बिहार का दूसरा 'टारजन' दिलबर खान: 1 किलो दाल, 5 लीटर दूध और 50 रोटियों की खुराक से कर रहा हैरान करने वाले स्टंट बिहार पंचायत चुनाव 2026: आरक्षण और निर्वाचन प्रक्रिया पर निर्वाचन आयोग ने दी स्पष्ट जानकारी एक सिपाही ऐसा भी: घायल को कंधे पर उठाकर अस्पताल पहुंचाया, लोगों के साथ-साथ पुलिस कप्तान ने भी की तारीफ Indian Railways New Rule : रेलवे ने बदला रिजर्वेशन चार्ट का नियम, अब टिकट स्टेटस मिलेगा 10 घंटे पहले IAS Removal Process: कैसे पद से हटाए जाते है IAS अधिकारी, संतोष वर्मा मामले से जानिए पूरी डिटेल Bihar News: अदना सा JE के पास आय से 1.46 करोड़ की अधिक संपत्ति, निगरानी टीम भ्रष्ट अभियंता के ठिकानों पर कर रही छापेमारी vigilance bureau bihar : 5,000 रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार हुआ ASI, निगरानी ब्यूरो की बड़ी कार्रवाई Oscar Shortlist Homebound: ऑस्कर 2026 के लिए शॉर्टलिस्ट हुआ 'होमबाउंड', करण जौहर के लिए गर्व का पल Bihar IPL Cricketers: बिहार के क्रिकेटरों की धाक! IPL में ईशान किशन से लेकर वैभव सूर्यवंशी तक; यहां देखें पूरी लिस्ट IIMC Vacancy: भारतीय जन संचार संस्थान में नौकरी पाने का मिल रहा सुनहरा अवसर, योग्य अभ्यर्थी समय रहते करें आवेदन..
18-Jul-2025 02:36 PM
By Dhiraj Kumar Singh
JAMUI: शुक्रवार की सुबह जमुई में प्रशासनिक हलकों में अचानक अफरा-तफरी का माहौल तब बन गया,जब निगरानी विभाग की एक विशेष टीम ने मत्स्य विभाग के कार्यालय में छापेमारी करने पहुंच गयी। पटना से आई निगरानी विभाग की टीम ने सुबह करीब 11 बजे रेड किया। समाहरणालय के पास स्थित मत्स्य विभाग के दफ्तर में मौजूद कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच इस रेड से हड़कंप मच गया।
सूत्रों की माने तो यह छापेमारी गुप्त सूचना के आधार पर की गयी। निगरानी विभाग को लंबे समय से मत्स्य विभाग में भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही थीं। निगराननी ने कार्रवाई करते हुए मत्स्य विभाग के दो कर्मचारियों को हिरासत में लिया और दोनों से पूछताछ शुरू की। हालांकि,इस पूरे मामले में निगरानी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
कार्रवाई के दौरान टीम ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों और फाइलों की जांच की। इन फाइलों में सरकारी योजनाओं के तहत किए गए खर्च,खरीदारी और भुगतान से संबंधित रिकॉर्ड शामिल हैं। प्रारंभिक जांच में कुछ लेन-देन संदिग्ध पाए गए हैं, जिनकी अब विस्तार से जांच की जा रही है। इस छापेमारी के बाद न सिर्फ मत्स्य विभाग,बल्कि जिले के अन्य सरकारी कार्यालयों में भी हड़कंप मचा हुआ है। अधिकारी से लेकर कर्मचारी अपने-अपने पुराने रिकॉर्ड को खंगालने में लग गये हैं। कई कार्यालयों में अतिरिक्त सतर्कता देखी जा रही है और फाइलों की समीक्षा की जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कार्रवाई राज्य सरकार की 'भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस' नीति के तहत की गयी है। अब सरकारी विभागों में लापरवाही,अनियमितता और पारदर्शिता की कमी को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जमुई में हुई यह कार्रवाई तो एक उदाहरण है, आने वाले समय में अन्य विभागों पर भी निगरानी की नजर है। यह छापेमारी यह भी दर्शाता है कि निगरानी अब पहले से अधिक सक्रिय और सजग हैं।
यदि सरकारी कार्यालयों में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित नहीं की गई,तो ऐसी कार्रवाइयों की संख्या और बढ़ सकती है। यही कारण है कि आए दिन घूसखोर निगरानी के हत्थे चढ़ रहे है। रिश्वत लेने वाले लोग अपनी आदतों से बाज नहीं आ रही है। निगरानी की नजर घूसखोरो पर भी है और सरकारी दफ्तरों में गड़बड़ी कर पैसा अर्जित करने वालों पर है।







