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अगुवानी घाट पुल हादसे में बेनकाब हुई नीतीश सरकार: दो महीने पहले सत्तारूढ़ विधायकों ने भ्रष्टाचार की पोल खोली थी, तेजस्वी ने नहीं की कार्रवाई

अगुवानी घाट पुल हादसे में बेनकाब हुई नीतीश सरकार: दो महीने पहले सत्तारूढ़ विधायकों ने भ्रष्टाचार की पोल खोली थी, तेजस्वी ने नहीं की कार्रवाई

04-Jun-2023 10:00 PM

By FIRST BIHAR EXCLUSIVE

PATNA: सुल्तानगंज से अगुवानी के बीच गंगा नदी पर बन रहे पुल के ध्वस्त होने के मामले में नीतीश सरकार नंगी हो गयी है. दो महीने पहले ही सत्तारूढ़ विधायकों ने विधानसभा में सरकार को बता दिया था कि इस पुल में भ्रष्टाचार का खुला खेल खेला जा रहा है. बड़े पैमाने पर जान-माल की क्षति हो सकती है. सरकार की ओर से जवाब दे रहे पथ निर्माण मंत्री और उप मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा था कि कोई गड़बड़ी होने नहीं दी जायेगी. तेजस्वी यादव ने विधानसभा में कहा था कि ना तो पैसे की क्षति होने दी जायेगी और ना ही जान-माल की. लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. आज पुल गिर गया. 


इसके बाद सरकार की दलील भी आयी है. पुल गिरने के बाद आनन फानन में तेजस्वी यादव ने प्रेस कांफ्रेंस की और कहा कि हमें पहले से ही आशंका थी कि पुल गिर जायेगा. इसलिए हम लोग पुल को पूरी तरह से तोड़ कर नये सिरे से पुल बनायेंगे. तेजस्वी यादव ने खुद स्वीकारा कि आईआईटी रूडकी ने भी चेता दिया था कि पुल का पूरा डिजाइन ही गलत है. लेकिन सरकार बैठी रही. पुल जब गिर गया तो कहा जा रहा है कि हम कार्रवाई करने जा रहे हैं.


सबसे पहले हम आपको बताते हैं कि 15 मार्च 2023 को विधानसभा में जेडीयू के विधायक संजीव कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के बीच सवाल जवाब क्या और कैसे हुआ था. दरअसल संजीव कुमार ने 30 अप्रैल 2022 को इसी पुल के सुपर स्ट्रक्चर के ध्वस्त होने का मामला उठाया था. 


पढ़िये क्या हुआ था सवाल जवाब?

विधायक संजीव कुमार –“अध्यक्ष महोदय, एक साल में पुल टूटने का कारण नहीं पता चल पाया है और अगर कोई दुर्घटना फिर से घट जायेगा. और किस कारण टूटा पता ही नहीं है. मैं ये भी माननीय मंत्री के संज्ञान में लाना चाहता हूं कि वहां से मुझे कुछ फोटो आया है. वहां के कुछ स्टाफ ने मुझे दिया तो मैं डीएम को, प्रधान सचिव को दिखाया. फिर से जो पिलर बना था, उसमें भी क्रैक आ गया है. अब बताइये कि इतना डिजायन में फॉल्ट है कि स्ट्रक्चर को फिर से तुड़वाया जा रहा है. अगर बार-बार ऐसा होगा तो जब चालू होगा आवागमन, कुछ बड़ा दुर्घटना नहीं घट जाये इसलिए मैं कह रहा हूं कि इसको जांच करा लीजिये. एक साल में जांच कर दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिये. सरकारी अधिकारियों चाहे उसमें जो संवेदक..”


विधानसभा अध्यक्ष-“आपने सारे इंफॉरमेशन सरकार को दे दिया. अब माननीय मंत्री पथ निर्माण विभाग” पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी यादव-“अध्यक्ष महोदय, स्पष्ट जवाब है. अब क्या इश्यू है ये तो जांच के बाद पता चलेगा. पुल टूटने का कारण( 30 अप्रैल 2022 को). आप सदस्यों को हम निश्चिंत रहने को कहेंगे कि इस मामले को हम खुद भी रिव्यू मीटिंग में देख रहे हैं. एक बार जांच रिपोर्ट आ जायेगी. जो दोषी होगा उस पर पूरी कार्रवाई की जायेगी. और भविष्य में ऐसी घटना न हो क्योंकि आपने बताया कि कोई तस्वीर आपको भेजी गयी है, जिसमें क्रैक आया. इसलिए ये निर्णय लिया गया है कि क्षतिग्रस्त स्पैन को तोड़कर नये सिरे से तैयार किया जायेगा. भविष्य में ऐसी कोई प्रॉब्लेम न आये. उसको देखते हुए ये निर्णय लिया गया है.”


विधायक संजीव कुमार-“अध्यक्ष महोदय, मुझे पूछना है कि मंत्री जी को संज्ञान में नहीं है. पहले जो टूटा सो टूटा. उसके बाद अभी एक नया पिलर में क्रैक आ गया है. ये बहुत ही गंभीर और बड़ा मुद्दा है. इसको अपने स्तर से दिखवा लें. मुझे उम्मीद है कि अच्छा से ही दिखवायेंगे मंत्री जी.” 


पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी यादव-“ऐसी कोई बात होगी तो जरूर देखा जायेगा. किसी के जान माल का नुकसान न हो, पैसे की बर्बादी न हो, इसका सरकार पूर्ण रूप से ध्यान रखने का काम करेगी.”


विधानसभा में हुआ ये सवाल जवाब बताता है कि सरकार को पहले से जानकारी थी कि अगुवानी घाट पुल टूटने वाला है. उसके पायों में दरार है. विधानसभा में डिप्टी सीएम और पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि कोई क्षति नहीं होने देंगे. कार्रवाई का  भी भरोसा दिलाया गया. लेकिन सरकार ने एक चपरासी तक पर कोई कार्रवाई नहीं की. ठेकेदार को पुल पूरा करने का टारगेट दे दिया गया. आखिरकार पुल ध्वस्त हो गया.


अब तेजस्वी यादव की सफाई जानिये

अगुवानी घाट पुल के ध्वस्त होने के बाद सरकार को लगा कि विधानसभा में उठा मुद्दा सामने आयेगा. लिहाजा रविवार की रात आनन फानन में तेजस्वी यादव ने प्रेस कांफ्रेंस बुलायी. तेजस्वी यादव ने सबसे पहले यही कहा कि विधानसभा में न सिर्फ जेडीयू विधायक संजीव कुमार बल्कि कांग्रेस के विधायक अजीत शर्मा ने भी अगुवानी घाट पुल में गड़बड़ी का मामला उठाया था. तेजस्वी यादव ने कहा कि वे कार्रवाई कर रहे थे. 


तेजस्वी यादव ने कहा कि इस पुल की जांच आईआईटी रूडकी से करायी गयी थी. दिलचस्प बात देखिये कि आईआईटी रूडकी ने अपनी रिपोर्ट में साफ साफ कह दिया था कि पूरे पुल के डिजायन की जांच करानी चाहिये. तेजस्वी यादव ने कहा कि आईआईटी रूडकी की रिपोर्ट के बाद हमने पुल के कई हिस्से को ध्वस्त कर दिया था. हमको तो पहले से आशंका थी कि पुल में गड़बड़ी है इसलिए पूरे पुल को तोड़ कर नये सिरे से बनवायेंगे. क्योंकि बार बार कम्प्लेन आ रहा था. विधायकों ने विधानसभा में ये मामला उठाया था. तो हमलोगों ने निर्णय लिया था कि इसको पूरे तरीके से तोड़ देंगे.


तेजस्वी के साथ प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि आईआईटी रूड़की ने बता दिया था कि पूरा डिजाइन गड़बड़ है. हम पूरे ब्रिज को तुड़वाने वाले थे. इस मामले में कड़ी कार्रवाई होगी. जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. मामले की जांच करा कर पुल बना रही कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया जायेगा. सरकार नये सिरे से पुल का निर्माण करायेगी. बरसात के बाद नये सिरे से पुल का काम शुरू होगा. 


बड़ी बात ये है कि पुल के ध्वस्त होने के बाद सरकार सफाई देने क्यों आयी. अगर पूरा डिजायन गड़बड़ था तो एसपी सिंघला कंपनी कैसे पुल निर्माण का काम जारी रखे थी. पिछले साल 30 अप्रैल को पुल के सुपर स्ट्रक्चर गिरा था. उसकी जांच रिपोर्ट अब तक क्यों नहीं आयी. जिस पुल को सरकार गिराने वाली थी उस पुल को लगातार कैसे बनाया जा रहा था. पुल बना रहे ठेकेदार को किश्तों में पैसे क्यों दिये जा रहे थे. तेजस्वी यादव ने विधानसभा में एलान किया था कि किसी तरह की कोई क्षति नहीं होने दी जायेगी. फिर पुल कैसे गिर गया.