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28-Oct-2025 07:34 AM
By First Bihar
Bihar News: बिहार में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद शिक्षकों के राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने के मामलों पर प्रशासन सख्त रुख अपनाए हुए है। इसी क्रम में सारण जिले में चार शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है। इनमें तीन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय जांच का आदेश दिया गया है, जबकि एक नियोजित शिक्षक पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश जारी किया गया है। जिला प्रशासन ने इन सभी पर आदर्श आचार संहिता और बिहार सेवक आचार नियमावली 1970 के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, छपरा की विशिष्ट शिक्षिका प्रियंका कुमारी को एक निजी न्यूज चैनल के कार्यक्रम में भाग लेने और सरकार की नीतियों की आलोचना करने के आरोप में निलंबित किया गया है। जिला पदाधिकारी, सारण को प्राप्त शिकायत की जांच में यह पुष्टि हुई कि शिक्षिका ने 10 अक्टूबर को “कौन बनेगा बिहार का मुख्यमंत्री” नामक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सरकार की नीतियों पर टिप्पणी की थी, जिसे बिहार सेवक आचार नियमावली 1970 की कंडिका 6 एवं 10 और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना गया। जांच प्रतिवेदन के आधार पर डीएम ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय प्रखंड संसाधन केंद्र, सदर छपरा निर्धारित किया गया है और उन्हें 50 प्रतिशत जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।
इसी मामले में मध्य विद्यालय, रतनपुरा (छपरा) के प्रधानाध्यापक सुरेन्द्र कुमार सिंह को भी निलंबित कर दिया गया है। उन पर भी मीडिया कार्यक्रम में भाग लेकर सरकार की नीतियों पर टिप्पणी करने का आरोप है। प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए जाने पर डीएम, सारण ने उन्हें तत्काल निलंबित कर विभागीय जांच समिति गठित की है।
उनका मुख्यालय प्रखंड संसाधन केंद्र, बनियापुर निर्धारित किया गया है। डीएम ने कहा कि एक सरकारी शिक्षक का सार्वजनिक रूप से राजनीतिक टिप्पणी करना गंभीर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है और ऐसे कृत्य बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
प्राथमिक विद्यालय घोघिया उत्तर टोला, मशरक के विशिष्ट शिक्षक धर्मेन्द्र कुमार सिंह को राजनीतिक दल की जनसभा में भाग लेने के आरोप में निलंबित किया गया है। जांच में यह पाया गया कि वे एक राजनीतिक दल के मंच पर मौजूद थे। इस मामले में मशरक थाना कांड संख्या-451/2025 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी निशांत किरण ने बताया कि शिक्षक का राजनीतिक कार्यक्रमों में शामिल होना सरकारी सेवक के आचरण के विपरीत है। निलंबन अवधि में धर्मेन्द्र कुमार का मुख्यालय प्रखंड संसाधन केंद्र, दरियापुर निर्धारित किया गया है। उन्हें भी 50 प्रतिशत जीवन निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा।
जलालपुर प्रखंड के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय धेनुकी, देवरिया के पंचायत शिक्षक चन्द्रमोहन कुमार सिंह पर चुनावी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। शिकायत में कहा गया है कि वे एक प्रत्याशी के समर्थन में ग्रामीणों से अपील करते देखे गए।
इस पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सहायक निर्वाची पदाधिकारी-सह-प्रखंड विकास पदाधिकारी, जलालपुर को जांच का आदेश दिया है। निर्देश दिया गया है कि यदि आरोप सत्य पाए जाते हैं तो उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर विभागीय कार्रवाई की जाए।
जिला शिक्षा पदाधिकारी निशांत किरण ने कहा कि चुनाव अवधि में शिक्षकों की भूमिका पूरी तरह निष्पक्ष रहनी चाहिए। उन्होंने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में शिक्षकों की गतिविधियों पर सतत निगरानी रखें।
डीईओ ने कहा, “शिक्षक समाज के मार्गदर्शक होते हैं। इसलिए उनका आचरण मर्यादित और निष्पक्ष होना आवश्यक है। किसी भी प्रकार की राजनीतिक भागीदारी या टिप्पणी को गंभीर अनुशासनहीनता माना जाएगा और ऐसी गतिविधियों पर तत्काल कार्रवाई होगी।”
आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से जिला प्रशासन शिक्षकों और सरकारी कर्मियों की गतिविधियों पर नजर रख रहा है। अधिकारियों का कहना है कि चुनाव के दौरान सरकारी सेवकों का किसी भी राजनीतिक दल, प्रत्याशी या मंच से जुड़ना चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है।
प्रशासन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि भविष्य में भी किसी शिक्षक या सरकारी कर्मचारी के खिलाफ ऐसी शिकायतें मिलीं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।