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20-Mar-2022 08:13 AM
DELHI : पूर्व केन्द्रीय मंत्री शरद यादव आज अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का विलय लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में कर देंगे। इसके बदले लालू यादव उन्हें राज्यसभा भेज सकते हैं। इस साल जुलाई में बिहार में राज्यसभा की पांच सीटें खाली हो रही हैं, जिसमें दो सीटें भाजपा, एक सीट जीडेयू और दो सीटें राजद के पास जाएगी।
इसको लेकर कुछ दिनों पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की मुलाकात भी शरद यादव से दिल्ली में हुई है। बताया जाता है कि तेजस्वी ने शरद यादव को राज्यसभा भेजने का आश्वासन भी दिया है। शरद यादव उन नेताओं में रहे हैं जो लालू प्रसाद और नीतीश कुमार दोनों के साथ रहे, लेकिन नीतीश कुमार से राजनीतिक रिश्ते खराब होने के बाद शरद यादव अलग-थलग पड़ गए थे। गंभीर रुप से बीमार होने की वजह से भी उनकी राजनीतिक गतिविधियां काफी कम गई थीं। अब वे धीरे-धीरे ठीक हो रहे हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने तय किया है कि वे लालू प्रसाद की धारा को मजबूत करेंगे और इसके लिए अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का राष्ट्रीय जनता दल में विलय करेंगे। शरद यादव ने कहा है कि पूरे देश और आम जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में मौजूदा राजनीतिक स्थिति को देखते हुए बिखरे हुए जनता परिवार को एक साथ लाने के मेरे नियमित प्रयासों की पहल के रूप में यह कदम जरूरी हो गया है।
बता दें कि कि 2017 में नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़ा और एनडीए के साथ फिर से गए तो शरद यादव ने उनका साथ देने से इंकार कर दिया था। जदयू से अलग होकर शरद यादव ने 2018 में अपनी पार्टी का गठन किया था। इसके बाद जेडीयू ने शरद यादव की राज्यसभा की सदस्यता समाप्त करा दी थी, लेकिन शरद यादव ने इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दे दी।
कोर्ट ने शरद यादव से कहा कि जब तक मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती तब तक वे दिल्ली के 7 तुगलक रोड स्थित सरकारी बंगला में रह सकते हैं। अब शरद यादव का कार्यकाल जुलाई 2022 में समाप्त होने वाला है। दिल्ली का 7 तुगलक रोड पर स्थित सरकारी बंगला केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जन शक्ति पार्टी के प्रमुख पशुपति कुमार पारस को आवंटित भी किया जा चुका है। अब अगर राजद उन्हें राज्यसभा भेज देती है तो शरद यादव को एक नया बंगला भी मिल जायेगा और उनकी राजनीति भी बची रहेगी।