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Bihar Assembly Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025: 78 विधायक पर नहीं है कोई मुकदमा , पूर्वी बिहार में सबसे ज्यादा “जीरो एफआईआर” वाले नेता जी;पढ़िए पूरा डाटा

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में 78 विधायक ऐसे हैं जिन पर कोई आपराधिक मामला नहीं है। पूर्वी बिहार और कोसी-सीमांचल क्षेत्रों में सबसे अधिक “जीरो एफआईआर” वाले विधायक हैं, जो पारदर्शिता और ईमानदारी का प्रतीक हैं।

 Bihar Assembly Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025: 78 विधायक पर नहीं है कोई मुकदमा , पूर्वी बिहार में सबसे ज्यादा “जीरो एफआईआर” वाले नेता जी;पढ़िए पूरा डाटा

13-Oct-2025 12:29 PM

By First Bihar

Bihar Assembly Election 2025 : बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर इस बार चुनाव आयोग ने दो चरणों में मतदान कराने का निर्णय लिया है। ऐसे में यह सवाल भी सामने आया है कि बिहार के कितने विधायक बिना किसी आपराधिक मामले के हैं और किस जिले में कितने विधायक “जीरो एफआईआर” वाले हैं। 17वीं विधानसभा में कुल 78 ऐसे विधायक थे, जिन पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं था। इनमें से 20 विधायक कोसी-सीमांचल और पूर्वी बिहार के जिलों से हैं। यह क्षेत्र कुल 13 जिलों और 62 विधानसभा सीटों में फैला हुआ है। इन जिलों में सबसे अच्छा प्रदर्शन भागलपुर जिले का रहा, जहां नाथनगर, सुल्तानगंज और पीरपैंती की सीटों के विधायक मुकदमा रहित रहे, जबकि बाकी चार सीटों के विधायकों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे।


नेशनल इलेक्शन वॉच (NEW) की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार विधानसभा 2020 के चुनाव में कुल 243 सीटों के लिए 3720 उम्मीदवार मैदान में थे। इनमें से 1201 उम्मीदवारों ने अपने शपथपत्र में आपराधिक मामले घोषित किए। चुनाव परिणामों के बाद 163 ऐसे उम्मीदवार विधायक बने, जिन पर कोई आपराधिक मामला दर्ज था। इनमें से 123 विधायकों पर गंभीर मामले दर्ज थे। इनमें कुछ का मुकदमा विशेष न्यायालय में लंबित था, जबकि कुछ बरी हो चुके थे। एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने केवल एक-दो ही मामलों में दंडित किया।


“जीरो एफआईआर” वाले विधायकों की सूची में कई जाने-माने नाम शामिल हैं, जिनमें बिजेंद्र यादव, जयंत राज, लेसी सिंह, विजय कुमार चौधरी, नीतीश मिश्रा, समीर कुमार महासेठ, श्रवण कुमार, शीला देवी, सुनील कुमार और नारायण प्रसाद मंत्री शामिल हैं। इन विधायकों ने अपनी क्षेत्रीय राजनीति और विधानसभा में सक्रिय योगदान के कारण काफी लोकप्रियता हासिल की है।


कुछ प्रमुख विधायकों और उनके क्षेत्रों की सूची इस प्रकार है:

अली अशरफ सिद्दीकी – नाथनगर

ललित नारायण मंडल – सुल्तानगंज

ललन पासवान – पीरपैंती

बिजेंद्र कुमार यादव – सुपौल

अमरेंद्र प्रताप सिंह – आरा

अनिल कुमार – बथनाहा

अनिरुद्ध प्रसाद यादव – निर्मली

अशोक कुमार – वारिशनगर

अवधेश सिंह – हाजीपुर

बच्चा पांडेय – बड़हरिया

भागीरथी देवी – रामनगर

भारत भूषण मंडल – लोकहा

विजय सिंह – बरारी

बीणा सिंह – महनार

विनय कुमार चौधरी – बेनीपुर

वीरेंद्र कुमार – रोसड़ा

चेतन आनंद – शिवहर

देवेश कांत सिंह – गोरियाकोठी

डॉ. सीएन गुप्ता – छपरा

डॉ. निक्की हेम्ब्रम – कटोरिया

गायत्री देवी – परिहार

गोपाल रविदास – फुलवाड़ी

गुंजेश्वर साह – महिषी

हरिनारायण सिंह – हरनौत

जयंत राज – अमरपुर

ज्योति देवी – बाराचट्टी

कौशल किशोर – राजगीर

कविता देवी – कोढ़ा

प्रेम मुखिया – हिलसा

कृष्णनंदन पासवान – हरसिद्धी

सुदय यादव – जहानाबाद

कुंदन कुमार – बेगूसराय

लखेंद्र कुमार रोशन – पातेपुर

लालबाबू गुप्ता – चिरैया

लेसी सिंह – धमदाहा

मनोहर प्रसाद सिंह – मनिहारी

मनोज यादव – बेलहर

मो. कामरान – गोबिंदपुर

मिथिलेश कुमार – सीतामढ़ी

मुरारी मोहन झा – केवटी

नारायण प्रसाद – नौतन

निरंजन कुमार मेहता – बिहारीगंज

निशा सिंह – प्राणपुर

नीतीश मिश्रा – झंझारपुर

पंकज कुमार मिश्रा – रुन्नी सैदपुर

प्रफुल्ल कुमार मांझी – सिकंदरा

प्रणव कुमार – मुंगेर

राजकुमार सिंह – मटिहानी

राजवंशी महतो चेरिया – बरियारपुर

राजेश कुमार गुप्ता – सासाराम

राजेश कुमार सिंह – मोहद्दीनगर

राजेश कुमार रोशन – इस्लामपुर

रामविष्णु सिंह – जगदीशपुर

राणा रंधीर – मधुबन

रणविजय साहू – मोरवा

ऋषि कुमार – ओबरा

समीर कुमार महासेठ – मधुबनी

संदीप सौरव – पालीगंज

संगीता कुमारी – मोहनिया

संतोष कुमार मिश्रा – करगहर

सदानंद संबुद्ध – साहेबपुर कमाल

सउद आलम – ठाकुरगंज

शमीम अहमद – नरकटिया

शीला कुमारी – फूलपरास

श्रवण कुमार – नालंदा

श्रेयसी सिंह – जमुई

सिद्घार्थ पटेल – वैशाली

श्रीकांत यादव – एकमा

सुदर्शन कुमार – बरबीघा

सुधांशु शेखर – हरलाखी

सुनील कुमार – भोरे

सुरेंद्र मेहता – बछवारा

स्वर्णा सिंह – गौराबौरम

उमाकांत सिंह – चनपटिया

वीणा भारती – त्रिवेणीगंज

विभा देवी – नवादा

विजय कुमार चौधरी – सरायरंजन

विश्वनाथ राम – राजपुर

इस डेटा से स्पष्ट होता है कि बिहार विधानसभा में कई ऐसे विधायक हैं जिन पर कोई आपराधिक मामला नहीं है, और यह चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और ईमानदारी के पक्ष में एक सकारात्मक संकेत है। विशेषकर पूर्वी बिहार और कोसी-सीमांचल क्षेत्रों में जीरो एफआईआर वाले विधायकों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक है, जो स्थानीय राजनीति में नई उम्मीद जगाता है।