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Success Story: पिता टैक्सी ड्राइवर, चराया भैंस... गरीबी से जंग जीत बनीं IAS अधिकारी, जानिए... सी. वनमथी की संघर्ष भरी कहानी

Success Story: जब ठान लिया जाए तो हर का काम आसान हो जाता है। तमिलनाडु की सी. वनमथी ऐसी ही एक मिसाल हैं। आर्थिक तंगी, सामाजिक दबाव और कई असफलताओं के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और IAS बनीं। जानें...

Success Story

08-Sep-2025 09:21 AM

By First Bihar

Success Story: जब ठान लिया जाए तो हर का काम आसान हो जाता है। UPSC को देश की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में गिना जाता है। हर साल लाखों छात्र इस परीक्षा में बैठते हैं, लेकिन सफल वही होते हैं जो मेहनत, धैर्य और दृढ़ निश्चय के साथ लगातार प्रयास करते हैं। तमिलनाडु की सी. वनमथी (C. Vanmathi) ऐसी ही एक मिसाल हैं। आर्थिक तंगी, सामाजिक दबाव और कई असफलताओं के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और IAS बनकर लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन गईं।


सी. वनमथी का जन्म तमिलनाडु के इरोड जिले के सत्यमंगलम कस्बे में हुआ। उनके पिता एक टैक्सी ड्राइवर थे और परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी। छोटी उम्र से ही वनमथी को घर की जिम्मेदारियां उठानी पड़ीं। स्कूल के बाद वे परिवार की भैंसों को चराने ले जाती थीं और कभी-कभी छोटे-मोटे काम करके परिवार की आमदनी में सहयोग करती थीं।


जब वनमथी ने 12वीं कक्षा पूरी की, तो रिश्तेदारों ने शादी का दबाव बनाना शुरू कर दिया। लेकिन वनमथी का सपना कुछ और ही था, पढ़ाई और कुछ बड़ा करने का। उनके माता-पिता ने समाज के दबाव को दरकिनार कर बेटी का पूरा साथ दिया। उन्होंने कंप्यूटर एप्लिकेशन में पोस्टग्रेजुएशन (MCA) पूरा किया, जो उनकी जिंदगी का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।


वनमथी को IAS बनने की प्रेरणा दो प्रमुख स्रोतों से मिली, एक महिला कलेक्टर, जो उनके गाँव निरीक्षण के लिए आई थीं। टीवी पर आने वाला सीरियल 'गंगा यमुना सरस्वती', जिसमें मुख्य नायिका एक IAS अधिकारी थी। इन दोनों अनुभवों ने वनमथी की सोच बदल दी और उन्होंने तय कर लिया कि उन्हें भी सिविल सर्विस में जाना है।


UPSC की तैयारी करना उनके लिए आसान नहीं था। पहले प्रयास में वे इंटरव्यू तक पहुँचीं लेकिन चयन नहीं हुआ। अगले कुछ प्रयासों में कभी प्रीलिम्स, तो कभी मेन्स में अटकती रहीं। इन कठिनाइयों के बीच उन्होंने Indian Overseas Bank (IOB) में असिस्टेंट मैनेजर के रूप में काम करना शुरू किया। नौकरी के साथ-साथ वे UPSC की तैयारी भी करती रहीं। यही संघर्ष और निरंतरता उनकी सबसे बड़ी ताकत बनी।


लगातार प्रयास और आत्मविश्वास के चलते साल 2015 में वनमथी ने UPSC परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 152 हासिल की। इस सफलता के साथ उन्होंने न सिर्फ अपने परिवार का सपना पूरा किया, बल्कि देशभर की युवतियों को भी यह दिखा दिया कि हालात कितने भी कठिन क्यों न हों, अगर इरादा मजबूत हो तो हर मंज़िल हासिल की जा सकती है। वर्तमान में वे मुंबई, महाराष्ट्र में जॉइंट कमिश्नर (Enforcement), स्टेट टैक्स विभाग में कार्यरत हैं। अगर आप सच्चे दिल से किसी चीज को चाहते हैं और उसके लिए लगातार मेहनत करते हैं, तो कोई भी ताकत आपको मंज़िल तक पहुँचने से नहीं रोक सकती। अगर आप भी UPSC की तैयारी कर रहे हैं या जीवन में किसी भी चुनौती का सामना कर रहे हैं, तो सी. वनमथी की कहानी आपके लिए एक सच्ची प्रेरणा बन सकती है।