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10-Mar-2023 07:53 PM
By First Bihar
PATNA: बिहार पुलिस ने तमिलनाडु में बिहारियों पर हिंसा का फर्जी वीडियो जारी करने के आरोपी यू ट्यूबर मनीष कश्यप को गिरफ्तार करने के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी की है. बिहार पुलिस ने आज कहा कि मनीष कश्यप आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ कई केस दर्ज हैं. उधर, तमिलनाडु में बिहारियों पर हिंसा का फर्जी वीडियो बनाने और अफवाह फैलाने के आरोप में बिहार पुलिस ने शुक्रवार को दो और लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
मनीष कश्यप की क्राइम हिस्ट्री
बिहार पुलिस की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि तमिलनाडु में बिहारियों पर हिंसा का फर्जी वीडियो चलाने के मामले का अभियुक्त मनीष कश्यप एक आदतन अपराधी है. उसके खिलाफ पहले से ही 7 केस दर्ज हैं. बिहार पुलिस ने कहा है कि मनीष कश्यप द्वारा कई बार पुलिस पर भी हमला किया जा चुका है. कश्मीर के पुलवामा घटना के बाद पटना में ल्हासा मार्केट में कश्मीरी दुकानदारों को पीटने के आरोप में मनीष कश्यप जेल भी जा चुका है. बिहार पुलिस का कहना है कि मनीष कश्यप पहले से ही साम्प्रदायिक पोस्ट करने और ऐसी गतिविधियो में संलिप्त रहा है. अभी प्राथमिकी दर्ज होने के बाद वह फरार है.
बिहार पुलिस ने कहा है कि 8 मार्च को मनीष कश्यप ने बीएनआर न्यूज हनी नामक यूट्यूब चैनल का एक वीडियो ट्वीट किया था. इस वीडियो में पट्टी बाँधे 02 लोगों को दिखाया जा रहा है. उस ट्वीट में टैग वीडियो देखने से ही मामला संदिग्ध लग रहा था. ऐसे में उसकी जाँच की गई और वीडियो अपलोड करने वाले व्यक्ति राकेश रंजन कुमार को गोपालगंज से पूछताछ हेतु लाया गया. राकेश रंजन ने 6 मार्च को अपलोडेड फर्जी वीडियो को 2 अन्य लोगों के सहयोग से बनाने बात स्वीकार की. उसने बताया कि इस वीडियो को पटना के जक्कनपुर के बंगाली कॉलोनी स्थित एक किराये के मकान में शूट किया गया था, ताकि पुलिस द्वारा किये जा रहे अनुसंधान को गलत दिशा में मोड़ा जा सके. राकेश रंजन के मकान मालिक के द्वारा भी इस सम्बन्ध में पुष्टि की गई. इसके बाद आर्थिक अपराध थाना काण्ड सं0-04 / 23 दर्ज किया गया जिसमें राकेश रंजन कुमार, मनीष कश्यप और उनके दो साथियों को अभियुक्त बनाया गया.
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई के मुताबिक तमिलनाडु में प्रवासी बिहारियों पर हमले के सम्बन्ध में काण्ड सं0-03 / 2023 दर्ज कर 10 सदस्यीय जाँच दल गठित किया गया था. जांच टीम ने कुल 30 वीडियो और पोस्ट चिन्हित किये गये हैं तथा उनका अनुसंधान किया जा रहा है. इस काण्ड में 04 व्यक्तियों को नामजद किया गया था, जिनमें अमन कुमार को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस ने जांच के क्रम में 26 अन्य ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब एकाउण्टस को भी चिन्हित किया गया है एवं 42 सोशल मीडिया एकाउण्ट्स के लिए प्रिजर्वेशन नोटिस जारी किया गया है.
एक और अभियुक्त भी दागी
पुलिस ने बताया कि फर्जी वीडियो जारी करने के अभियुक्त मनीष कश्यप ही नहीं बल्कि एक और अभियुक्त युवराज सिंह राजपूत भी जांच टीम के समक्ष अब तक उपस्थित नहीं हुआ है. दोनों की गिरफ्तारी के लिए वारंट प्राप्त करने के लिए कोर्ट से अनुरोध किया जा रहा है. बिहार पुलिस के मुताबिक युवराज सिंह राजपूत पिछले 03 महीनों से भोजपुर जिले के नारायणपुर के एक गोलीबारी के काण्ड में फरार है. युवराज सिंह राजपूत के विरुद्ध तमिलनाडु के कोयम्बटूर में भी फर्जी वीडियो पोस्ट करने का एक काण्ड दर्ज किया गया है. बिहारियों पर हमले के फर्जी वीडियो के मामले में तमिलनाडु राज्य के विभिन्न जिलों में कुल 13 केस दर्ज किये गये हैं. तमिलनाडु पुलिस की टीम भी बिहार पहुंची है. वहाँ की टीम बिहार पुलिस से सम्पर्क कर अपना अनुसंधान कर रही है.
गोपालगंज से भी एक और गिरफ्तार
आर्थिक अपराध इकाई ने तमिलनाडु में बिहार के निवासियों के साथ हिंसात्मक घटनाओं से सम्बन्धित सोशल मीडिया पर असत्य, भ्रामक एवं उन्माद फैलाने वाले वीडियो प्रसारित किये जाने के मामले में अभियुक्त राकेश तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, गोपालगंज जिले के माधोपुर ओ०पी० के माधोपुर पंचायत के मुखिया संतोष प्रसाद को उमेश महतो नामक व्यक्ति के द्वारा मोबाइल पर सूचना दी गयी कि तिरुपुर में उन्हें तथा रवीन्द्र महतो को हिन्दी भाषी बताकर स्थानीय लोगों द्वारा मारपीट की गयी जिसमें रवीन्द्र महतो की मृत्यु हो गयी. स्थानीय मुखिया ने पुलिस को इसकी सूचना दी. पुलिस ने सूचना का सत्यापन किया और तमिलनाडु की तिरुपुर पुलिस के हेल्पलाइन पर जानकारी ली तो बताया गया कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. बिहार पुलिस ने जब रवीन्द्र महतो और उमेश महतो के मोबाइल का टॉवर लोकेशन लिया तो पता चला कि उनका लोकेशन कर्नाटक राज्य के बंगलोर शहर का है. कर्नाटक पुलिस से सम्पर्क करने पर पता चला कि एक व्यक्ति की मृत्यु रेलवे पटरी पर दुर्घटना में हुयी है. इस सम्बन्ध में वहाँ यू०डी० काण्ड अंकित किया गया है. वाट्सऐप पर फोटो प्राप्त होने पर मृतक की पहचान रवीन्द्र महतो के रूप में हुयी.
उमेश महतो कर्नाटक से 09 मार्च को गोपालगंज के माधोपुर अपने घर पहँचा है, जिसे पुलिस हिरासत में में लेकर पूछताछ की गयी है. भ्रामक खबर फैलाने के आरोप में उमेश महतो के विरुद्ध प्राथमिकी अंकित कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जा रहा है.