ब्रेकिंग न्यूज़

मुजफ्फरपुर में बेपटरी हुई मालगाड़ी, बाल-बाल बचा रेल कर्मी, ट्रेनों का परिचालन बाधित Bihar News: नहाने के दौरान डूबने से दो लड़कियों की मौत, दादा को खाना पहुंचाने गई थीं दोनों बच्चियां आरा में 22 जून को 'संत सम्मेलन' का आयोजन, जन जागरण सेवा कल्याण संस्थान का कार्यक्रम JDU विधायक के भांजे की हत्या का खुलासा, मुख्य आरोपी गिरफ्तार, प्रॉपर्टी के लिए छोटे भाई ने घटना को दिया था अंजाम Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस IOCL में प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ आमरण अनशन, पूर्वी क्षेत्र के सभी लोकेशनों पर विरोध प्रदर्शन जारी Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर Bihar News: गयाजी के सूर्यकुंड तालाब में सैकड़ों मछलियों की मौत, भीषण गर्मी या है कोई और वजह?

Shani Pradosh Vrat: शनि प्रदोष व्रत कथा पढ़ने के हैं अनेक लाभ, शिव भक्ति से दूर होते हैं कष्ट

सनातन धर्म में शनि प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। जब प्रदोष व्रत शनिवार को पड़ता है, तो इसे शनि प्रदोष व्रत के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना कर मनोकामनाएं पूर्ण करने का प्रयास किया जाता है।

Shani Pradosh Vrat

07-Jan-2025 09:01 AM

By First Bihar

सनातन धर्म में शनि प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। जब प्रदोष व्रत शनिवार को आता है, तो इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस व्रत का पालन करने से सौभाग्य, दांपत्य जीवन में सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। इस वर्ष शनि प्रदोष व्रत 11 जनवरी 2025 को पड़ रहा है। भक्तगण इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत कथा का पाठ करते हैं। यह व्रत मंगलकारी और मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना जाता है।


शनि प्रदोष व्रत की महिमा


शनि प्रदोष व्रत का पालन करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाले सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं। शिव भक्ति और व्रत के प्रभाव से भक्तों को पापों से मुक्ति मिलती है और उन्हें शुभ फल प्राप्त होते हैं।

इस व्रत का विशेष समय प्रदोष काल में होता है, जो सूर्यास्त से लेकर रात्रि के पहले पहर तक होता है। भक्त इस समय भगवान शिव को जल, बिल्वपत्र, धतूरा और चंदन अर्पित करते हैं।


शनि प्रदोष व्रत की कथा


पौराणिक कथा के अनुसार, एक नगर में तीन मित्र रहते थे – राजकुमार, ब्राह्मण कुमार और धनिक पुत्र। इनमें धनिक पुत्र का विवाह हो चुका था, लेकिन उसकी पत्नी का गौना शेष था।

एक दिन तीनों मित्रों ने स्त्रियों की चर्चा की। ब्राह्मण कुमार ने कहा कि ‘नारीहीन घर भूतों का डेरा होता है।’ यह सुनकर धनिक पुत्र अपनी पत्नी को ससुराल से लाने की जिद पर अड़ गया। उसके माता-पिता ने उसे समझाया कि शनि देवता डूबे हुए हैं और इस समय बहू-बेटियों को विदा करवाना अशुभ होता है। लेकिन धनिक पुत्र ने उनकी बात नहीं मानी और अपनी पत्नी को विदा करवा लिया।


यात्रा के दौरान आई विपत्तियां:


विदाई के बाद बैलगाड़ी का पहिया टूट गया और बैल की टांग भी टूट गई।

पति-पत्नी को चोटें आईं और उनका सामना डाकुओं से हुआ, जो उनका धन लूटकर चले गए।

घर पहुंचने पर धनिक पुत्र को सांप ने डस लिया। वैद्य ने बताया कि वह तीन दिनों में मर जाएगा।


शनि प्रदोष व्रत से कष्टों का निवारण:

जब ब्राह्मण कुमार को यह खबर मिली, तो उसने धनिक पुत्र के माता-पिता को शनि प्रदोष व्रत करने और उसे पत्नी सहित ससुराल भेजने की सलाह दी। धनिक पुत्र ने व्रत किया और ससुराल लौट गया। वहां पहुंचने पर उसकी स्थिति में सुधार हुआ और सभी कष्ट दूर हो गए। इस प्रकार, शनि प्रदोष व्रत के प्रभाव से उसका जीवन मंगलमय हो गया।


शनि प्रदोष व्रत के लाभ


कष्टों का निवारण: शनि प्रदोष व्रत करने से जीवन के सभी कष्ट और बाधाएं दूर होती हैं।

सौभाग्य में वृद्धि: यह व्रत दांपत्य जीवन में सुख-शांति लाने के साथ-साथ आर्थिक समृद्धि भी प्रदान करता है।

पापों से मुक्ति: व्रत और शिव भक्ति से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और उसका जीवन शुभता से भर जाता है।

शनि की कृपा: शनि देव की अशुभ दृष्टि का प्रभाव समाप्त होता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।


शनि प्रदोष व्रत के नियम


व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें।

भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। शिवलिंग पर जल, दूध, बिल्वपत्र और धतूरा अर्पित करें।

दिनभर उपवास रखें और मानसिक शुद्धता बनाए रखें।

प्रदोष काल में भगवान शिव की आराधना करें और व्रत कथा का पाठ या श्रवण करें।

गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।


उपसंहार

शनि प्रदोष व्रत का पालन करने से व्यक्ति को जीवन में सफलता, सुख और समृद्धि प्राप्त होती है। यह व्रत न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी सिखाता है कि संयम, श्रद्धा और भक्ति से सभी समस्याओं का समाधान संभव है। भगवान शिव की कृपा और शनि देव के आशीर्वाद से जीवन में शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।