Nitin Nabin: बीजेपी का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद नितिन नवीन को मिलेंगी कितनी सुविधाएं, सैलरी मिलेगी या नहीं? जानिए.. Nitin Nabin: बीजेपी का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद नितिन नवीन को मिलेंगी कितनी सुविधाएं, सैलरी मिलेगी या नहीं? जानिए.. Bihar Education News: शिक्षा विभाग के अफसरों को लिखने भी आता ! BEO ने एक पन्ने की चिट्ठी में 12 से अधिक गलती की Patna Crime News: पटना में दो पक्षों के बीच फायरिंग से हड़कंप, लाइसेंसी हथियार के साथ आरोपी गिरफ्तार Patna Crime News: पटना में दो पक्षों के बीच फायरिंग से हड़कंप, लाइसेंसी हथियार के साथ आरोपी गिरफ्तार Bihar News: बिहार के सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने रचा इतिहास, सोनपुर मेला में किया ऐसा काम कि एशियन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया नाम Bihar News: बिहार के सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने रचा इतिहास, सोनपुर मेला में किया ऐसा काम कि एशियन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया नाम KAIMUR CRIME: जंग बहादुर पासवान हत्याकांड का खुलासा, चार साल बाद फरार दूसरा आरोपी गिरफ्तार दिल्ली की ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ रैली पर गिरिराज सिंह का पलटवार, राहुल–प्रियंका गांधी पर साधा निशाना नितिन नवीन बने बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, पीएम मोदी-नीतीश कुमार सहित कई दिग्गजों ने दी बधाई
20-Oct-2025 07:39 AM
By First Bihar
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। महागठबंधन में घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान अभी भी बरकरार है। इस बीच कांग्रेस ने अपने छह नए उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है, जिससे अब तक पार्टी ने कुल 60 प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है।
कांग्रेस की नई सूची में वाल्मीकिनगर से सुरेंद्र प्रसाद कुशवाहा, अररिया से अबिदुर रहमान और अमौर से जलील मस्तान को टिकट दिया गया है। इन नामों के ऐलान के साथ ही पार्टी ने अपने आगामी चुनावी रणनीति में तेजी लाने की कोशिश की है।
दोस्ती सीट का मसला अब भी नहीं मिला सोना। गठबंधन के प्रमुख घटक सिद्धांतों के बीच संवाद असंबद्धता की स्थिति लगातार बढ़ती जा रही है। कंपनी के मुताबिक अब भी करीब 10 लोग ऐसे हैं, जिन पर टू-टू लॉज के बीच में समानता चल रही है। दोनों पक्ष अपनी-अपनी दावेदारी पर अड़े हुए हैं और कोई सहमति नहीं हो रही है। पहले चरण के नामांकन की प्रक्रिया समाप्त होने के बावजूद इन पदों पर संकट जारी है।
महागठबंधन के लिए यह खींचतान चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है। यदि गठबंधन के दल समय रहते अपने मतभेद दूर नहीं कर पाए, तो इसका सीधा असर चुनावी रणनीति और मतदाताओं पर पड़ सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस खींचतान का एक कारण यह है कि गठबंधन के भीतर हर दल अपने स्थानीय नेतृत्व और उम्मीदवारों के दबाव में है। कई बार ऐसे हालात उत्पन्न होते हैं, जब एक ही सीट पर दो दलों के दावे आमने-सामने हो जाते हैं, जिससे चुनावी जटिलता बढ़ जाती है।
इसके बावजूद महागठबंधन की कोशिश है कि वे जल्दी से जल्दी सीटों पर सामंजस्य स्थापित करें ताकि वोटिंग से पहले रणनीति स्पष्ट हो। कांग्रेस के नए उम्मीदवारों की घोषणा इस दिशा में एक कदम माना जा सकता है, जिससे पार्टी अपने चुनावी आधार को मजबूत करना चाहती है। हालांकि, गठबंधन में जारी रार और संवादहीनता का असर यह तय करेगा कि बिहार चुनाव में महागठबंधन कितनी सफलता हासिल कर पाता है।
इस बार के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को अपनी सीट साझा नीति पर ध्यान देना होगा, अन्यथा अंततः यह खींचतान गठबंधन की छवि और मतदाताओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।