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13-Aug-2024 07:59 AM
By First Bihar
PATNA: बिहार की डबल इंजन सरकार ने राज्य में वक्फ बोर्ड की जमीनों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। बिहार सरकार सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड के तहत पंजीकृत संपत्तियों के विकास के लिए कई तरह के कदम उठाने जा रही है। इसके साथ ही सरकार वक्फ बोर्ड की जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा करने वालों पर एक्शन की तैयारी कर रही है। सरकार ने ऐसे लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का प्लान बनाया है।
दरअसल, देश में वक्फ कानून संशोधन को लेकर छिड़ी बहस के बीच बिहार सरकार ने बिहार वक्फ बोर्ड पर बड़ा फैसला ले लिया है। बिहार वक्फ बोर्ड की जमीनों पर कब्जा करने वाले लोगों की अब खैर नही है। बिहार में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की अवैध खरीद-बिक्री का जांच कराई जाएगी। बोर्ड की जमीन को कब्जा करने और उसपर गलत तरीके से व्यवसाय करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने कहा है कि सुन्नी और शिया दोनों वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के दुरुपयोग की जांच कराई जाएगी और इसको लेकर काम शुरू कर दिया गया है। जमा खान ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार उर्दू के विकास और अल्पसंख्यक संस्थाओं को सक्षम बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि मदरसा के खाली बदों पर जल्द ही बहाली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जल्द ही राज्य के सभी जिलों में एक-एक अल्पसंख्यक आवासीय स्कूलों को संचालित किया जाएगा। एक स्कूल पर करीब 55 करोड़ रुपए की लागत आएगी। 2024-25 में नालंदा, जमुई और कैमूर जिले में अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय के निर्माण को सरकार ने स्वीकृति दे दी है। इसके लिए राजधानी पटना समेत कई जिलों में जमीन चिन्हित की गई है।