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18-Jul-2025 03:27 PM
By Dhiraj Kumar Singh
JAMUI: सरकार के लाख कोशिशों के बावजूद घूसखोर अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। आए दिन घुसखोर पकड़े जा रहे हैं। ऐसा लगता है कि इनके अंदर निगरानी का डर खत्म हो गया है। निगरानी की कार्रवाई को देखकर भी सीख नहीं ले रहे हैं। जिसके चलते ये लोग विजिलेंस के हत्थे चढ़ रहे हैं। इन्हें देखकर ऐसा लगता है कि इन लोगों ने कसम खा ली है कि हम नहीं सुधरेंगे। ताजा मामला जमुई के मत्स्य विभाग से निकलकर सामने आ रही है, जहां दो घुसखोर अधिकारियों को निगरानी ने दबोचा है। ये लोग मिलकर मछली पालक से डेढ लाख रूपया बतौर घूस मांग कर रहे थे। पचास हजार रूपये घूस लेते निगरानी की टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
जमुई के मत्स्य विभाग में निगरानी विभाग ने 50 हजार की रिश्वत लेते दो अधिकारियों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया। मत्स्य विकास पदाधिकारी और प्रसार पदाधिकारी की गिरफ्तारी से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। ये लोग डेढ़ तालाब निर्माण और मछली पालन के लिए अनुदान दिलाने के नाम पर डेढ़ लाख रूपये रिश्वत मांग कर रहे थे। शुक्रवार को जमुई जिला मुख्यालय स्थित मत्स्य विभाग कार्यालय में निगरानी विभाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो पदाधिकारियों को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार अधिकारियों में मत्स्य विकास पदाधिकारी राजीव कुमार और जिला प्रसार पदाधिकारी अभय कुमार शामिल हैं।
दोनों पर आरोप है कि उन्होंने मछली पालन योजना के तहत लाभुक से अनुदान की राशि जारी करने के एवज में 1.5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। यह शिकायत सोनो प्रखंड के भेलवा मोहनपुर गांव निवासी तुलसी यादव ने निगरानी विभाग को दी थी। शिकायत की प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए जाने पर निगरानी विभाग ने जाल बिछाया और शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे, जैसे ही पहली किस्त के रूप में 50 हजार रुपये की राशि दी जा रही थी, दोनों अधिकारियों को रंगे हाथों पकड़ लिया गया।
कार्रवाई के दौरान मत्स्य विभाग परिसर में अफरा-तफरी मच गई। निगरानी टीम ने मौके पर ही दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया। फिलहाल उनसे पूछताछ की जा रही है और सभी आवश्यक कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें पटना मुख्यालय ले जाया जाएगा। निगरानी विभाग के पुलिस उपाधीक्षक सत्येंद्र राम ने बताया कि शिकायतकर्ता ने बताया था कि वह एकमुश्त 1.5 लाख रुपये नहीं दे सकता, इसलिए तीन किस्तों में राशि देने पर सहमति बनी थी। आज पहली किस्त के रूप में जब 50 हजार रुपये दिए जा रहे थे, उसी समय टीम ने छापा मारकर दोनों अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया।
निगरानी अन्वेंशन ब्यूरों पटना के डीएसपी सत्येंद्र राम ने मीडिया को इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तुलसी यादव की पत्नी के नाम से तालाब बनाने के लिए 214000 सरकार से स्वीकृत हुआ था। वह पैसा उनके अकाउंट में चला भी गया था। इसके बाद मत्स्य विकास पदाधिकारी और प्रसार पदाधिकारी ने महिला के पति को अपने दफ्तर में बुलाया था। अभय कुमार और राजीव कुमार के द्वारा पति को बुलाकर डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत की मांग की जा रही थी। इसका सत्यापन किया गया शिकायत के बाद मामला सही पाया गया। आज ₹50000 घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। शिकायतकर्ता को यह धमकी दी गई थी कि यदि डेढ़ लाख रुपया नहीं दिए तो आप पर केस हो जाएगा। तालाब के निर्माण के लिए 214000 दिया गया था और कहा गया था कि डेढ़ लाख रुपया यदि आप देते हैं तो और पैसा तालाब मछली पालन और तालाब के निर्माण के लिए दिया जाएगा। तुलसी यादव नामक व्यक्ति ने निगरानी में इस बात की शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद टीम ने सत्यापन किया जिसमें यह बात सही पाई गई। दोनों को ₹50000 घूस लेते हुए दबोचा गया। इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त संदेश माना जा रहा है। सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों के बीच यह कदम पूरे महकमे के लिए एक चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है।






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— FirstBiharJharkhand (@firstbiharnews) July 18, 2025