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05-Feb-2025 06:32 AM
By First Bihar
2025 Eclipse: हिंदू धर्म और ज्योतिष में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व है। इन्हें सामान्यत: अशुभ माना जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है। इस समय पूजा-पाठ, शुभ कार्य, और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। मंदिरों के पट भी इस दौरान बंद रहते हैं। साल 2025 में 4 ग्रहण लगने वाले हैं, जिनमें 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण शामिल हैं। आइए, इन ग्रहणों की विस्तृत जानकारी पर एक नज़र डालते हैं।
साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण
तिथि: 29 मार्च, शनिवारग्रहण का प्रकार: आंशिक सूर्य ग्रहणग्रहण का समय: दोपहर मेंस्थान: यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैंड, आइसलैंड, उत्तरी अटलांटिक महासागर, पूरे यूरोप और उत्तर-पश्चिमी रूस में देखा जा सकेगा।
इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा क्योंकि यह ग्रहण यहां दृश्य नहीं होगा। ज्योतिष के अनुसार, यह चैत्र शुक्ल पक्ष की अमावस्या को लगेगा।
साल 2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण
तिथि: 21 सितंबर, रविवारग्रहण का प्रकार: आंशिक सूर्य ग्रहणग्रहण का समय: देर रात से तड़के सुबह तकस्थान: यह ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा। इसे न्यूजीलैंड, पूर्वी मेलानेशिया, दक्षिणी पोलिनेशिया और पश्चिमी अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा।
इस ग्रहण का सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं होगा क्योंकि यह दृश्य नहीं होगा। ज्योतिष के अनुसार, यह अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को लगेगा।
साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण
तिथि: 14 मार्च, शुक्रवारग्रहण का प्रकार: पूर्ण चंद्र ग्रहणग्रहण का समय: सुबह 10:39 से दोपहर 2:18 तकस्थान: यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।
यह ग्रहण फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन लगेगा, जो होलिका दहन के साथ संयोग करेगा। दिन के समय लगने के कारण इसका सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा।
साल 2025 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण
तिथि: 7 सितंबर, रविवारग्रहण का प्रकार: पूर्ण चंद्र ग्रहणग्रहण का समय: रात 9:57 से 12:23 तकस्थान: यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा।
इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा। सूतक काल ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले, यानी दोपहर 12 बजे से शुरू होगा और ग्रहण समाप्त होने पर समाप्त होगा।
ग्रहण और ज्योतिषीय मान्यता
ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण के समय नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अधिक होता है। इस दौरान पूजा-पाठ और शुभ कार्यों से बचा जाता है। मंदिरों के पट बंद रहते हैं। भोजन और जल ग्रहण नहीं किया जाता है। ग्रहण के दौरान भगवान का स्मरण करना, मंत्र जाप करना और दान-पुण्य करना विशेष फलदायी माना जाता है। साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण, जो भारत में दिखाई देगा, इस दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
साल 2025 के ग्रहण खगोलीय दृष्टि से अद्भुत और ज्योतिषीय रूप से महत्वपूर्ण हैं। हालांकि इनमें से अधिकतर ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होंगे, लेकिन इनका प्रभाव वैश्विक स्तर पर रहेगा। ग्रहण के समय धार्मिक मान्यताओं का पालन और आध्यात्मिक क्रियाएं करना कल्याणकारी हो सकता है।