Tirhut Graduate MLC : MLC बंशीधर बृजवासी की गाड़ी का एक्सीडेंट, जानेलवा हमले का लगाया आरोप,कहा -गनीमत था की मैं ... Bihar Vidhan Sabha : बिहार विधानसभा में 19 समितियों का गठन, भाई वीरेंद्र को अहम जिम्मेदारी; पूर्व मंत्रियों को भी सौंपी गई कमान Bihar weather : बिहार में बर्फीली हवाओं का असर बरकरार, तापमान में गिरावट से बढ़ी ठिठुरन पुलिस की चौकसी पर उठा सवाल: मुजफ्फरपुर में लग्जरी कार सवार बदमाशों का दुस्साहस देखिये, गैस कटर से SBI ATM काटकर 25 लाख उड़ाए तेजस राजधानी एक्सप्रेस में परोसा गया खराब खाना, यात्रियों का आरोप—शिकायत पर बोला स्टाफ “कंप्लेन कही भी कर लो कुछ नहीं होगा” अच्छी नौकरी करने वाली पत्नी को नहीं मिलेगा गुजारा भत्ता, इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला जानिये कौन है प्रमोद निषाद?..जिसने 19 हजार फर्जी आधार कार्ड का पूरा नेटवर्क खड़ा कर दिया जमुई में महादलित युवक को नंगा करके पीटा, वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर किया वायरल IndiGo Flight News: इंडिगो की उड़ानों का रद्द होने का सिलसिला जारी, पटना से 8 फ्लाइट कल कैंसिल आय से अधिक संपत्ति मामला: AIG प्रशांत कुमार के खिलाफ दर्ज FIR रद्द, हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी SVU
21-Nov-2024 08:58 PM
By HARERAM DAS
BEGUSARAI: बेगूसराय के शाम्हो थाना क्षेत्र में कांग्रेस नेता व पैक्स अध्यक्ष ललन सिंह सहित दो लोगों की हत्या 2004 में कर दी गयी थी। घटना के 20 साल बाद बेगूसराय सिविल कोर्ट ने सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुनाया है। इस मामले में बीजेपी नेता मिथिलेश सिंह सहित 12 आरोपितों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने प्रत्येक आरोपी पर आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही, धारा 148 के तहत 2 साल का कारावास और 2 हजार रुपये का जुर्माना और आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत 2 साल का कारावास और 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
डबल मर्डर केस में सजा
बता दें कि 2015 में बेगूसराय सिविल कोर्ट ने ही सभी आरोपियों को बरी किया था। हाईकोर्ट की दखल के बाद मामले में दोबारा बेगूसराय सिविल कोर्ट में सुनवाई हुई। जिन आरोपितों को बेगूसराय कोर्ट ने बरी किया था उन सभी को आज अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शबा आलम ने 10 गवाहों की गवाही के बाद उम्रकैद की सजा सुनाई।
आरोपितों की पहचान
आरोपितों की पहचान अकबरपुर पुरानी डीह निवासी बीजेपी नेता मिथिलेश सिंह, रविंद्र सिंह, रणधीर कुमार उर्फ दुखा, रोशन सिंह, सुधीर सिंह, सुनील सिंह, संजीव सिंह, शालीग्राम सिंह, अनिल सिंह, कोमल सिंह, रंजीत सिंह और मनोज सिंह को धारा 302, 148 और 149 में सजा सुनाई गयी।
मुकेश सिंह ने दर्ज कराया था केस
मुकेश सिंह ने डबल मर्डर मामले में केस दर्ज कराया था वो ही इस केस में चश्मदीद गवाह थे। मुकेश सिंह ने कोर्ट को बताया कि 8 मार्च 2004 की देश शाम करीब 8 बजे में ठाकुरबाड़ी के पास मेरे भाई सिपुल सिंह और पैक्स अध्यक्ष व कांग्रेस नेता ललन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। जब दोनों अग्निकांड के पीड़ितों के बीच राहत सामग्री का वितरण कर घर लौट रहे थे इसी दौरान इस घटना को अंजाम दिया गया।
हत्या के बाद बीजेपी नेता ने लूटी थी राइफल
खुद मुकेश सिंह घटना के प्रत्यदर्शी थे। वो गाड़ी से कूदकर झाड़ी में छिप गये थे। उन्होंने देखा की कांग्रेस नेता ललन सिंह की हत्या के बाद बीजेपी नेता मिथिलेश सिंह ने उनकी राइफल लूट लिया था। जिसके बाद अन्य आरोपियों के साथ मिथिलेश सिंह ने दोनों शव को ठिकाने लगाने की कोशिश की लेकिन लोगों की भीड़ को देखकर सभी मौके से फरार हो गये थे।
लंबी कानूनी लड़ाई
इस मामले में सभी आरोपियों को वर्ष 2015 में जिला न्यायालय से बरी कर दिया गया था। लेकिन, सूचक मुकेश सिंह ने इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने इस मामले को फिर से खोलने का आदेश दिया और जिला न्यायालय को चार महीने के अंदर मामले का निपटारा करने का निर्देश दिया। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा।
न्यायालय का फैसला
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शबा आलम ने 10 गवाहों की गवाही के आधार पर सभी 12 आरोपियों को भारतीय दंड विधान की धारा 302 (हत्या), 148 (दंगा), 149 (दंगा में शामिल होना) और आर्म्स एक्ट की धारा 27 (अनधिकृत रूप से हथियार रखना) के तहत दोषी करार दिया। न्यायालय ने प्रत्येक आरोपी पर आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही, धारा 148 के तहत 2 साल का कारावास और 2 हजार रुपये का जुर्माना और आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत 2 साल का कारावास और 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।