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Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और सोना खरीदने का सही समय

अक्षय तृतीया हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ दिन माना जाता है। यह पर्व वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किए गए पुण्य कार्यों का फल कभी नष्ट नहीं होता, इसलिए इसे 'अक्षय' कहा जाता है।

Akshaya Tritiya 2025

04-Mar-2025 06:15 PM

By First Bihar

Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया सनातन धर्म में विशेष महत्व रखती है। यह पर्व हर वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किए गए शुभ कार्यों का अक्षय फल प्राप्त होता है, अर्थात इसका पुण्य कभी नष्ट नहीं होता। यही कारण है कि इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा एवं उपासना के साथ-साथ सोने और आभूषणों की खरीदारी भी शुभ मानी जाती है।


अक्षय तृतीया 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, अक्षय तृतीया 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त निम्नलिखित हैं:

तृतीया तिथि प्रारंभ: 29 अप्रैल 2025, शाम 05:31 बजे

तृतीया तिथि समाप्त: 30 अप्रैल 2025, दोपहर 02:12 बजे

पूजा का शुभ समय: 30 अप्रैल 2025, सुबह 05:41 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक


सोना खरीदने का शुभ समय

अक्षय तृतीया के दिन सोने की खरीदारी करना बहुत ही शुभ माना जाता है, क्योंकि यह सुख-समृद्धि और धन-संपत्ति में वृद्धि का प्रतीक है। सोना खरीदने का समय: 29 अप्रैल की शाम से लेकर 30 अप्रैल को दोपहर 02:12 बजे तक। विशेष रूप से 30 अप्रैल की सुबह 05:41 बजे से दोपहर 02:12 बजे तक का समय अत्यंत शुभ रहेगा।


अक्षय तृतीया पर बनने वाले शुभ योग

इस वर्ष अक्षय तृतीया पर दो महत्वपूर्ण शुभ योग बन रहे हैं, जो इस पर्व को और अधिक लाभकारी बना रहे हैं: शोभन योग: 30 अप्रैल को दोपहर 12:02 बजे तक रहेगा। यह योग शुभ कार्यों के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है। सर्वार्थ सिद्धि योग: इस योग में लक्ष्मी-नारायण जी की पूजा करने से धन और संपत्ति में वृद्धि होती है तथा साधक पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहती है।


अक्षय तृतीया पर पंचांग के अनुसार महत्वपूर्ण मुहूर्त

सूर्योदय: सुबह 05:41 बजे

सूर्यास्त: शाम 06:56 बजे

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:14 बजे से 04:58 बजे तक

विजय मुहूर्त: दोपहर 02:31 बजे से 03:24 बजे तक

गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:55 बजे से 07:16 बजे तक

निशिता मुहूर्त: रात 11:57 बजे से 12:40 बजे तक


अक्षय तृतीया पर पूजा विधि

स्नान और संकल्प: प्रातःकाल स्नान करने के बाद अक्षय तृतीया के व्रत का संकल्प लें। 

भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा: घर के मंदिर में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित कर विधिपूर्वक पूजा करें। 

अक्षत (चावल) और तिल का दान: अक्षय तृतीया के दिन चावल, तिल, वस्त्र, और भोजन का दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

सोने और चांदी की खरीदारी: इस दिन सोने और चांदी के आभूषण खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है।

जप और मंत्रोच्चार: इस दिन विष्णु सहस्रनाम और लक्ष्मी मंत्र का जाप करने से जीवन में धन, सुख और शांति की प्राप्ति होती है।


अक्षय तृतीया का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व

इसी दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था, इसलिए इसे परशुराम जयंती भी कहा जाता है।

महाभारत के समय, श्रीकृष्ण ने पांडवों को अक्षय पात्र प्रदान किया था, जिससे उनके घर में कभी अन्न की कमी नहीं हुई।

इस दिन श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की परंपरा भी है।


अक्षय तृतीया 2025 का पर्व विशेष रूप से शुभ मुहूर्त और शुभ योगों के कारण और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। इस दिन सोने की खरीदारी, भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा, और दान-पुण्य करने से जीवन में सुख-समृद्धि और धन-वैभव की वृद्धि होती है। अतः इस पावन अवसर पर शुभ कार्यों को करना अत्यंत लाभकारी रहेगा।