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08-Jul-2023 12:17 PM
By First Bihar
PATNA: शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच छिड़े संग्राम को लेकर जेडीयू और आरजेडी आमने सामने आ गए हैं। आरजेडी के एमएलसी सुनील सिंह के यह कहने पर कि मंत्रियों को साधने के लिए नीतीश कुमार जान बूझकर ऐसे अधिकारियों को पीछे लगा देते हैं। आरजेडी के इस बयान पर जेडीयू ने कड़ी आपत्ति जताई है। जेडीयू ने चेतावनी दे दी है कि आरजेडी के नेता सब्र का इम्तिहान न लें और अगर कोई बीमारी है तो उसका इलाज कराएं।
जेडीयू नेता डॉ. सुनील सिंह ने कहा है कि गठबंधन के दलों के शीर्ष नेता पूरे सामंजस्य के साथ एकसाथ मिलकर काम कर रहे हैं। ऐसे में किसी घटक दल का कोई नेता अनर्गल बयानबाजी करे तो उसे गंभीरता से लेने की जरुरत नहीं है। उन्होंने आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि हो सकता है कि आरजेडी नेता किसी मनोवैज्ञानिक बीमारी से ग्रसित हों या मीडिया के लाइम लाइट में आने का मन कर रहा हो, इसलिए ऐसे बयान दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सुनील सिंह जैसे नेताओं को गंभीरता से लेने की जरुरत नहीं है और अगर उन्हें मनोवैज्ञानिक समस्या है तो उसे इग्नोर करना ही उचित होगा। चुनाव का समय आ रहा है, हो सकता है उनके मन में कुछ चल रहा होगा, इसलिए इधर-उधर कर रहे हैं। ऐसे नेताओं के कद को बढ़ाने की कोई जरुरत नहीं है। ऐसे नेता भ्रमित बयान देकर गठबंधन को असहज करने की इनटेंशन होती है लेकिन उनके चाहने और नहीं चाहने से कुछ होने वाला नहीं है। उन्होंने आरजेडी एमएलसी को सलाह दी है कि अगर किसी तरह की परेशानी है तो वे उसका इलाज कराएं।
जेडीयू नेता ने कहा है कि गठबंधन के घटक दल का कोई नेता अगर सरकार के खिलाफ बयान देता है तो शीर्ष नेतृत्व को इसका संज्ञान लेना चाहिए। कुछ लोगों की आदत होती है सुर्खियों में बने रहने की और लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचने की, इसलिए ऐसे लोगों को इग्नोर करना ही इनका इलाज है। जेडीयू नेता ने कहा है कि आरजेडी का शीर्ष नेतृत्व सुनील सिंह का इलाज अच्छी तरह से करेगा, बेहतर रहेगा कि आरजेडी नेता हमारे सब्र का इम्तिहान नहीं लें, हमारा सब्र भी टूट सकता है।