों की 121 सीटों पर कुल 1314 उम्मीदवार अब चुनावी अखाड़े में हैं, जिनके बीच 6 नवंबर को सीधी टक्कर होगी। चुनावी सरगर्मी बढ़ने के साथ ही प्रत्याशियों ने प्रचार-प्रसार में पूरी ताकत झोंक दी है।


निर्वाचन विभाग के अनुसार, पहले चरण की इन सीटों पर कुल 1690 उम्मीदवारों ने 2496 सेट में नामांकन दाखिल किया था। इनमें से 315 नामांकन संवीक्षा के दौरान रद्द किए गए, जबकि 61 उम्मीदवारों ने स्वेच्छा से अपना नाम वापस ले लिया। नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 20 अक्तूबर निर्धारित थी। इसके साथ ही अब यह साफ हो गया है कि कौन-कौन से उम्मीदवार अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र से अंतिम मुकाबले में उतरेंगे।


सबसे ज्यादा उम्मीदवारों की भिड़ंत मुजफ्फरपुर और कुढ़नी सीटों पर देखने को मिलेगी, जहां 20-20 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनके बाद महनार में 18, डुमरांव में 16, और सिमरी बख्तियारपुर, महुआ, उजियारपुर, जमालपुर, तरारी और बक्सर में 15-15 प्रत्याशी मुकाबले में हैं। वहीं, भोरे, परबत्ता और अलौली सीटों पर सबसे कम 5-5 उम्मीदवार चुनावी दंगल में उतर रहे हैं।


कुछ सीटों पर आपसी तालमेल और राजनीतिक रणनीति के चलते कई उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस ले लिए। लालगंज से कांग्रेस के आदित्य कुमार ने महागठबंधन की उम्मीदवार राजद की शिवानी शुक्ला के समर्थन में नाम वापस लिया, जबकि तारापुर से वीआईपी प्रत्याशी सकलदेव बिंद ने भाजपा के दिग्गज नेता और उम्मीदवार सम्राट चौधरी के समर्थन में मैदान छोड़ा।


इसी तरह दानापुर में निर्दलीय टिंकु कुमार यादव ने अपने भाई रीतलाल राय के समर्थन में, डुमरांव में निर्दलीय करतार सिंह यादव ने अपने पिता ददन सिंह यादव के समर्थन में, और पटना साहिब में निर्दलीय शिशिर कुमार व डॉ. अजय प्रकाश ने भाजपा उम्मीदवार रत्नेश कुशवाहा के पक्ष में नाम वापस ले लिया। यह घटनाएं इस बार के चुनाव में परिवारिक और राजनीतिक समीकरणों के नए रूप को भी दर्शाती हैं।


नामांकन वापसी की सूची में कई प्रमुख नाम भी शामिल हैं। बरौली से पूर्व मंत्री रामप्रवेश राय, खगड़िया से पूर्व विधायक पूनम देवी यादव (रालोजपा), बक्सर से निर्दलीय अमरेंद्र पांडेय, गोपालगंज से जनसुराज के शशिशेखर सिन्हा, ब्रह्मपुर से जनसुराज के सत्यप्रकाश तिवारी, रघुनाथपुर से बसपा के अवधेश भगत, बछवाड़ा से बसपा के दिलीप कुमार और सिंहेश्वर से आप के नंदन कुमार ने भी पर्चा वापस ले लिया।


पहले चरण के नामांकन की प्रक्रिया 10 से 17 अक्तूबर तक चली थी, जबकि 18 अक्तूबर को नामांकन पत्रों की संवीक्षा की गई थी। अब पहले चरण के बाद निगाहें दूसरे चरण की 122 सीटों पर हैं, जहां 11 नवंबर को मतदान होना है। इन सीटों पर नामांकन की समय सीमा 20 अक्तूबर को समाप्त हो चुकी है और उम्मीदवार 23 अक्तूबर तक नाम वापस ले सकेंगे।


बिहार विधानसभा चुनाव का यह पहला चरण राजनीतिक दलों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुका है। राजद, जदयू, भाजपा, कांग्रेस, लोजपा (रामविलास) और जनसुराज जैसी प्रमुख पार्टियां अपने-अपने गढ़ को मजबूत करने की रणनीति में जुटी हैं। महागठबंधन और एनडीए के बीच सीटों की टक्कर दिलचस्प होगी।


अब देखना यह होगा कि बिहार के मतदाता इस बार किसे चुनते है, विकास का चेहरा या जातीय समीकरणों का संतुलन। छह नवंबर को होने वाला मतदान राज्य की राजनीति की दिशा तय करने वाला साबित हो सकता है।