पटना में नगर निगम की लापरवाही से खुला मेनहोल बना जानलेवा, नाले में गिरा बच्चा पहली उड़ान बनी आखिरी सफर, सऊदी नौकरी पर निकले युवक ने फ्लाइट में दम तोड़ा, विदेश में नौकरी का सपना रह गया अधूरा जमुई में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, जंगल से 24 सिलेंडर बम बरामद भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, महिला की मौत, 6 की हालत गंभीर Patna News: पटना एयरपोर्ट के लिए जारी हुआ नया आदेश, उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई बेगूसराय में टला बड़ा हादसा: चलती ट्रेन के इंजन में लगी आग, यात्रियों ने कूदकर बचायी अपनी जान गांधी सेतु पर ट्रक और पिलर के बीच फंसा बाइक सवार, ट्रैफिक पुलिस ने किया रेस्क्यू AI in election: AI की चालबाज़ी से उलझे बिहार के वोटर! फर्जी कॉल्स-Deepfake से फैला भ्रम, अब चुनाव आयोग कसेगा शिकंजा! प्यार के लिए लड़का बना लड़की, अब पति किन्नर से शादी की जिद पर अड़ा Bihar politics : तेजस्वी ने किया 'महिला संवाद' पर हमला, जदयू का पलटवार...क्या महिलाओं की तरक्की से डरते हैं नेता प्रतिपक्ष?
04-Nov-2020 09:48 AM
PATNA : हिंदू धर्म में कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर करवा चौथ मनाया जाता है. इस दिन सुहागिनें अपनी पति की लंबी आयु के लिए पूरा दिन निर्जला उपवास रखती हैं और शाम में चंद्रमा की पूजा करने के बाद इस व्रत का पारण होता है. करवा चौथ का व्रत केवल सजने संवरने का ही पर्व नहीं है, बल्कि करवा माता में पूरी तरह से आस्था रखकर अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त करने का यह त्यौहार है. इसीलिए इस दिन दोपहर में करवा माता की पूजा करने के बाद रात को चंद्र देव के दर्शन किया जाता है. हर व्रत की तरह इसके भी कुछ नियम व कानून हैं. जिनका पालन करना जरूरी होता है.
करवा चौथ का व्रत केवल सुहागिनें या जिनका रिश्ता तय हो गया है, वही महिलाएं ये व्रत रख सकती हैं. यह व्रत सूर्योदय से चंद्रोदय तक निर्जल रखा जाता है. व्रत रखने वाली कोई भी महिला इस दिन काला या सफेद वस्त्र नहीं पहनती हैं. लाल वस्त्र सबसे अच्छा है. पीला भी पहना जा सकता है. इस दिन पूर्ण श्रृंगार और पूर्ण भोजन जरूर करना चाहिए.
धार्मिक मान्यता के अनुसार, करवा चौथ के दिन इस दिन मां पार्वती, भगवान शिव कार्तिकेय और गणेश जी का पूजन किया जाता है. इस व्रत में मां पार्वती से सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं. इस दिन करवे में जल भरकर कथा सुनने का विधान है. महिलाएं सुबह सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखती हैं और चंद्र दर्शन के बाद व्रत खोलती हैं.
व्रत रखने की विधि
करवा चौथ के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके सूर्यादय से पहले सरगी खाएं और दिन भर निर्जल व्रत रखें. दीवार पर गेरू और चावल के घोल से करवा का चित्र बनाएं. माता पार्वती की प्रतिमा लकड़ी के आसान पर विराजमान करें. माता को सुहाग की पिटारी अर्पित करें. इसके बाद जल से भरा हुआ लोटा रखें और रोली से करवा पर स्वास्तिक बनाएं. गौरी-गणेश और चित्रित करवा की पूजा करते हुए पति की लंबी उम्र के लिए शिव-पार्वती को ध्यान करें. करवा चौथ की कथा सुनें और कथा सुनने के बाद सभी बड़ों का आशीर्वाद लें. रात को चांद निकलने पर चांद को अर्घ्य दिया जाता है. छलनी की ओट से पति को देखकर चंद्रमा से जिंदगी भर साथ रहने की कामना की जाती है इसके बाद पति के हाथों से जल पीकर व्रत का पारण कर पति पत्नी साथ बैठकर भोजन करते हैं.
पूजा का शुभ मुहूर्त
आपको बता दें कि इस बार करवा चौथ पर चंद्रमा, माता पार्वती के साथ-साथ भगवान शिव का भी आशीर्वाद मिलेगा. पूरे दिन शिव योग बन रहा है. सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि योग भी बनेंगे. हिंदू पंचाग के मुताबिक आज दिन में 3 बजे तक तीज रहेगी. इसके बाद चतुर्दशी लग जायेगी. शाम को 5.30 बजे से 6.48 तक पूजा का शुभ मुहूर्त है. 8.15 पर चंद्रमा को अर्घ्य देना शुभ होगा.