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16-Oct-2025 07:21 AM
By First Bihar
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राज्य की सियासत में हलचल तेज होती जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार से अपने चुनाव प्रचार अभियान की औपचारिक शुरुआत करने जा रहे हैं। जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने बुधवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को सरायरंजन और बहादुरपुर में चुनावी कार्यक्रमों में शामिल होंगे। इन दोनों सीटों से जदयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री नामांकन दाखिल करेंगे जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी सरायरंजन से और सामाजिक कल्याण मंत्री मदन सहनी बहादुरपुर से नामांकन भरेंगे। इन दोनों कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री स्वयं मौजूद रहेंगे और एनडीए गठबंधन के चुनावी अभियान की शुरुआत का शंखनाद करेंगे।
संजय झा ने अपने पोस्ट में लिखा कि “पूरा एनडीए हर लिहाज से एकजुट है। हमारा उद्देश्य है नीतीश कुमार के नेतृत्व में दोबारा सरकार बनाना। बिहार के लोग डबल इंजन की सरकार का फायदा देख चुके हैं और अब वे विकास के इस रास्ते से पीछे नहीं मुड़ना चाहते।” उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार न केवल बिहार सरकार की कमान संभाल रहे हैं, बल्कि जदयू संगठन के मुखिया के रूप में पार्टी की रणनीति भी तय कर रहे हैं। सरकार और पार्टी के हर अहम निर्णय में उनकी सहमति अनिवार्य होती है। हालांकि, वे लोकतांत्रिक ढंग से निर्णय लेते हैं। सभी नेताओं से चर्चा करते हैं, सुझाव लेते हैं और फिर अंतिम फैसला करते हैं।
बिहार चुनाव 2025 को लेकर एनडीए में जोश और उत्साह साफ देखा जा सकता है। भाजपा, जदयू, हम और एलजेपी (रामविलास) जैसे सहयोगी दलों ने एक साझा लक्ष्य तय किया है “विकसित बिहार”। एनडीए ने इस चुनाव में युवाओं, महिलाओं और किसानों को केंद्र में रखकर अभियान की रूपरेखा तैयार की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में कहा था कि अगले कार्यकाल में एक करोड़ युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने का लक्ष्य है। इस दिशा में उद्योग, आईटी और शिक्षा क्षेत्रों में नए निवेश को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है।
बिहार में विकास के कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम जारी है। संजय झा ने बताया कि राज्य में कई सिक्स लेन हाईवे, नए औद्योगिक क्षेत्र, मेडिकल कॉलेज और स्मार्ट सिटी परियोजनाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं को समय पर पूरा कर बिहार को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य एनडीए सरकार का है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार का चुनाव बिहार के भविष्य की दिशा तय करेगा। एक ओर एनडीए अपनी विकास उपलब्धियों और स्थिर शासन की बात कर रहा है, वहीं विपक्ष महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लेकर सरकार पर हमला तेज कर रहा है। हालांकि, एनडीए का दावा है कि जनता का मूड इस बार भी उनके पक्ष में है।
संजय झा ने कहा, “इस चुनाव में दीवार की लिखावट बिल्कुल स्पष्ट है। एनडीए को इतना प्रचंड बहुमत मिलेगा कि 2010 का रिकॉर्ड भी पीछे छूट जाएगा। बिहार की जनता अब विकास की राजनीति चाहती है, न कि वादों की।” उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को भी अब यह एहसास हो गया है कि महिलाओं और युवाओं का रुझान एनडीए के साथ है, और यही कारण है कि पूरा विपक्ष अब दहशत में है।
नीतीश कुमार की इस प्रचार यात्रा से एनडीए के अभियान को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है। गुरुवार से शुरू होने वाला यह दौरा आने वाले दिनों में पूरे बिहार में फैलेगा, जहां मुख्यमंत्री जनसभाओं और रैलियों के माध्यम से जनता से सीधा संवाद करेंगे। यह स्पष्ट है कि नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार की सत्ता में वापसी के लिए पूरी ताकत झोंक चुके हैं।