G.D. Goenka School Purnia : पूर्णिया के जीडी गोयनका विद्यालय ने रचा इतिहास, बच्चों ने जीते 94 पदक पटना पुलिस ने महाकाल गैंग का किया सफाया, भारी मात्रा में हथियार और कारतूस बरामद Patna Traffic Alert: पटना में बढ़ेंगी दिक्कतें: मीठापुर-सिपारा एलिवेटेड रोड पर इस दिन तक बंद रहेगा आवागमन बिहार में खनन क्षेत्र की संभावनाओं पर उच्चस्तरीय बैठक, रोजगार और राजस्व पर फोकस Sayara Blockbuster Effect : ब्लॉकबस्टर ‘सैयारा’ ने बदली अनीत पड्डा की किस्मत, अब दिखेंगी YRF की अगली फिल्म में पूर्णिया नगर निगम की उपेक्षा से इलाके के लोग नाराज, बीच सड़क पर ही करने लगे धान की रोपनी Amrit Bharat Train: त्योहारी सीजन में यात्रियों को बड़ी राहत, रेलवे चलाएगा शेखपुरा से दिल्ली तक विशेष अमृत भारत ट्रेन Liquor Cashless Policy : शराब को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, अब केवल ऑनलाइन पेमेंट से ही मिलेगी बोतल BSSC CGL 4 Vacancy: BSSC CGL 4 और ऑफिस अटेंडेंट के पदों पर बंपर वैकेंसी, आवेदन शुरू; जानिए... पूरी खबर PATNA NEWS : केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान का विरोध, NUSI के मेंबर ने दिखाए काले झंडे फिर जमकर हुई हाथापाई और गाली-गलौज
24-Apr-2023 02:34 PM
By First Bihar
PATNA : बिहार में एक तरफ नीतीश कुमार शिक्षक बहाली को लेकर नयी नियमावली ला रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ राज्य के 75 हजार शिक्षकों के फोल्डर ही लापता है। इसको लेकर राज्य सरकार को हर बार मोहलत मिल रही है। लेकिन, इसके बाबजूद यह फाइल कहां है इस बात की जानकारी नहीं मिल पा रही है।
दरअसल, पटना हाइकोर्ट ने राज्य में बड़ी संख्या में फर्जी डिग्रियों के आधार पर नियुक्त शिक्षकों की बहाली मामले पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए, इस मामले की जांच का जिम्मा निगरानी विभाग को सौंपते हुए तीन महीने के अंदर यह फाइल उपलब्ध कराने को कहा। यह आदेश रंजीत पंडित की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया गया है।इसके साथ ही निगरानी विभाग ने 1316 शिक्षक बिना वैध डिग्री के नियुक्त किये जाने की रिपोर्ट भी कोर्ट को सौंपी । कोर्ट ने इस मामले को काफी गम्भीरता से लिया और सम्बंधित विभागीय सचिव से हलफनामा दायर कर स्थिति का ब्यौरा देने का निर्देश दिया था। इस मामले पर अगली सुनवाई 7 अगस्त 2023 को की जाएगी।
बताया जा रहा है कि, बिहार सरकार व निगरानी विभाग ने हलफनामा दायर किया था। उन्होंने कोर्ट को बताया कि 75 हज़ार ऐसे शिक्षक हैं, जिनका फोल्डर नहीं मिल रहा है। जिसके बाद कोर्ट ने तीन महीने की मोहलत दी है। इससे पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह एक समय सीमा निर्धारित करें, जिसके तहत सभी सम्बंधित शिक्षक अपनी डिग्री व अन्य कागजात प्रस्तुत करें। इस दौरान कोर्ट ने स्पष्ट किया कि, निर्धारित समय के भीतर कागजात व रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं करने वाले शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार से कार्रवाई रिपोर्ट तलब किया था।
जानकारी हो कि, कोर्ट ने इस मामले की जांच निगरानी विभाग को सौंपा था। उन्हें इस तरह के शिक्षकों को ढूंढ निकालने का निर्देश दिया गया था जो फर्जी डिग्री पर नौकरी कर रहे थे। 31जनवरी 2020 के सुनवाई दौरान निगरानी विभाग ने कोर्ट को जानकारी दी कि राज्य सरकार द्वारा इनके सम्बंधित रिकॉर्ड की जांच कर रही है, लेकिन अभी भी एक लाख दस हजार से अधिक शिक्षकों के रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।
आपको बताते चलें कि, हाई कोर्ट ने 2014 के एक आदेश में कहा था कि जो इस तरह की जाली डिग्री के आधार पर राज्य सरकार के तहत शिक्षक हैं, उन्हें ये अवसर दिया जाता है कि वे खुद अपना इस्तीफा दे दें, तो उनके विरुद्ध कार्रवाई नहीं की जाएगी। 26अगस्त,2019 को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि इस आदेश के बाद भी बड़ी संख्या में इस तरह के शिक्षक कार्यरत हैं और वेतन ले रहे हैं।