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03-Mar-2023 05:46 PM
By VISHWAJIT ANAND
PATNA: सदन में विपक्ष के हंगामे पर नाराजगी जताते हुए बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी बीजेपी विधायकों को चेतावनी दी है कि वे अपने आचरण में सुधार लाएं नहीं तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें। स्पीकर की इस चेतावनी पर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताई है। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सीधे तौर पर कह दिया है कि स्पीकर किसी भ्रम में नहीं रहें। जनता के सवालों को सदन में उठाना विपक्ष का काम होता है और बीजेपी जनता के मुद्दों को सदन में उठाती रहेगी। उन्होंने कहा आचरण सुधारने की जरूरत उन लोगों को है जिन्होंने बिहार में जंगलराज लाने का काम किया। स्पीकर लाख धमकी दे लें लेकिन सदन की मर्यादा का हनन होगा तो आगे रास्ते खुले हुए हैं।
दरअसल, बिहार विधानसभा में हंगामे को लेकर विपक्ष और स्पीकर आमने-सामने आ गए हैं। स्पीकर की चेतावनी के बाद नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि संवैधानिक पद पर बैठे विधानसभा अध्यक्ष पद की गरिमा को धूमिल कर रहे हैं। विधानसभा के स्पीकर ट्रेजरी बेंच पर बैठे सरकार के लोगों से पूछकर काम करते हैं। सत्ताधारी दल की तरफ से जो इशारा होता है उसके अनुसार एक्शन लेते हैं। आज सदन में ट्रेजरी बेंच की तरफ से जो लिखकर दिया गया उसे स्पीकर ने सदन में पढ़ा। बिहार के लोगों को दूसरे राज्यों में अपमानित किया जाए और उनकी हत्या हो रही हो तो क्या सदन में बैठे जनप्रतिनिधि मौन बैठे रहे, ऐसा कभी नहीं होगा। सदन में जब विपक्ष जनता के सवालों को सरकार के समक्ष रखना चाहता है तो उसे सुनने को कोई तैयार नहीं होता है।
विजय सिन्हा ने कहा कि विपक्ष के सदस्यों को स्पीकर की तरफ से बोलने का मौका नहीं दिया जाता है जबकि सत्ताधारी दल के विधायकों को बोलने का भपपूर मौका दिया जाता है। ट्रेजरी बेंच पर बैठे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और वित्त मंत्री विजय चौधरी को 10 से 12 मिनट का समय दिया गया लेकिन क्या नेता प्रतिपक्ष को सदन में बोलने का कोई अधिकार नहीं है। पक्ष का नेता हो या विपक्ष का नेता, दोनों का अधिकार समान होता है। लेकिन सवाल उठाने पर स्पीकर की तरफ से कार्रवाई की धमकी दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि स्पीकर लाख धमकी दे लें लेकिन बीजेपी पर इसका कोई असर नहीं पड़ने वाला है। बिहार के लोगों के साथ बर्बरता किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे और सदन से सड़क तक बीजेपी इसके लिए लड़ाई लड़ेगी। स्पीकर विपक्ष के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं करें। आसन से महोदय कहकर सत्ताधारी दल के लोगों को स्पीकर संबोधित करते हैं, पता नहीं वे किसे संबोधित करते हैं। विधानसभा अध्यक्ष अगर सदस्यों को महोदय कहकर बुलाए तो यह हद हो गई।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि स्पीकर खुद को केवल तेजस्वी यादव और आरजेडी का स्पीकर समझते हैं लेकिन सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष ने मिलकर उन्हे अध्यक्ष बनाया था, इस बात को नहीं भूलें। स्पीकर आरजेडी के विधायक नहीं बल्कि सदन के संरक्षक हैं। उन्हें अपनी गरिमा को समझते हुए सदन की मर्यादा को बढ़ाना चाहिए। स्पीकर का इस तरह का आचरण लोकतंत्र के लिए खतरा है। आचरण बीजेपी को नहीं बल्कि आरजेडी के लोगों को सुधारना चाहिए जिन्होंने बिहार में जंगलराज को लाया। आरजेडी के विधायक सदन में बीजेपी को खुलकर गाली दें तो उसको प्रोत्साहित करेंगे और जब विपक्ष सरकार से सवाल करे तो कार्रवाई की धमकी देंगे। जो आया है उसका जाना तय है। हवाबाजी में मत रहिए,सदन की मर्यादा का हनन होगा तो सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।