ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: वोटिंग के दिन PM मोदी के बिहार आगमन से कितना बदल सकता है समीकरण; इस इलाके में गूंजेगी आवाज तो किसे होगा फायदा? Mokama Murder Case : 'हथियार जमा कराए...', मोकामा हत्याकांड के बाद एक्शन में चुनाव आयोग, कहा - लॉ एंड ऑडर पर सख्ती बरतें Bihar election update : दुलारचंद यादव हत्याकांड का बाढ़ और मोकामा चुनाव पर असर, अनंत सिंह पर एफआईआर; RO ने जारी किया नया फरमान Justice Suryakant: जस्टिस सूर्यकांत बने भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश, इस दिन लेंगे शपथ Bihar News: अब बिहार से भी निकलेंगे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जलवा दिखाने वाले धावक, इस शहर में तैयार हुआ विशेष ट्रैक Dularchand Yadav case : मोकामा में दुलारचंद यादव हत्याकांड में चौथा FIR दर्ज ! अनंत सिंह और जन सुराज के पीयूष नामजद; पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद अब बदलेगा माहौल Bihar Election 2025: "NDA ही कर सकता है बिहार का विकास...", चुनाव से पहले CM नीतीश का दिखा नया अंदाज, सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर किया वोट अपील Bihar Election 2025: NDA ने तय किया विकसित बिहार का विजन, घोषणा पत्र पर पीएम मोदी ने की बड़ी बात Bihar News: बिहार के इस जिले में 213 अपराधी गिरफ्तार, भारी मात्रा में हथियार व नकदी जब्त Bihar News: बिहार से परदेश जा रहे लोगों की ट्रेनों में भारी भीड़, वोट के लिए नहीं रुकना चाहते मजदूर; क्या है वजह?

Jitiya Vrat 2025: जितिया व्रत में इन बातों का रखें खास ध्यान, भूलकर भी न करें ये काम, जानें... पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Jitiya Vrat 2025: हिंदू धर्म में जितिया व्रत जिसे जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहा जाता है, का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। यह व्रत विशेष रूप से माताओं द्वारा अपनी संतान की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है।

Jitiya Vrat 2025

12-Sep-2025 02:30 PM

By First Bihar

Jitiya Vrat 2025: हिंदू धर्म में जितिया व्रत जिसे जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहा जाता है, का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। यह व्रत विशेष रूप से माताओं द्वारा अपनी संतान की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। हर वर्ष आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को यह व्रत मनाया जाता है। इस वर्ष जितिया व्रत 14 सितंबर 2025 (रविवार) को रखा जाएगा। यह व्रत तीन दिनों तक चलता है और मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है।


हिंदू पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि की शुरुआत 14 सितंबर को सुबह 05:04 बजे होगी और इसका समापन 15 सितंबर को सुबह 03:06 बजे होगा। इस दिन माता भगवान जीमूतवाहन की पूजा की जाती है, जो जितिया व्रत की कथा में प्रमुख पात्र माने जाते हैं। नीचे दिए गए हैं पूजन के शुभ मुहूर्त, जिनमें व्रती महिलाएं पूजा और कथा पाठ कर सकती हैं-


ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04:33 बजे से 05:19 बजे तक

अभिजित मुहूर्त – दोपहर 11:52 बजे से 12:41 बजे तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 02:20 बजे से 03:09 बजे तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 06:27 बजे से 06:51 बजे तक

रवि योग – सुबह 06:05 बजे से 08:41 बजे तक

इन मुहूर्तों में पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है।


जितिया व्रत की शुरुआत पहले दिन “नहाय-खाय” से होती है। इस दिन व्रती महिलाएं ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर के सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं। परंपरा के अनुसार, भोजन में मरुआ (रागी) की रोटी और नोनी साग विशेष रूप से शामिल किया जाता है। यह भोजन पवित्रता और व्रत की तैयारी का प्रतीक माना जाता है।


दूसरे दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले स्नान कर व्रत का संकल्प लेती हैं और निर्जला व्रत (बिना अन्न-जल के) रखती हैं। शाम को शुभ मुहूर्त में माता की पूजा, जितिया व्रत कथा का पाठ और आशीर्वाद की कामना की जाती है। व्रती पूरी रात व्रत का पालन करती हैं। तीसरे दिन पारण किया जाता है, यानी व्रत को विधिवत संपन्न कर भोजन किया जाता है। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या दक्षिणा का दान करना पुण्यकारी माना जाता है।


व्रत में क्या न करें 

यह व्रत निर्जला रखा जाता है, यानी जल तक ग्रहण नहीं किया जाता।

व्रती महिलाओं को तामसिक भोजन (लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा आदि) से दूर रहना चाहिए।

क्रोध, वाद-विवाद, अपशब्द और नकारात्मक सोच से बचना चाहिए।

पशु-पक्षियों को कष्ट न दें, बल्कि करुणा और सेवा की भावना रखें।

मानसिक और शारीरिक शुद्धता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक होता है।


मान्यता है कि जितिया व्रत रखने से संतान की उम्र लंबी होती है, जीवन में संकटों से मुक्ति मिलती है और मां को भी आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है। यह व्रत मां और संतान के रिश्ते का प्रतीक है, जिसमें मां निस्वार्थ भाव से अपनी संतान की सलामती की कामना करती है।